*रायपुर* (DNH):- छत्तीसगढ़ में 2 जून दिन मंगलवार देर शाम तक कोरोना संक्रमण के 26 नए केस सामने आए हैं। इनमें जशपुर में 5, बिलासपुर, कोरबा, बालोद, बलौदाबाजार व मुंगेली में 3-3, जांजगीर चांपा में 2, रायगढ़, गरियाबंद व कोरिया में 1-1 संक्रमित मिला है। इसके बाद प्रदेश में कोरोना संक्रमिताें का आंकड़ा 550 के पार हो गया है। अब एक्टिव केस 441 हो गए हैं। हालांकि ठीक होने वालों की संख्या 131 है। वहीं संक्रमण से 1 जून दिन सोमवार देर रात 9 साल की बच्ची की मौत हो गई। एक दिन पहले ही तबीयत खराब होने पर उसे सिम्स में भर्ती कराया गया था। मौत के बाद बच्ची की रिपाेर्ट पॉजिटिव आई है। प्रदेश में यह कोरोना से दूसरी मौत है। इससे पहले रायपुर के बिरगांव में एक युवक की मौत हो गई थी। वहीं मुंगेली में सोमवार को मिले संक्रमितों में एक पुलिस कांस्टेबल भी शामिल है। रायपुर में भी कंटेनमेंट जोन की संख्या में इजाफा हो गया है। तीन नए जोन बनाए हैं। वहीं प्रदेश में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ा है। प्रदेश के 28 में से 16 जिले रेड जोन में शामिल हो गए हैं। इनमें रायपुर भी शामिल है। इसके अतिरिक्त बिलासपुर, रायगढ़, बालोद, कोरबा, राजनांदगांव, अंबिकापुर, कवर्धा, बलरामपुर, बस्तर, बेमेतरा, जशपुर, कांकेर, कोरिया, महासमुंद और मुंगेली शामिल हैं।






574 संक्रमित मिले : दुर्ग-12, राजनांदगांव -38, बालोद-30, बेमेतरा -20, कवर्धा -19, रायपुर-18, धमतरी -6, बलौदाबाजार- 23, महासमुंद -20, गरियाबंद-7, बिलासपुर-64, रायगढ़-20, कोरबा-54, जांजगीर-चांपा- 15, मुंगेली-87, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही-3, सरगुजा-10, कोरिया-30, सूरजपुर-8, बलरामपुर-16, जशपुर-41, जगदलपुर-3, कांकेर-20 , 441 एक्टिव केस : दुर्ग-2, राजनांदगांव-37, बालोद-19, बेमेतरा-20, कवर्धा-7, रायपुर-9 (मौत-1), धमतरी-5, बलौदाबाजार-16, महासमुंद-20, गरियाबंद-3, बिलासपुर-58, रायगढ़ -20, कोरबा-21, जांजगीर-चांपा-3, मुंगेली-84, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही -3, सरगुजा-9, कोरिया-29, सूरजपुर-1, बलरामपुर-16, जशपुर -41, जगदलपुर- 3, कांकेर-17 , 131 मरीज स्वस्थ हुए : दुर्ग-10, राजनांदगांव-1, बालोद-11, कवर्धा-12, रायपुर-8, बलौदाबाजार-7, गरियाबंद -4, बिलासपुर-6, कोरबा -32, जांजगीर-चांपा-12, कोरिया 1, सूरजपुर-7, मुंगेली-3, कांकेर-3, धमतरी-1, सरगुजा-1
*छत्तीसगढ़ में स्थित ।*
1 जून दिन सोमवार को बिलासपुर रेलवे स्टेशन में उदना से हावड़ा जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में प्रदेश के श्रमिकोें को जिला प्रशासन व कर्मचारियों ने उतारने से मना कर दिया। इस पर उसमें सवार 121 श्रमिकों ने चलती ट्रेन से कूदने की धमकी दी। इसके बाद उन्हें नीचे उतारकर गांव की ओर रवाना किया गया। ट्रेन करीब 10 बजे दुर्ग रेलवे स्टेशन पहुंची। वहां पर कुछ लोगों के टिकट चेक किए गए तो पता चला कि उनका टिकट मुंबई से हावड़ा तक का है ऐसे में उन अधिकारियों ने श्रमिकों को नीचे उतारने से मना कर दिया।
बुधवारी बस्ती के गांधी चौक के निकट निवासरत वशीर खान की मौत सोमवार की सुबह हो गई। वे अपने 4 परिजनों के साथ विगत 21 मई से मिनीमाता गर्ल्स कॉलेज क्वारैंटाइन सेंटर में थे। देर शाम जब एम्स रायपुर से वशीर खान की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट जब निगेटिव आई तब सबने राहत की सांस ली। बड़ी बेटी अजीमुन्निशा की शादी बिहार के कटिहार में हुई है। उनके अब्बा, अम्मी व छोटी बहन उसे लेने वहां आए थे। 24 मार्च से लॉकडाउन हो गया और वे वहां फंस गए। 20 मई को ये लोग वहां से वापस निकले।
