बलौदाबाजार (DNH) :- कोरोना संक्रमण का कहर बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में टूट पड़ा है। संक्रमण लगातार बढ़ते ही जा रहा है और समाचार लिखे जाने तक यह शतकीय आंकड़ा पार कर चुका है। राहत देने वाली खबर यह है कि इनमें से 13 लोग स्वस्थ हो चुके हैं और जिला कोविड हास्पीटल में कोरोना पॉजिटिव का इलाज प्रारंभ हो चुका है। सोमवार आठ जून को बलौदाबाजार ब्लाक के धाराशिव में चार, कसडोल ब्लाक के ग्राम हसुवा में एक, सिमगा ब्लाक के लावर में एक तथा हथबंध में एक पाजीटिव मिले। कुल मिलाकर जिले में कुल संक्रमित 116, सक्रिय केस 103 हो गए हैं। 13 स्वस्थ हुए। जिले में प्रवासी मजदूरों में यह जमकर विस्फोट करते हुए शतकीय आंकड़ा पार कर चुका है। प्रारंभ में तीन मजदूरों से प्रारंभ हुआ कोरोना कहर जिले में शतकीय आंकड़ा पार करते हुए लोगों को दहशतजदा कर चुका है। जिले में सबसे ज्यादा केस धारासिव क्वारंटाइन सेंटर में मिले हैं जहां अब तक 50 केस पॉजिटिव आए हैं। जिले के सभी छह विकासखंडों में यह पैर जमा चुका है और लगातार अपनी बढ़त बनाए हुए हैं।






कोरोना के इस लगातार बढ़ते कदम में जो बातें छनकर सामने आ रही हैं उसमें सबसे बड़ी लापरवाही प्रशासन की सामने आ रही है जहां अधिकारियों के बीच समन्वय और उनकी दूरदर्शिता की कमी देखी गई जिसके कारण विभिन्ना बाहरी राज्यों से आए मजदूरों को अलग- अलग न रखकर एक साथ रख दिया और ये आपस में मिल बैठे। दूसरी वजह ये लोग जिन गांव के निवासी थे उसे उसी गांव में ठहरा दिया गया जिससे इनके परिजन मोहमाया में इनसे मिलने लगे और संक्रमण का दायरा बढ़ता गया। आम नागरिकों का कहना है कि अलग-अलग राज्यों से आए इन प्रवासी मजदूरों को अलग-अलग राज्य के हिसाब से रखना था जिससे संक्रमण का खतरा कम होता और इसे फैलने से रोका जा सकता था। जिले के सभी क्वारंटाइन सेंटरों में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था नहीं की गई जिसका परिणाम भी गलत मिला। सूत्र बताते हैं कि जिस गांव में क्वारंटाइन सेंटर है उसी गांव के रहवासी होने के कारण इनमें से अधिकतर रात्रि का फायदा उठाकर अपने घर चले जाते थे तथा अलसुबह वापस आ जाते थे। जिसको भी एक प्रमुख कारण के रूप में देखा जा रहा है।
कोरोना कहर को लेकर एकबात सामने आई वह है जागरूकता की कमी। लगातार समाचार पत्रों और टीवी चैनलों के माध्यम से इसका समाचार दिखाया गया पर गांव में इसका प्रचार कम हुआ। शुरू के लॉकडाउन में इसका सभी ने पालन किया पर जैसे ही प्रवासियों का आना प्रारंभ हुआ लोगों ने लापरवाही बरतनी चालू कर दी और एकदूसरे से मिलने लगे। इसका परिणाम हुआ कि यह जिले में फैलते गया और आज शतकीय आंकड़ा पार करते हुए आगे बढ़ गया है। इसमे केवल ग्रामीण ही नहीं वरन बाहरी राज्यों से आए कुछ होम क्वारंटाइनों के बारे में भी पता चला कि ये रात्रि में घर से निकलकर अपने दोस्त यारों के साथ पार्टी मनाते थे।
जिले में अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी देखी गई जिसके कारण मजदूरों का एक वर्ग विभिन्ना बसों के माध्यम से नगर में पहुंचकर अपने-अपने साधनों से धर जाने लगे। जिसका रिकार्ड भी अधिकारियों के पास नहीं है। वहीं जब इस संबंध में अधिकारियों से जानकारी लेनी चाही गई तो वे एकदूसरे पर जानने की बात मढ़ते गए। क्वारंटाइन सेंटरों में लापरवाही का एक बड़ा कारण आर्थिक व्यवस्था का सुदृढ नहीं होना है। जबकि उच्च स्तर पर लगातार यह खबर मिलती रही कि प्रशासन प्रवासी मजदूरों के खाने पीने की पूरी व्यवस्था करेगा पर अधिकतर क्वारंटाइन सेंटरों में देखा गया कि मजदूरों के परिजनों ने अपने-अपने घर से खाना लाकर अपने परिजनों को दिया है। जबकि होना यह था कि प्रशासन इनके रहने व खाने-पीने की पूरी व्यवस्था करता। जिला पुलिस प्रशासन ने जिस प्रकार शुरू के दिनों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई वह जैसे- जैसे लॉकडाउन में ढील दी गई उनकी स्थिति में कमी दिखाई देने लगी और नगर सहित जिले के बाहर लगे नाकों में बाहरी राज्यों से आ रहे वाहनों की जांच में कमी कर दी गई। रात्रि होते ही नाकों से पुलिस हट जाती थी जिससे बाहरी राज्यों से आ रही बसें बेरोकटोक शहर के अंदर मजदूरों को उतारकर रफूचक्कर हो जाती थी। वहीं गश्त की बात करें तो रात्रि में आसपास के गांवों के क्वारंटाइन सेंटरों में अचानक जांच करनी चाहिए थी वह नहीं हो पा रही थी।
