*दुर्ग* (DNH):- – छत्तीसगढ़ में कोरोना की तेजी के साथ बढ़ती हुई रफ्तार , सरकार के लिए चिंता का सबब ? बाहर से आए लोग और मजदूर , अब भी छुपा रहे है , अपने आपको और बीमारी को ? ऐसे मरीजों के पारिवारिक सदस्य भी , जानकारी छुपा रहे है सरकार से ? खुद की जान जोखिम में डालकर , दूसरो को भी मौत की तरफ ले जा रहे लोग ? इस संक्रमित बीमारी का तोड़ नहीं है सरकार के पास , इस सच्चाई को कबूल क्यों नहीं कर रहे लोग ? सावधानी और स्वच्छता ही बचाव है फिलहाल लोगो के पास ? सरकार के आदेशों और बताए गए नियमो का पालन कही भी नहीं हो रहा है छत्तीसगढ़ के भीतर ? लॉक डाउन खोलने के बाद , बढ़े है मरीज ? स्थिति यूं ही रही तो , छत्तीसगढ़ भी होगा अन्य राज्यो की तरह खतरनाक स्थिति में ? बीमारी से ग्रस्त और अन्य राज्यो से आए रहवासी सामने आकर , कोरोना को रोकने में करे सरकार की मदद ? जरा सी भी लापरवाही और अतिआत्म विश्वास खुद को ले जा सकती है मौत के मुंह में ? इसलिए सामने आकर कराए अपना इलाज ? सरकार कर रही है , हर संभव मदद , जो इलाज फिलहाल सरकार मुफ्त में कर रही है , वही इलाज निजी अस्पतालों में लाखो खर्च के बावजूद संभव नहीं है ? इसलिए जान गंवाने और पैसों की बर्बादी से बचने के लिए , निसंकोच दे सरकार का साथ ? अपना तो ना सही , परिवार को मौत के मुंह में ले जाने से बचाए , अपना इलाज कराकर ? आपकी मानवता के प्रति , एक अच्छी सोच , आपको और आपके परिवार को बचा सकती है मौत से ? फिलहाल देश – मानव धर्म की सोचकर सामने आए , छुपने – छुपाने से सिर्फ , आपका ही होगा नुक़सान ? पैसों की बर्बादी , मौत का सामना , जेल यात्रा और जिंदगी से मोहब्बत , सबकुछ है अपने हाथो में ? इसलिए अपनी जिम्मेदारी और देश के सच्चे नागरिक होने का परिचय देते हुए , सामने आकर अपना इलाज करवाए , यही एक सच्ची देश भक्ति हो सकती है , कृपया सामने आए ?




*दिल्ली से आकर अपने आप को और बीमारी को छुपता रहा युवक , जांच हुई तो कोरोना का मरीज निकला ।*
दुर्ग जिले में गांव तक कोरोना पहुंच गया है। पाटन क्षेत्र के अमलेश्वर में कोरोना का एक पॉजिटिव मरीज 3 जून दिन बुधवार की देर रात मिला है। एम्स से रिपोर्ट आने के बाद इसकी पुष्टि हुई है। उसे जुनवानी स्थित कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 25 मई को वह दिल्ली से रायपुर की फ्लाइट (2912) पकड़कर रायपुर आया और वहां से ऑटो लेकर अमलेश्वर गांव के ग्रीन अर्थ कॉलोनी स्थित अपने फ्लैट पहुंचा। यहां से तीन दिनों बाद उसने स्वत: एम्स पहुंचकर कोरोना की जांच कराई है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद एम्स ने उसे हॉस्पिटल शिफ्ट करने के लिए जब सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह को सूचना दी। तब इस मामले का खुलासा हुआ। सूचना मिलते ही मरीज को कोविड-19 अस्पताल जुनवानी में शिफ्ट कराया गया है। उपचार जारी है। अमलेश्वर की वीआईपी कॉलोनी में रहने वाले इस मरीज ने अपनी ट्रेवलिंग हिस्ट्री छिपाई। न तो स्थानीय पुलिस को न ही ब्लाक मुख्यालय के स्वास्थ्य अधिकारी को इसकी जानकारी दी। स्वयं एम्स जांच कराने के बाद भी उसके बारे में किसी भी स्थानीय अधिकारी को नहीं बताया। एम्स में सैंपल देने के बाद ही वहां की काउंसलर ने होम क्वारेंटाइन के सभी नियम-कानून बताया, लेकिन उसने घर आने के बाद उसका पालन नहीं किया। कॉलोनी के अंदर इधर-उधर घूमने के साथ बाहर बाजार में सब्जी खरीदने भी जाता रहा। गाड़ी में हवा भराने भी खुद ही गया था। एम्स में सैंपल देने के बाद ही वहां की काउंसलर ने होम क्वारेंटाइन के सभी नियम-कानून बताया, लेकिन उसने घर आने के बाद उसका पालन नहीं किया। कॉलोनी के अंदर इधर-उधर घूमने के साथ बाहर बाजार में सब्जी खरीदने भी जाता रहा। गाड़ी पंचर भी बनाया।