रेड जोन मुंबई से लौटे खुज्जी गांव का एक युवक कोरोना संक्रमित पाया गया। युवक को क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया था। रैपिड टेस्ट में रिपोर्ट निगेटिव आई थी। संदिग्ध होने की वजह से युवक के स्वाब का सैंपल जांच के लिए एम्स भेजा गया था। इसके पहले ही स्वास्थ्य अमले से 14 दिन की क्वारैंटाइन अवधि पूरी हो जाने पर युवक को 30 मई को घर भेज दिया। दूसरे दिन 31 मई की रात सैंपल रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। युवक परिजन, पड़ोसियों के साथ ही मित्रों के संपर्क में आया है।
सरिया क्षेत्र के ग्राम सांकरा क्वारैंटाइन सेंटर में 27 मई को क्वारेंटाइन किए गए वृद्ध की हालत बिगड़ गई। जिसे इलाज के लिए स्थानीय प्रशासन की मदद से बरमकेला स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। हालत गंभीर देख चिकित्सकों ने उसे मेकाहारा रेफर कर दिया। शनिवार शाम उसकी कैजुअल्टी वार्ड में मौत हो गई। डॉक्टरों ने पुलिस को जानकारी दिए बिना ही शव परिजन को सौंप दिया। कोतवाली पुलिस ने जानकारी नहीं दिए जाने की बात कही है। निवासी कुनु दास (54) 27 मई को ओडिशा के झारसुगुड़ा से आया था।
*बिलासपुर में 9 साल की बच्ची ने इलाज के दौरान दम तोड़ा ।*
बिलासपुर में 1 जून दिन सोमवार को कोरोना संक्रमण से 9 साल की एक बच्ची की मौत हो गई। तबीयत खराब होने पर बच्ची को सिम्स में भर्ती कराया गया था। मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने बच्ची का शव परिजनों को सौंप दिया और उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। इसके बाद रिपोर्ट आई तो पता चला कि बच्ची कोरोना पॉजिटिव थी। अब स्वास्थ्य विभाग ने परिवार के संपर्क में आए 38 लोगों का सैंपल लिया है।
मस्तूरी के डंगनिया निवासी बच्ची 29 मई को प्रयागराज से माता-पिता के साथ लौटी थी। इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। परिजनों ने उसे सिम्स में भर्ती करा दिया। बाहर से आने के कारण बच्ची और परिजनों का सैंपल लिया गया था। इसके बाद अगले दिन 30 मई को बच्ची की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि बच्ची ब्लड कैंसर से पीड़ित थी। बच्ची की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने शव परिजनों को सौंप दिया। प्रशासन ने गांव को सील कर दिया है।
सिम्स को बच्ची की मौत को लेकर जानकारी नहीं
सिम्स ने बच्ची की मौत को लेकर अपना पल्ला झाड़ लिया है। उन्हें इसकी भी जानकारी नहीं है कि बच्ची की मौत हो चुकी है। अस्पताल की नोडल डॉक्टर आरती पांडे का कहना है कि मस्तूरी की बच्ची 30 मई आई थी। उसे रायपुर रेफर किया था, लेकिन वो कहां गई पता नहीं? सीएमओ के बजाए हमने पुलिस को मामले की सूचना दी थी। उसकी मौत हुई है या नहीं, उन्हें पता नहीं है। हालांकि कल उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी।
*सरकंडा में 10 से ज्यादा मरीज ।*
सरकंडा में 2 जून दिन मंगलवार को एक पूरी बिल्डिंग को सील कर दिया गया है। जबकि कॉलोनी को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया गया है। इस बिल्डिंग में 10 से ज्यादा कोरोना संभावित होने की जानकारी सामने आई है। दूसरी ओर जिले में सोमवार को 11 पॉजिटिव मिले थे। इनमें 9 वर्षीया बच्ची भी शामिल थी। अब तक जिले में संक्रमण के 61 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 6 ही सही हुए हैं, जबकि 54 केस अभी भी एक्टिव हैं।
*स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड-19 की जांच और इलाज की व्यवस्थाओं की समीक्षा की ।*
स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने आज प्रदेश में कोविड-19 की जांच और इलाज की व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने राज्य कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की बैठक में कोविड-19 के इलाज के लिए बनाए जा रहे विशेषीकृत अस्पतालों का काम जल्द से जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कोरोना वायरस के अधिक से अधिक संदिग्ध संक्रमितों की जांच के लिए बिलासपुर, अंबिकापुर और राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में लैब की स्थापना के काम में तेजी लाने कहा। अभी रायपुर के एम्स और डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय तथा जगदलपुर और रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में कोरोना वायरस की आरटीपीसीआर जांच हो रही है। इसके साथ ही रायपुर के लालपुर स्थित लैब में ट्रू-नाट विधि से सैंपल जांच की जा रही है।
