*रायपुर* (DNH):- दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। वैश्विक स्तर पर जानलेवा वायरस की वजह से 4 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, जबिक संक्रमित लोगों की संख्या 69 लाख को पार कर गई है। वहीं, 19 लाख 19 हजार से अधिक मामलों और 1 लाख से ज्यादा लोगों की मौत के बाद अमेरिका कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में शीर्ष पर बना हुआ है। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार, रविवार तक कोरोना वायरस से दुनियाभर में 69 लाख लोग संक्रमित हैं और मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 4 लाख से ज्यादा हो गया है। कोरोना संक्रमितों के मामले में अमेरिका के बाद 6.45 लाख से ज्यादा मामलों के साथ ब्राजील दूसरे नंबर पर है। 4.58 लाख संक्रमितों के साथ रूस इस सूची में तीसरे नंबर पर है, ब्रिट्न में कोरोना वायरस के 2.86 लाख मामलें और भारत में 2.46 लाख संक्रमितों की संक्या पहुंच गई है । भारत में कोरोना के संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। 2.46 लाख मामलों के साथ भारत कोरोना प्रभावित शीर्ष देशों की सूची में 5वें पायदान पर आ गया है। बीते 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस के सर्वाधिक 9,971 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 287 लोगों की मौत हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 2,46,628 पहुंच गई है। इसमें से 1,20,406 एक्टिव केस हैं, अब तक 1,19,293 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। हालांकि कोरोना की वजह से मरने वालों की कुल संख्या 6,929 है।






कोरोना से सबसे ज्यादा पर प्रभावित 10 देश :-
देश – संक्रमित – मौत
अमेरिका – 19,19,430 – 1,09,791
ब्राजील – 6,72,846 – 35,930
रूस – 4,58,102 – 5,717
ब्रिटेन – 2,86,294 – 40,548
भारत – 2,46,628 – 6,946
स्पेन – 2,41,310 – 17,135
इटली – 2,38,801 – 33,846
पेरू – 1,91,758 – 5,301
फ्रांस – 1,90,759 – 29,145
जर्मनी – 1,85,450 – 8,673
*वैक्सीन तैयार कर लेने का दावा कर के , मुकर गया चीन , आखिर कार , अपने दोगलेपन का परिचय दे गया चीन ?*
लंदन में चीन के राजदूत ने एक मीटिंग में कहा कि उनके देश ने कोरोना की वैक्सीन तैयार कर ली है. लेकिन बाद में चीन इससे पलट गया. ब्रिटिश अखबार डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी राजदूत लीऊ श्याओमिंग ने मीटिंग में कहा था- ‘हम कोरोना वैक्सीन के चौथे चरण के ट्रायल में पहुंच गए हैं. हम इसे दुनिया को उपलब्ध कराना चाहते हैं.’ चौथे ट्रायल का मतलब होता है कि वैक्सीन बड़ी आबादी को दिए जाने के लिए तैयार है.
बाद में ब्रिटिश अखबार ने जब चीनी एम्बैसी से राजदूत के बयान के बारे में पूछा तो एक ट्रांसक्रिप्ट का लिंक भेज दिया गया. रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रांसक्रिप्ट में राजदूत के शब्दों को बदलकर वैक्सीन के ‘दूसरे चरण’ में होने की बात लिखी गई.
लेकिन डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, लीऊ श्याओमिंग ने मीटिंग में अंग्रेजी में अपनी बात रखी थी. उन्हें रिकॉर्डिंग में ये बोलते हुए सुना जा सकता है कि वे वैक्सीन के चौथे चरण में होने की बात कह रहे हैं.
कुछ रिपोर्ट में ऐसा कहा जा रहा है कि चीन ने अपने ही राजदूत के भाषण को ‘सेंसर’ कर दिया. वहीं, मीटिंग में ब्रिटेन के उद्योग जगत और और दवा कंपनियों से जुड़े लोग हिस्सा ले रहे थे जो राजदूत की बात सुनकर हैरान रह गए.
चीनी राजदूत लीऊ श्याओमिंग ने मीटिंग में कहा कि चीन वैक्सीन निर्माण की एडवांस्ड स्टेज में पहुंच चुका है. ऐसा समझा जाता है कि चीन पश्चिमी देशों को फिलहाल ये नहीं बताना चाहता है कि वह वैक्सीन निर्माण में अन्य देशों से आगे चल रहा है.
