*बेमेतरा* (DNH) :- एकीकृत बाल विकास परियोजना खण्डसरा अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्र सेमरिया क्रमांक 02 में कुश कुमार गोस्वामी पिता श्री कृष्ण माता चन्द्रकला का जन्म दिन 11 मार्च 2018 को हुआ । जन्म के समय से बालक कुश मध्यम कुपोषित श्रेणी में था आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के एवं मितानीन के द्वारा बालक कुश के घर में लगातार गृह भ्रमण किया गया। माह सितम्बर 2018 में बालक कुश की तबियत खराब हो जाने के कारण वह गंभीर कुपोषित श्रेणी में चला गया, जिसके कारण उसके वजन में लगातार कमी आती गयी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती अंजनी साहू के द्वारा एवं सेक्टर सुपरवाईजर श्रीमती रुची ठाकुर द्वारा लगातार बच्चे के माता पिता से संपर्क कर दलिया, पौष्टिक खिचड़ी बनाकर खिलाने हेतु समझाया गया। इसके अलावा बाल संदर्भ शिविर के माध्यम से स्वास्थ्य जांच कराकर दवाई उपलब्ध कराई गई जिससे बच्चे के वजन की श्रेणी में सुधार आता गया। सुपोषण अभियान के अंतर्गत बच्चंे को गांव के पंच के द्वारा बच्चे को गोद लिया गया जिससे बच्चे को फुटा चना, गुड़ और मुर्रा पीसकर खिलाने हेतु उसकी मां को दिया गया साथ ही बालक को आंगनबाड़ी केन्द्र द्वारा वितरण किये जाने वाले रेडी टू ईट को प्रतिदिन खिलाया गया जिसके तहत बच्चे का वजन माह अगस्त 2019 में 7.50 कि.ग्रा. गंभीर कुपोषण की श्रेणी में था, जिसे लगातार देखरेख व पौष्टिक आहार खिलाने के बाद माह फरवरी 2020 में 9.90 किग्रा. सामान्य श्रेणी में है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सजगता व देखभाल से बालक कुश अब पूर्णतः स्वस्थ है।






2 जुडवा बहनों के पोषण स्तर मे हुआ सुधार
परियोजना नवागढ़ सेक्टर प्रतापपुर के अंतर्गत ग्राम घोठा ग्राम व ग्राम पंचायत भीमपुरी के राजेश्वरी की जुड़वा बच्चे है, जिसका जन्म तिथि 08 अक्टूबर 2018 को हुआ था। पिता का नाम राकेश गेंड्रे, माता का नाम श्रीमती राजेश्वरी गेंड्रे है। राजेश्वरी की दोनो बालिका का नाम जान्हवी तथा जासमिन है। दोनो बालिका के जन्म के समय वजन 2 किलो 200 ग्राम था जो कि गंभीर कुपोषित के श्रेणी में आता है। दोनो बालिका का वजन क्रमशः 6.00 किलोग्राम व 5 किलो 800 ग्राम 10 माह की आयु में था। कार्यकर्ता द्वारा जन्म के पश्चात बालिका को कंगारू मदर केयर व बच्चे को गर्म रखने का एवं बार-बार स्तनपान कराने हेतु माता को सलाह दिया गया। निरंतर 06 माह तक कार्यकर्ता व मितानीन द्वारा गृह भेंट कर सतत् व संपूर्ण स्तनपान कराने हेतु पे्ररित किया गया। 06 माह बाद आंगनबाड़ी केन्द्र में अन्नप्राशन कराकर उपरी आहार खिलाने हेतु पे्ररित किया गया। सेक्टर प्रतापपुर की पर्यवेक्षक श्रीमती रेखा दीवान, कार्यकर्ता श्रीमती सरिता साहू व मितानीन के द्वारा सयुंक्त रूप से गृह भेंट कर स्वच्छता साफ-सफाई एवं खाने में स्थानीय पौष्टिक खाद्य सामग्री समावेश करने हेतु प्रेरित किया गया साथ ही साथ बालिकाओं को एन.आर.सी भेजने हेतु पालकों को पे्ररित किया गया। बालिकाओं के माता-पिता राजेश्वरी व राकेश गेंड्रे को पोषण पुर्नवास बच्चों को भेजने हेतु पे्ररित किया गया जिसके पश्चात पोषण पुर्नवास भेजा गया। एन.आर.सी. (पोषण पुर्नवास केन्द्र) 15 दिवस रहने के पश्चात् बालिकायें मध्यम श्रेणी में आ गई उनके घर सतत् गृहभेंट किया गया। मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजनांतर्गत ग्राम मुरकुटा तथा भीमपुरी में स्वास्थ्य जांच पश्चात दवाईयाॅं उपलब्ध करा कर दोनो बालिकाओं को लांभान्वित किया गया। पुनः गृह भेंट के द्वारा बालिकाओं को कटोरी चम्मच से खिलाने बच्चों का बर्तन अलग रखने तथा रेडी टू ईट का 06 भाग कर प्रतिदिन विविध रूचिकर व्यंजन तैयार करने की सलाह दी गई। लगातार प्रयास करने से माह जनवरी 2020 में राजेश्वरी की बालिका जान्हवी का वजन 6 किलोग्राम से बढ़कर 8 किलोग्राम हो गया तथा माह फरवरी 2020 जासमिन का वजन 5 किलो 800 ग्राम से बढ़कर 7 किलो 800 ग्राम हो गया। दोनो बालिकाएं गंभीर कुपोषण से सामान्य श्रेणी में आ गई है। आ.बा. कार्यकर्ता सेक्टर पर्यवेक्षक व मितानीन के संयुक्त प्रयास से गंभीर कुपोषित से सामान्य श्रेणी में आने से सफलता प्राप्त हुआ है।