कोविड-19 के उपचार के लिए प्रदेश के दस डेडिकेटेड अस्पतालों में दो हजार बिस्तरों की व्यवस्था की जा रही है। एम्स और डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में 500-500, जगदलपुर और राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 200-200 तथा माना सिविल अस्पताल, बिलासपुर जिला अस्पताल, ई.एस.आई.एस. अस्पताल कोरबा, रायगढ़ व अंबिकापुर शासकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल एवं शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज भिलाई में 100-100 बिस्तरों पर कोरोना वायरस संक्रमितों के इलाज के इंतजाम किए जा रहे हैं। प्रदेश के 115 आइसोलेशन सेंटर्स में भी 5515 बिस्तर हैं, जहां कोविड-19 मरीजों का उपचार किया जा सकता है।
स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने बैठक में जांच किट, पीपीई किट, वीटीएम, वेंटिलेटर्स, एन-95 मास्क, ट्रिपल लेयर मास्क और सर्जिकल मास्क की उपलब्धता एवं आपूर्ति की भी समीक्षा की। उन्होंने कोविड-19 का इलाज कर रहे डॉक्टरों और संक्रमितों की देखभाल में लगे मेडिकल स्टॉफ को सभी आवश्यक संसाधन एवं व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपाय उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बैठक में स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, ओएसडी श्री राजेश सुकुमार टोप्पो, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं श्री नीरज बंसोड़, संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. एस.एल. आदिले, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला और नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन श्री नीलेश क्षीरसागर सहित स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
*फास्टरपुर थाने में पदस्थ आरक्षक को हुआ कोरोना ?*
छत्तीसगढ़ में पुलिसकर्मियों को भी कोरोना अपनी चपेट में ले रहा है। मुंगेली जिले के फास्टरपुर थाना में पदस्थ 1 कांस्टेबल भी कोरोना संक्रमित पाया गया है। सोमवार रात को इसकी पुष्टि होने के बाद इलाज के लिए रायपुर एम्स ले जाया गया है, कर्मचारी की ड्यूटी बैरियर पर लगी हुई थी। एडिशनल एसपी सीडी तिर्की ने बताया मुताबिक इनके संपर्क में आए पुलिस कर्मचारियों और सामान्य लोगों की लिस्ट तैयार की जा रही है। थाने को सैनिटाइज किया जा रहा है, करीब 30 लोगों की पहचान की गई है। अब उनके भी सैंपल लेने और क्वारैंटाइन में रखने की प्रक्रिया की जा रही है। आईजी दिपांशू काबरा ने ट्वीटर पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा कि वो संक्रमित पाए गए लोगों को सलाम करते हैं।
मुंगेली में अब तक 84 लोगों को कोरोना संक्रमण हो चुका है। स्वास्थ विभाग की मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से 3 लोग ठीक हो चुके हैं। इसके बाद बिलासपुर में अब तक 61 और कोरबा में 51 कोरोना संक्रमितों की पहचान की जा चुकी है। यह छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में कोरोना संक्रमण की सबसे अधिक संख्या है। मुंगेली जिले में 1487 क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं, जिनमें प्रवासी श्रमिकों को रखा गया है। कोरोना से जुड़ी व्यवस्थाओं के लिए शासन से मिलने वाली राशि में कमी की वजह से ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने व्यवस्था में कोताही बरतनी शुरू कर दी है। इस वजह से क्वारेंटाइन सेंटर में रहने वाले प्रवासी श्रमिकों और सरपंच-सचिव में आए दिन विवाद हो रहा है।
