JwalaExpressJwalaExpress

    Subscribe to Updates

    Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.

    What's Hot

    राइट टू हेल्थ बिल का विरोध करना पड़ेगा भारी? गहलोत सरकार ने प्रदर्शनकारियों को दी ये चेतावनी

    March 29, 2023

    कर्नाटक विधानसभा चुनावों की आज होगी घोषणा, सुबह 11:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा EC

    March 29, 2023

    जोगी कांग्रेस से निष्कासित विधायक धर्मजीत सिंह थामेंगे कांग्रेस का हाथ?

    March 29, 2023
    Facebook Twitter Instagram
    Facebook Twitter Instagram Vimeo
    JwalaExpress JwalaExpress
    Subscribe Login
    • होम
    • छत्तीसगढ़
    • देश-विदेश
    • राजनीति
    • क्राइम
    • खेल
    • मनोरंजन
    • व्यापार
    • जरा हटके
    • विविध
      • गृह लक्ष्मी
      • धर्म
      • शिक्षा
      • स्वास्थ्य
      • पर्यटन
    • E-Paper
    JwalaExpressJwalaExpress
    Home»छत्तीसगढ़»छत्तीसगढ़ के दक्षिण वनांचल की आदि परंपरा में शामिल है , 2 गज की दूरियां , जिसे आज पूरी दुनिया अपना रही है ।
    छत्तीसगढ़

    छत्तीसगढ़ के दक्षिण वनांचल की आदि परंपरा में शामिल है , 2 गज की दूरियां , जिसे आज पूरी दुनिया अपना रही है ।

    adminBy adminJune 13, 2020No Comments4 Mins Read

    नारायणपुर (DNH):- पूरी दुनिया कोविड-19 की महामारी से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कर रही है। लेकिन तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, उड़िसा एवं महाराष्ट्र की सरहदों से घिरा तथा लोक संस्कृतियों और सामाजिक परंपराओं का जीवन्त उदाहरण रहा छत्तीसगढ़ का दक्षिण वनांचल बस्तऱ क्षेत्र इस मामले में पुरातन काल से आगे रहा है। प्रकृति के उपहारों से घिरा समूचे बस्तर क्षेत्र में उन्मुक्त प्राकृतिक परिवेश के बीच दूर-दूर घरों में निवास का चलन वनांचल क्षेत्र में पुरातन काल से चली आ रही परंपरा का अहम् हिस्सा है, जो वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) के वैश्विक संदेश का पुरातन संकेत दर्शा रहा है। इस परम्परा के तहत अबूझमाड़िया जनजाति बाहुल्य क्षेत्र नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में निवास करने वाले जनजाति वर्ग के परिवार पुरातन काल से ही दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित वन भूमि पर निवास बनाकर अपना जीवनयापन करने की महत्वाकांक्षी परम्परा वर्तमान समय में उपयोगी साबित हो रही है।

    प्रकृति के बीच सादगी से सेहत का वरदान

    जनजाति बाहुल्य जिलों के ग्रामीण क्षेत्र में जनजाति वर्ग के आदिवासी मूलभूत सुविधाओं से वंचित होकर भी वन भूमि पर निवास बनाकर निवास करते आ रहे हैं एवं इसी अरण्य स्थल में निवास के साथ जीवन का आनन्द उठाते रहे हैं। वर्तमान समय में दूर-दूर निवास की परम्परा सोशल डिस्टेसिंग के मूलभूत सिद्धान्त को पूरा करती नजर आ रही है। जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में आज भी सोशल डिस्टेसिंग पालन के जीवन्त उदाहरणों को आसानी से देखा जा सकता है।

    आदिवासी परिवार में यह चलन है कि परिवार में जितने भी बच्चे हैं उनका अपना अलग घर होता है। परिवार में बड़े बेटे की शादी होने के तुरन्त बाद ही अपने घर से थोड़ी दूरी पर उसका घर बना दिया जाता है और इसी प्रकार अन्य लड़कों का भी शादी के बाद उनका अपना घर अलग बना दिया जाता है। यह अपने आप में आत्मनिर्भर एवं स्वतंत्र जीवनयापन के साथ ही परम्परा सोशल डिस्टेंिसंग को ही अभिव्यक्त करता रहा है। जनजाति क्षेत्र के ग्रामीण इलाको में आज भी अलग-अलग घर बनाकर रहते हैं।

