राजनांदगांव (DNH):- कोरोनाकाल में दर्शनाथियों के लिए बंद डोंगरगढ़ स्थित आदिशक्ति माँ बम्लेश्वरी के नीचे और ऊपर मंदिरों के पट भक्तों के लिए सोमवार से खोल दिए जाएंगे। लॉकडाऊन में धार्मिक स्थलों को खोलने मिली रियायत में कुछ बंदिशों के बीच श्रद्धालु दर्शन कर सकते हैं। संक्रमण होने की अंदेशे की वजह से ट्रस्ट ने घंटियों को भी निकाल दिया है।



बताया जाता है कि मां बम्लेश्वरी के ऊपर और नीचे मंदिरों को पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया है। मंदिर प्रांगण में दर्शन के लिए दर्शन के लिए सर्कल तैयार किया गया है। सर्कल में खड़े रहकर दर्शनार्थी इंतजार के बाद ही देवी का दर्शन कर पाएंगें। श्रद्धालुओं द्वारा फूल और प्रसाद चढ़ाने की रोक रहेगी। बताया जाता है कि भक्तों को बिना पूजन सामग्री के ही दर्शन करना होगा। यानी भक्तों को मां के दर्शन के लिए सीधे हाथ जोड़कर और मत्था टेकने के बाद लौटना पड़ेगा।
इस संबंध में मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नारायण अग्रवाल ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा करते बताया कि सोशल डिस्टेंसिग का पालन करने के साथ कल से मंदिर के दरवाजे खोल दिए जाएंगे। अध्यक्ष ने बताया कि मंदिर परिसर में दाखिल होने से पहले भक्तों के लिए एक सेनिटाइजिंग टनल बनाया गया है। टनल से गुजरने के दौरान दर्शनार्थी सैनिटाइज हो जाएंगे। बताया जाता है कि मंदिर को क्रमबद्ध रूप से खोला जाएगा। पहले चरण में सिर्फ मंदिर के पट खोले जाएंगे। इसके बाद प्रसाद कारोबार को प्रारंभ किया जाएगा।
बताया जाता है कि ट्रस्ट भक्तों की सेहत और मंदिरों की सुरक्षा को लेकर सावधानी बरत रहा है। ऊपर जाने के लिए सीमित संख्या में ही रोपवे के ट्रॉलियों में दर्शनार्थी सवार होंगे। ट्रॉलियों को भी पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया है। बताया जाता है कि ट्रस्ट यह कोशिश कर रहा है कि ट्रॉली में एक ही परिवार के लोग सवार हो। जिससे संक्रमण का खतरा कम रहेगा।
इस बीच करीब 72 दिन बाद मंदिर परिसर भक्तों से गुलजार रहेगा। हालांकि ट्रस्ट ने कड़े शर्र्तों के साथ भक्तों को दर्शन करने की व्यवस्था की है। ट्रस्ट ने मंदिर प्रांगण से घंटियां भी निकाल दी है। संक्रमण होने की अंदेशे की वजह से ट्रस्ट ने घंटियों को अलग रखने का फैसला किया है।