*उद्योगों के संचालन में कोरोना संक्रमण से बचाव की गाईड लाइन का गंभीरता से पालन किया जाए : श्री भूपेश बघेल ।*
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने लॉक डाउन के बाद प्रदेश में शुरू हुए उद्योगों में कोरोना संक्रमण से बचाव की गाईड लाइन सहित सभी एहतियाती उपायों का गंभीरता से पालन करने की जरूरत पर बल दिया है। श्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में उद्योगपतियों से चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉक डाउन के 60 से 70 दिनों बाद औद्योगिक गतिविधियां प्रारम्भ हुई हैं, ऐसे में यह आवश्यक है कि उद्योगों में काम करने वाले संक्रमण से सुरक्षित रहें। काम करने वालों के स्वास्थ्य की जांच सहित गाइड लाइन का पालन किया जाए और स्थानीय उद्योगों में काम करने वाले लोगों को बाहर से आने वाले लोगों के सम्पर्क से दूर रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान उद्योगों की समस्याओं की जानकारी ली और उद्योगपतियों को उनके समाधान के लिए राज्य सरकार के स्तर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर भी इस अवसर पर उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की यह मंशा है कि छत्तीसगढ़ इंडस्ट्रियल हब बने, यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार मिले और राज्य सरकार को भी उद्योगों से राजस्व की प्राप्ति हो। उद्योगपतियों ने चर्चा के दौरान कहा कि नई सरकार बनने के बाद प्रदेश में अच्छा औद्योगिक वातावरण बना है। अधिकारी उद्योगों की समस्याएं सुन रहे हैं और उनके निराकरण का प्रयास भी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों से कहा कि कोरोना संकट से यह सीख मिली है कि उद्योगों के संचालन में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाए। स्थानीय श्रमिकों को उद्योगों की आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षण देकर उनके कौशल का उन्नयन किया जाए। साथ ही स्थानीय विशेषज्ञों की सेवाएं ली जाएं। मुख्यमंत्री ने बताया कि बाहर से आने वाले श्रमिकों की स्किल मैपिंग करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। मैपिंग के बाद श्रमिकों की तैयार की जाने वाली सूची से उद्योगों को उनकी आवश्यकता अनुसार दक्ष श्रमिकों की सेवाएं लेने में आसानी होगी।
बैठक में उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि पुरानी औद्योगिक नीति के तहत स्थापित उद्योगों को उस समय की औद्योगिक नीति में दी जाने वाली रियायतों का लाभ मिलना चाहिए। उद्योगपतियों ने भूखण्डों को फ्री होल्ड करने के नियमों में संशोधन के लिए भी आग्रह किया। उन्होंने बताया कि फ्री होल्ड हेतु भूखण्ड के लिए जो सीमा निर्धारित की गई है, उससे बड़े आकार के भूखण्डों पर उद्योग स्थापित हैं इसलिए इस प्रावधान का लाभ उद्योगों को नहीं मिल पा रहा है। उद्योगपतियों ने भूमि अधिग्रहण में आ रही दिक्कतों और उद्योगों के लिए जलकर की दरों के संबंध में भी ध्यान आकर्षित किया। मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों की इन समस्याओं के निराकरण के लिए गंभीरता पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।
बैठक में मेसर्स श्री सीमेंट लिमिटेड के श्री रवि तिवारी, मेसर्स आर.आर. इस्पात के श्री दिनेश अग्रवाल, मेसर्स मां कुदरगढ़ी एल्यूमिना रिफायनरी प्रायवेट लिमिटेड के श्री अनिल कुमार अग्रवाल, एस.के.एस इस्पात एण्ड पावर लिमिटेड के श्री हरिहरण, मेसर्स प्रकाश इंडस्ट्रिज लिमिटेड श्री ए.के. चतुर्वेदी, मेसर्स गोपाल स्पंज एंड पावर लिमिटेड के श्री विजय आनंद झावर, मेसर्स रामा पावर एंड स्टील प्रायवेट लिमिटेड के श्री संजय गोयल, मेसर्स बजरंग एलायस लिमिटेड के श्री नरेन्द्र गोयल, मेसर्स गोयल जेनिथ एग्रो प्रायवेट लिमिटेड के श्री विरेन्द्र गोयल भी उपस्थित थे।