    सेहत के लिहाज से भी बेहतर व्यवस्था है यह

    सेहत की दृष्टि से भी इनके घर अत्यन्त अनुकूल और सादगीपूर्ण हैं। घर के आगे खुला आँगन, चारों तरफ हरियाली ही हरियाली और सूरज की भरपूर रोशनी इनके स्वास्थ्य और शारीरिक दृष्टि से प्रभावकारी होते हैं। आज कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेसिंग का होना ही आवश्यक है। कोविड 19 के बचाव व सुरक्षा के लिए जहां सोशल डिस्टेसिंग को अपनाना सर्वाेपरि प्राथमिकता हो गई है और विश्व स्तर पर माना गया है कि मौजूदा परिप्रेक्ष्य में सामाजिक दूरी ही इस महामारी के प्रसार को रोकने का बेहतर और सहज-सरल एवं स्वीकार्य उपाय है।

    इस दृष्टि से जनजाति अंचलों को इस मायने में आदर्श परंपराओं का आदि संवाहक कहा जा सकता है कि उनमें संक्रमण को रोकने के लिए बचाव के उपाय सदियों से चले आ रहे हैं और यह सामाजिक परंपराओं का हिस्सा रहे हैं। मौजूदा समय में सोशल डिस्टेंसिंग के मामले में जनजाति क्षेत्रों को अग्रणी माना जा सकता है, आज पूरी दुनिया इसे अपना रही है। कोरोना वायरस के संक्रमण से जनजाति क्षेत्र के लोग भी अपनी जागरूकता दिखा रहे हैं तथा मास्क का उपयोग, साबुन से हाथ धोने सहित बहुत जरूरी होने पर ही अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं।

    प्रवासी श्रमिक प्रशासन के लिए बन रहे हैं चुनौती 

    राज्य शासन की मंशानुरूप देश के विभिन्न राज्यों में काम करने गये प्रवासी मजदूर अब अपने गृहग्राम की ओर रूख कर रहे हैं। ऐसे में जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को बनाये रखना प्रशासन के लिए चुनौती भरा काम है। इस चुनौती को कलेक्टर श्री पी.एस.एल्मा के नेतृत्व में जिला एवं पुलिस प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी प्राथमिकता देते हुए जिले को सुरक्षित रखने में लगे हुए हैं। अन्य राज्यों से वापस जिले में आने वाले प्रवासी मजदूरों को सीधे उनके घर न भेजकर सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें जिला प्रशासन द्वारा जिले में बनाये गये 14 क्वारंटाइन सेंटरों में 14 दिनों के लिए संस्थागत कोरांटाईन एवं 14 दिन होम कोरंटाईन में रखा जा रहा हैं। जहां उन्हें सभी जरूरी सुविधायें उपलब्ध करायी जा रही है। जिससे इस वनांचल क्षेत्र की सांस्कृतिक परंपराओं को सुरक्षित रखा जा सके।

    Previous Articleझारखंड के एक परिवार को झगड़ा करने की वजह से , गांव के बाहर भेजा , अब कंद – मूल खा कर गुफा में कर रहे है गुजारा ।
    Next Article जून में लगने वाला सूर्य ग्रहण समाज में मचाएगा खरमंडल, कई दशक बाद ऐसा संयोग ।
    admin
    • Website

    Related Posts

    जोगी कांग्रेस से निष्कासित विधायक धर्मजीत सिंह थामेंगे कांग्रेस का हाथ?

    March 29, 2023

    दहशत मचाने वाला बाघ कैसे हुआ पिंजरे में कैद, हमला कर दो लोगों की ले ली थी जान

    March 29, 2023

    किसानों के लिए वरदान बनी यह सिंचाई योजना, नई पद्धति अपनाने पर अनुदान भी दे रही बघेल सरकार

    March 29, 2023

    छत्तीसगढ़ के बस्तर में 250 साल पुराना प्रदेश का सबसे विशाल पेड़, लोगों के लिए आस्था का केंद्र

    March 29, 2023

    Leave A Reply Cancel Reply

    CG Live Budget
    https://www.youtube.com/watch?v=zxyCMmZYMOc
    RO-12338/99
    RO-12338/99
    Ro No. 12294/99
    Ro No. 12276/48
    Ro No. 12276/48
    संपादक

    ज्वाला प्रसाद अग्रवाल

    www.jwalaexpress.com
    एड्रेस :
    वार्ड क्रमांक 27, झूलेलाल मंदिर के पीछे ,
    सिंधी कॉलोनी , दुर्ग (छत्तीसगढ़ ) पिन कोड - 491001

    मोबाइल : 9993590905, 7000489995
    ई-मेल  : jwalaexpress@gmail.com

    हमारे बारे में
    ज्वाला एक्सप्रेस छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है व साप्ताहिक न्यूज पेपर जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है। इसके साथ ही हम महत्वपूर्ण खबरों को अपने पाठकों तक सबसे पहले पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
    सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।
    Facebook Twitter Instagram Pinterest
    • Home
    • Politics
    • Business
    • Technology
    • Buy Now
    © 2023 ThemeSphere. Designed by ThemeSphere.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

    Sign In or Register

    Welcome Back!

    Login to your account below.

    Lost password?