बैकुंठपुर (DNH):- कोरिया जिले में मनरेगा के तहत बनाए गए गौठान को नाले की भूमि पर बना दिया, बारिश में यह नाला पूरे उफान पर रहता है, बने गौठान को नाला दो भागों में बांटता है। स्थल चयन में लापरवाही के कारण 8 लाख रू किसी काम का नहीं रहा। अब अफसर व पंचायत सचिव द्वारा प्राकृतिक नाले को डायर्वट करने की बात कही जा रही है।



इस संबंध में कुंवारपुर ग्राम पंचायत के सचिव इंद्रपाल यादव का कहना है कि नाले को डायर्वट कर दिया जाएगा, एसडीओ आरईएस के कहने पर स्थल का चयन किया गया था, इंजीनियर आते रहे हैं काम देखने। जब उनसे पूछा गया कि राशि कहां से आएगी डायर्वट करने के लिए तो उन्होंने कहा कि सीपीटी जो हमने बनाई है ज्यादा पानी आएगा तो उसे तोड़ देंगे, पानी उसमें से निकल जाएगा।
वहीं भरतपुर के आरईएस के एसडीओ श्री कंवर का कहना है उसके लिए सीपीटी खुदवाई जा रही है, नाले को डाइवर्ट किया जाएगा, स्थल चयन में गड़बड़ा गया है।
जानकारी के अनुसार कोरिया जिले में गोठान योजना के फ्लाप होने के बाद अब राज्य सरकार ने इसका नाम बदल कर दी जानी वाली राशि में भारी कमी कर दी, अब इसका नाम सामुदायिक मवेशी आश्रय स्थल रख दिया और इसके लिए मात्र 8 लाख रू की राशि जारी कर दी।
इसके तहत कोरिया जिले के भरतपुर जनपद के ग्राम पंचायत कुंवारपुर में भैसालोटा नामक नाले सामुदायिक मवेशी आश्रय स्थल का निर्माण शुरू कर दिया गया, स्थल चयन के समय सिर्फ एक बार आरईएस के एसडीओ ने निर्माण कार्य की सहमति प्रदान की, जिसके बाद सामुदायिक मवेशी आश्रय स्थल के चारों ओर वायर फेंसिंग, पोल लगाए गए और सीपीटी बनाई गई। निर्माण के समय से ही ग्रामीण नाले पर गौठान को लेकर विरोध कर रहे थे, परन्तु किसी ने उनकी एक नहीं सुनी। निर्माण कार्य में 4 लाख रुपये की मजदूरी का भुगतान भी हो गया।
अब पंचायत सचिव सामुदायिक मवेशी आश्रय स्थल से निकलने वाले नाले को डायर्वट करने की बात कह रहे हंै। सामुदायिक मवेशी आश्रय स्थल में और भी कई कार्य अभी अधूरे है, यहां नलकूप खनन का कार्य हो चुका है। बताया जाता है कि अभी पोल, वायर फेंसिग का काम के बाद जैसे जैसे राशि आएगी और काम होता जाएगा।
नहीं है कोई काम
ग्रामीणें की मानें तो भरतपुर के बहरासी से अंदर जाने वाले रास्ते में कुंवारपुर, आरा, माथमोर, ककलेडी जैसे कई गांव है, इन गांव की सुध लेने कभी कभार की कोई अधिकारी जाता है। स्वास्थ्य सुविधाओं का यहां हाल बेहाल है। इसके साथ यहां अन्य योजनाओं का लाभ भी लोगों को बडी मुश्किल से मिल पाता है। इन दिनों यहां के लोग खाली बैठें है यहां के ग्रामीणों ने काम की मांग भी की थी, परन्तु कुंवारपुर में कोई काम नहीं खुल पाया है।
पूरे उफान पर रहता है नाला
कुंवारपुर का भैसालोटा नाला बारिश में पूरे उफान पर रहता है, यह बने सामुदायिक मवेशी आश्रय स्थल को दो भागों में बांटता है, निर्माण स्थल के बीच में से नाले का पानी बहुत ज्यादा मात्रा में निकलता है। ऐसे में ग्रामीणों की मानें तो गलत स्थल चयन के कारण सामुदायिक मवेशी आश्रय स्थल का कोई उपयोग नहीं हो पाएगा।