कसडोल। विकासखंड के ग्राम नरधा में पिछले दिनों पांच पॉजिटिव मिलने के बाद सोमवार को ग्राम पंचायत हसुवा में भी एक पॉजिटिव मिलने से क्षेत्र के लोगों में दहशत बढ़ने लगी है। ज्ञात हो कि कसडोल तहसील क्षेत्र को चार जून से पहले तक इस कोरोना वायरस से अछूता माना जा रहा था लेकिन तहसील क्षेत्र के ग्राम नरधा में बुधवार 4 जून को 5 कोरोना संक्रमित लोगों की आधिकारिक रूप से पुष्टि होने के बाद स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया था। वहीं सोमवार को ग्राम पंचायत हसुवा में भी एक पॉजिटिव मिला। इसकी पुष्टि होने के बाद स्थानीय प्रशासनिक अमला हसुवा पहुंचकर युवक को रेफर किया तथा उसकी कांटेक्ट हिस्ट्री खंगालने में लग गई है। बताया जा रहा है कि युवक हरियाणा से विगत दिनों आया था जो गांव के ही हाईस्कूल भवन में करीब 50-60 लोगों के साथ था।
ब्लाक के ग्राम रिवाडीह के क्वारंटाइन सेंटर शासकीय हाईस्कूल में रह रही मां को कोरोना पॉजिटिव है। उसकी दुधमुंही बच्ची का रो-रोकर बुरा हाल है। बेबस पिता दिनर-रात पुचरार कर चुप कराता है लेकिन मां का आंचल और उसकी ममता वह कहां से लाए। मामला पलारी ब्लॉक मुख्यालय से 17 किलोमीटर दूर महानदी तट में बसा गांव रिवाडीह में दो श्रमिक परिवार महाराष्ट्र से कुछ दिन पहले ही गांव लौटे। जिसमें एक परिवार में पति-पत्नी और दुधमुंही बच्ची जबकि दूसरे में गांव के दो युवक शामिल हैं जो शासकीय हाईस्कूल में क्वारंटाइन में रह रहे हैं। इसी बीच 27 साल की मां को बुखार होने पर एक जून को उसका सैंपल लिया गया जिसकी रिपोर्ट चार तारीख को देर शाम कोरोना पॉजिटिव आई। तभी दूसरे दिन सुबह पांच तारीख को स्वास्थ्य टीम मां को उपचार के लिए रायपुर ले गई। तब से दुधमुंही बच्ची को पिता संभाल रहे हैं। क्वरांटाइन सेंटर में पिता, पुत्री के अलावा दो युवक जरूर हैं पर कोरोना पॉजिटिव आने से शारीरिक दूरी में रहने की वजह से बच्ची दिन रात पिता के साथ ही रह रही है। जिसकी आंखें अपनी मां को ढूंढ रही हैं और मां के दिखाई नहीं देने पर उसका रो-रोकर बुरा हाल है। पिता भी इतना बेबस कि वो कितना भी प्यार कर ले, सेवा करे पर मां की कमी को कहां पूरा कर सकता है।
क्वारंटाइन सेंटर से थोड़ी दूर पंचायत भवन में श्रमिकों के सेवा के लिए मौजूद सचिव और आसपास के ग्रामीणों को बच्ची की रोने का आवाज सुनाई देती है। वहीं जब बच्ची की आवाज नहीं आती तो आसपास के लोग समझ जाते हैं कि अब वो थक गई है और पिता के साथ सो गई है। दुधमुंही बच्ची के लिए दूध की व्यवस्था ग्राम पंचायत कर रही है। सरपंच नोमिन पोषण साहू व सचिव चूड़ामणि साहू ने बताया कि बच्ची एक साल की है जो मां का दूध पीती है। मगर मां को कोरोना पॉजिटिव होने से पांच जून को रायपुर ले गए जिससे मां की याद और दूध के लिए वो रोती है। पंचायत की ओर से उसके लिए व्यवस्था कर चिकित्सकों की सलाह पर सेरेलेक्स का पैकेट पिता को देकर बच्ची को पिलाने कहा गया है। मां को कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद पति, बेटी और साथ में रह रहे दोनों युवकों का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है जिसका रिपोर्ट अभी आना बाकी है।