कुछ रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया था कि चीन ने कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन को देने में जनवरी में देरी की थी. हालांकि, WHO और चीन ने ऐसे आरोपों को खारिज किया है.
इससे पहले बीते महीने एक मीटिंग में चीनी राजदूत लीऊ श्याओमिंग ने कहा था- हम चाहते हैं कि वैक्सीन उपलब्ध हो और गरीब और कम विकसित देशों को उपलब्ध हो. हम हमेशा से ये मानते हैं कि कोविड-19 ने दुनिया को नजदीक लाया है. हम इंसानियत के साझे भविष्य में भरोसा करते हैं.
*जनवरी महीने में ही पता चल चुका था चीन को की , इंसानों से , इंसानों में संक्रमण फैल रहा है ?*
बीजिंग, दुनिया में वायरस फैलाने के आरोपों से घिरे चीन ने 7 जून दिन रविवार को महामारी से जुड़ा एक श्वेतपत्र जारी किया। इसमें कहा गया है कि पहली बार 27 दिसंबर को वायरल निमोनिया के तौर पर वायरस के बारे में पता चला था। जबकि इंसानों से इंसानों में संक्रमण का पता 19 जनवरी को चला। इसके बाद इसे रोकने के लिए तत्परता से कदम उठाए गए। जो श्वेतपत्र जारी किया गया है उसमें पिछले साल वुहान में कोरोना के प्रकोप को लेकर बीजिंग द्वारा देरी से उठाए गए कदमों के आरोपों का खंडन करते हुए एक लंबा स्पष्टीकरण दिया गया है।
श्वेतपत्र में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना, विशेषकर राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा महामारी को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की प्रशंसा की गई है। चीन ने यह श्वेतपत्र मीडिया में आई उन खबरों के बाद जारी किया है, जिसमें कहा गया था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भले ही चीन की प्रशंसा की हो, लेकिन वायरस के बारे में जानकारी देने में हीलाहवाली से संगठन के अधिकारी भी नाराज थे। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कई देशों के नेताओं ने चीन पर बीमारी के बारे पारदर्शिता नहीं बरतने का आरोप लगाया है।
वेट मार्केट से वायरस फैलने के सुबूत नहीं ।
श्वेत पत्र के अनुसार 27 दिसंबर को वुहान के एक अस्पताल में वायरस के बारे में पता चलने के बाद सरकार ने मरीजों की स्थिति का विश्लेषण करने के लिए विशेषज्ञों को बुलाया। जांच से यह पता चला कि ये सभी मरीज वायरल निमोनिया के थे। वहीं नेशनल हेल्थ कमीशन (एनएचसी) द्वारा गठित विशेषज्ञ टीम के शोधकर्ताओं ने कहा कि इस बात की पुष्टि 19 जनवरी को हुई कि वायरस का संक्रमण इंसानों के बीच हो रहा है। एनएचसी द्वारा वुहान में जनवरी के शुरू में भेजे गए विशेषज्ञों के समूह में शामिल चीन के श्वसन रोग विशेषज्ञ वांग गुआंगफा ने कहा कि जब विशेषज्ञ वुहान में उतरे तो वहां पर सिर्फ बुखार के रोगी थे। इतना ही नहीं हुनान के वेट मार्केट के वायरस फैलने का कोई सीधा संपर्क भी नहीं मिला। जबकि पहले यह माना जा रहा था कि यहां बिकने वाले चमगादड़ और पैंगोलिन से वायरस फैला।
समय पर दे दी थी अमेरिका को जानकारी ?
चीन ने कहा कि समयबद्ध तरीके से डब्ल्यूएचओ और अमेरिका सहित अन्य देशों को वायरस के बारे में जानकारी दी और वायरस के जीनोम अनुक्रम को जारी किया। वुहान में बड़ी संख्या में संक्रमण के मामले सामने आने के बाद और चीन के अन्य क्षेत्रों में भी इसी तरह के केस आने के बाद रोकथाम और नियंत्रण का एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम लांच किया गया। बता दें कि हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वायरस की उत्पत्ति की स्वतंत्र जांच के लिए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है। चीन ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया।