नई दिल्ली (DNH):- प्रश्न बहुत आसान है. क्या मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में यानी 2019 के बाद मिडिल क्लास पर बहुत ध्यान दिया है? और उत्तर भी बहुत सीधा है- मिडिल क्लास के ज़्यादातर लोग का जवाब एक सेकंड में मिल जाएगा – क़तई नहीं! लेकिन क्या ये सवाल जवाब वाक़ई इतना ही सीधा और इतना ही आसान है? अगर ऐसा ही है तो फिर वो सारे सर्वे कहाँ से आ रहे हैं जिनमें प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता बढ़ती दिखाई दे रही है? एक इशारे पर ताली थाली बजाने से लेकर दीये जलाने तक के लिए बड़ी संख्या और बड़ा उत्साह कहाँ से आ रहा है? तो अब इस सवाल को दरअसल उल्टा करके पूछना चाहिए. क्या 2019 के बाद भी मोदी सरकार को मिडिल क्लास के लिए कुछ करने की ज़रूरत रह गई थी? सवाल ऐसे क्यों पूछना है, यह बात समझना ज़रूरी है. तो अब अपने आसपास के मिडिल क्लास के लोगों का सर्वे करके देखिए. आम तौर पर मिडिल क्लास के लोग इस बात से बहुत दुखी हैं कि सरकार ने उनके लिए कुछ नहीं किया. क्या नहीं किया इसके भी एक नहीं अनेक उदाहरण मौजूद हैं. एक साँस में गिना डालेंगे. लेकिन साँस टूटे बिना दूसरी लाइन आ जाएगी – तो भाई इससे पहले की किस सरकार ने मिडिल क्लास के लिए कुछ किया था? न अब तक किसी ने किया न ये कर रहे हैं.