*मार्च से दिल्ली में था, खुलते ही यहां लौटा है ?*
युवक कुरियर में काम करता है। मार्च के दूसरे सप्ताह में वह कुरियर के काम से दिल्ली गया। 25 मार्च को लॉकडाउन-1 का ऐलान हो जाने से फंस गया। जैसे ही फ्लाइट शुरू हुई 25 मई को रायपुर पहुंचा। एयरपोर्ट से उसकी कॉलोनी करीब में ही होने के नाते ऑटो लिया। घर पहुंचकर रहने लगा। घर वालों के कहने पर तीन दिनों बाद एम्स जाकर जांच कराया।
*जिम्मेदारों से भी हो गई ये गलती ?*
पेड क्वारेंटाइन में नहीं भेजा: फ्लाइट से रायपुर पहुंचने के बाद एयरपोर्ट अथाॅरिटी या स्वास्थ्य विभाग के आईडीएसपी डिपार्टमेंट ने इस मरीज को पेड क्वारेंटाइन में भेजने की बजाए घर जाने की छूट दे दी। फ्लाइट शुरू करने से पहले ही यूज करने वालों को पेड क्वारेंटाइन में जाने का नियम बना दिया गया है। दिल्ली से रायपुर आने के बाद जिम्मेदारों की जो चुक हुई सो हुई ही, एम्स में सैंपल देने के बाद भी उनको इस मरीज के बारे में कुछ पता नहीं चला पाया। एम्स और राज्य सरकार की एजेंसियों के बीच कोआर्डिनेशन पूरी तरह फेल रहा। एयरपोर्ट से भी सूचना नहीं दी गई।
कॉलोनी के 200 परिवार की आवाजाही पर पाबंदी , ग्रीन अर्थ कालोनी को 14 दिनों के लिए सील करना पड़ा , पंचर वाले और सब्जी विक्रेता को क्वारेंटाइन कराना पड़ा , क्लोज कांटेक्ट में आने वाले सभी लोगों के सैंपल लेने पड़े , कॉलोनी के 200 परिवार की आवा-जाही बंद करानी पड़ी , जिस ऑटो को यूज किया, उसको ढूंढने कर्मचारी लगाने पड़े।
*क्यो स्वार्थी हो गए है लोग , जो मानवता को कुचलने के लिए आतुर है ?*
जबसे कोरोना का आगमन देश – दुनिया में हुआ है और दवाई के विकल्प के रूप में कुछ सावधानियों और स्वच्छता के तहत नियम बनाए गए है और देश भर में , उसे लागू , जनहित में किया गया है , तबसे चंद स्वार्थी तत्वों द्वारा , ना जाने क्यों , बार बार देशहित और जनहित में बनाए गए नियमो को तोड़ कर , मानवता को कुचलने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है ? वो तो समय रहते , स्वार्थी तत्वों की कारगुज़ारी उजागर हो जाती है , इसलिए देश और देशवासी , किसी बड़े नुक़सान से बचते अा रहे है ? लेकिन काफी हद तक लोगो को महामारी के चपेट में ला दिए रहते है , जिसका खामियाजा सरकार और देश की जनता को भुगतना पड़ता है और पड़ गया है ? अब तक सरकार के प्रत्येक आदेशों और नियमो को लोगो के द्वारा , तोड़ा गया है , महामारी के फैलते ही सरकार के द्वारा , जो अपना जांच करवाने सामने नहीं आ रहे थे , उनसे बार बार निवेदन किया गया कि , वे सामने आकर , जनहित में , परिवार हित में , अपना जांच करवाए , लेकिन कई लोगो ने सीधे तौर पर सरकार के निवेदन को नकार दिया और अपनी मनमानी करने लगे ? परिणाम यह हुआ कि , आज देश के भीतर ढाई लाख के करीब , कोरोना के मरीज है , और 2 – 4 दिन के भीतर हम 3 लाख की संख्या को पार कर देंगे , तो कोई आश्चर्य नहीं होगा ? जिनमें से कई लोगो की असमय मौत हो गई है , तो कई मौत की कगार पर खड़े हुए है ? आज जब पूरा देश एकजुट होकर महामारी से लड़ रहा है , तब ऐसे में स्वार्थी तत्वों द्वारा , अपनी बीमारी को छुपाया जा रहा है , जो स्वयं के साथ साथ , परिवार के लिए भी घातक साबित हो सकती है और हो भी गई है ? हालांकि ऐसे लोगो के खिलाफ , सरकारी आदेश पर , पुलिस के द्वारा मामला दर्ज किया जा रहा है , लेकिन क्या अपराध दर्ज कर , कार्यवाही किया जाना स्वार्थी तत्वों के लिए उचित है ? ऐसे लोगो को कठोर से कठोर दण्ड दिया जाना चाहिए ? क्यो कि , एक तरफ जहां उन्होंने सरकारी आदेशों और नियमो को तोड़ते हुए देश की अवमानना की , तो वहीं जनसमुदाय को जानबूझकर खतरे में डालते हुए , मौत के मुंह में पहुंचाया ? तो क्या ऐसे लोगो के लिए की जा रही कार्यवाही , मामूली साबित नहीं होगी ?