क्षेत्र में लगातार विभिन्ना ग्राम में सैकड़ों मजदूर पहुंच रहे हैं जिनका स्वास्थ्य परीक्षण कर विभिन्ना स्कूलों में क्वारंटाइन में रखा गया है। उसकी व्यवस्था जनपद पंचायत के अधिकारी कर्मचारी कर रहे हैं। जिसके कारण वे सभी कोरोना संक्रमण के साए में कार्य कर रहे हैं। जिससे दो जनपद पंचायत के कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गए। रविवार को नगर पंचायत पलारी के वार्ड 11 व 12 में एक-एक व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि होते ही नगर में कोरोना के डर से लोग घरों से बहुत कम निकले। वहीं दोनों वार्डों को प्रशासन द्वारा कंटेनटमेंट जोन घोषित कर उसे पूरी तरह से सील कर दिया गया है। वहां लोगों का आना-जाना पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया गया। अब दोनों वार्डों के लोगों की सभी जरूरतों की पूर्ति प्रशासन द्वारा की जाएगी। साथ ही दोनों वार्डों को पूर्णतः सैनिटाइज किया गया। जिन दो व्यक्तियों की कोरोना पॉजिटिव पुष्टि हुई है उसमें से एक करारोपण अधिकारी हैं जिसकी ड्यूटी विभिन्ना जिलों व राज्यों से आए हुए मजदूरों को उसके भोजन, पानी और गंतव्य स्थान तक पहुंचाने की थी। वहीं दूसरा पॉजिटिव व्यक्ति पंचायत सचिव है। उसकी ड्यूटी भी ग्राम पंचायत में विभिन्ना स्थानों से आए मजदूरों को क्वारंटाइन सेंटर में व्यवस्था के लिए लगाई गई थी।
नगर पंचायत में सुबह से ही लाउडस्पीकर के माध्यम से नगरवासियों को दो कोरोना पॉजिटिव लोगों की जानकारी देते हुए लोगों से अनिवार्य रूप से मास्क लगाकर निकलने, लगातार साबुन से हाथ धोने, सैनिटाइजर का उपयोग करने, लोगों से शारीरिक दूरी बनाए रखने के साथ साथ बिना आवश्यक कार्यों के घर से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी गई। साथ ही व्यापारी संघ द्वारा सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को तत्काल बंद करवाया गया।
नगर में दो लोगों की कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि रविवार शाम को होते ही नगरवासियों को अलर्ट कर दिया गया है। साथ ही लोगों को बिना आवश्यक कार्यों के घर से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी गई। दोनों वार्डों को पूरी तरह सील कर कंटेनटमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। धाराशिव में शनिवार को क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे 17 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले। जिसमें एक परिवार से जहां पांच और दूसरे परिवार से तीन लोग हैं। वहीं उनके संपर्क में आए 9 और लोग भी संक्रमित हुए जिसमें 4 परिवार से 8 लोग शामिल हैं। जिसमें एक साल का बेटा और उसकी 24 साल की मां तो दूसरे परिवार से 5 साल का भाई, 6 साल की बहन व तीसरे परिवार से 4 साल का बेटा, 28 साल का पिता और चौथे परिवार से 55 साल का पति और 50 साल की पत्नी हैं। इस तरह 4 अन्य परिवार के 8 लोगों को कोरोना पॉजिटिव हुआ व एक अन्य व्यक्ति भी शामिल है जिसे उपचार के लिए ले गए। इसमें 4 बच्चे और उसके माता पिता सहित 10 लोगों को रायपुर भेजा गया जबकि 7 लोगों को बलौदाबाजार कोविड 19 अस्पताल में भर्ती किया गया है। वहीं रविवार को धाराशिव में एक और संपर्क वाला संक्रमित हो गया जिसे बलौदाबाजार उपचार के लिए ले गए। धाराशिव में शनिवार को आए 17 पॉजिटिव रिपोर्ट में 6 परिवार पूरी तरह संक्रमित हो गया जिसमें पहले एक परिवार के तीन लोग पहले ही उपचारत हैं। उसमें 5 लोग और जुड़ गए तो वहीं दूसरा परिवार जिसमें दो लोग पहले से अस्पताल में हैं। उसके तीन लोग इस तरह दो परिवार के 8 लोग शनिवार को संक्रमित हो गए तो बचे 9 लोगों में चार परिवार के 8 लोग शामिल हैं। जिसमें 1 साल का दुधमुंहा बेटा और 24 साल की मां जो अपने गोद में बेटे को उठा कर उपचार के लिए जा रही है तो वहीं दो मासूम भाई 5 साल, बहन 6 साल जो शायद उनके लोगों के साथ खेलते खेलते कब संक्रमित हुए पता ही नही चला। इसी तरह 4 साल का बेटा और 28 साल का पिता इससे पीड़ित हो गया तो वहीं पति-पत्नी संक्रमित हो चुके हैं जबकि एक और संक्रमित उस कैंपस में साथ रहने के कारण ही पॉजिटिव हो गया। वहीं रविवार को एक और संपर्क वाला संक्रमित हो गया।