*अब भी समय है , रोगग्रस्त सामने आए ?*
अतिआत्मविश्वास में जी रहे लोगो ने , सीधे तौर पर कोरोना को आमंत्रित किया है , अपने साथ साथ , दूसरो की जिंदगी को भी महामारी की चपेट में लाकर खड़ा कर दिया है , ऐसे लोगो की लापरवाही के कारण , सरकार और जनता किन किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है , इस बात की जानकारी स्वार्थी तत्वों को होती है ? वे सब कुछ जानबूझकर करते है कि , उन्हें कुछ नहीं होगा और कुछ हुआ है ? ऐसे अतिआत्मविश्वासी व्यक्ति देश और देशवासियों के लिए घातक साबित होते जा रहे है ? ऐसे लोगो के लिए , सरकार का सिर्फ यही संदेश है कि , अभी भी समय है , जान बचानी है तो सामने अा जाओ ? वर्ना जेल या मौत पक्की है ?
*कोरोना को फैलाने में दोषी कौन ?*
कोरोना एक महामारी के रूप में सामने आई है , जिसका इलाज फिलहाल कही भी नहीं है ? इस महामारी का इलाज सिर्फ हमारी – अपनी सावधानियां है ? हमे ही अपने आपको , दूसरो से बचाकर रखना है , आज भले ही सरकार के आदेश और नियम , लोगो को बच्चो का खेल लगे , लेकिन सच्चाई यही है कि , मास्क पहनना है , एक – दूसरे से दूरियां बनाकर रखनी है , घर में ही रहना है , हाथ और मुंह को समय – समय पर धोते रहना है , इसी नियम को अब अपनी जिंदगी में अनिवार्य रूप से , कठोरता के साथ अपनाना होगा , तभी हम काफी हद तक बच सकते है ? भले ही यह नियम कुछ अटपटा सा लगे , लेकिन भविष्य में जीने के लिए , यही एक सच्चाई है , जिसे स्वीकार करना ही होगा , सरकारी नियमो का , अपनी जिंदगी में पालन करना ही होगा ? तभी हम बच सकते है ? कोरोना यदि दुनिया में फैली है , तो इसके दोषी हम ही है , क्योंकि , सरकारी आदेशों के बावजूद , हमने एक दूसरे से मिलना नहीं छोड़ा और ना ही मुंह में मास्क पहनने की कोशिश की , यही हमारा अपराध है , किसी अन्य पर दोषारोपण करना , हमारी मूर्खता को साबित करती है , हमने कल भी यही सोचा और आज यही सोच कर चल रहे है कि , कोरोना हमें छु नहीं सकता ? ये हमारी गलतफहमी है , हमारी गलतियों के कारण ही , आज देश के भीतर ढाई लाख के करीब कोरोना के मरीज है , जो लगातार बढ़ ही रहा है और आगे आने वाले दिनों में , इसका स्वरूप और भयानक होगा ? कोरोना को फैलाने में , जितनी अहम भूमिका लोगो की है , उतनी ही इस आग में घी डालने काम , तब्लीगी जमात के लोगो ने किया ? उसके बाद शराब भट्ठियों की लाईनों ने ? और रही सही कसर को मजदूरों ने पूरा कर दिया , घर वापसी करके ? कोरोना की रफ्तार पर गौर करें तो , इन्हीं तीन गलतियों के कारण , देश भर में कोरोना फैली है ? इसके बावजूद लोग अपनी जिम्मेदारी को जानबूझकर नजरंदाज कर नियमो का कही भी पालन नहीं कर रहे है ? बेखौफ होकर पूर्व की तरह , सभी कार्य कर रहे है , जैसा कि , देश – दुनिया और लोगो की जिंदगी में कुछ हुआ ही नहीं है ? जबकि अब सच्चाई यही है कि , हमें कोरोना के संग ही जीना है ? और बहादुरी के साथ , डरकर जीना है ?