रायपुर (DNH):- छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के 20 घंटे में 80 नए मामले सामने आए हैं। इनमें बुधवार को 51 और मंगलवार देर रात को 29 नए केस मिले हैं। सबसे ज्यादा केस जांजगीर में 26 मिले हैं। वहीं रायपुर में 8, सरगुजा में 2, बलरामपुर में 10, महासमुंद व रायगढ़ में 7-7, बिलासपुर में 5, राजनांदगांव में 3, कोरबा, कवर्धा, दुर्ग व मुंगेली में 2-2 और कोरिया, जशपुर, बेमेतरा व अंबिकापुर में 1-1 मरीज मिले हैं।






बिलासपुर में मिले मरीजों में एक नायाब तहसीलदार भी शामिल है। जबकि जशपुर के 4 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है। इसके बाद प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या 885 हो गई है। जबकि कुल केस 1300 हो गए हैं। अभी तक 401 मरीज डिस्चार्ज किए जा चुके हैं, जबकि 7 लोगों की मौत हो चुकी है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, छत्तीसगढ़ कोरोना से लड़ाई में जरूर जीतेगा। उन्होंने कहा हमें थकना नहीं है, निराश नहीं होना है, बल्कि तत्परता से इस लड़ाई को लड़ना है। अलग-अलग जिलाें के कलेक्टर के साथ बुधवार को कॉफ्रेंस कर रहे मुख्यमंत्री ने कहा, कोरोना महामारी के दौरान सभी जिलों का कार्य प्रशंसनीय रहा है। अभी आंकड़े थोड़े बढ़े हैं, लेकिन मुझे विश्वास है, जैसे आपने अभी तक नियंत्रण किया है, आगे भी करेंगें।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसके तहत सादे कागज पर मिलने वाले आवेदनों को स्वीकार कर उस पर समय सीमा में कार्रवाई सुनिश्चत करने कहा है। आम जनता को समय सीमा में सेवा उपलब्ध कराने में चूक करने वाले अधिकारियों पर नियमानुसार अर्थदंड की कार्रवाई की जाएगी।
लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत जिलों को 22 मार्च से पूर्व तक मिले समस्त आवेदनो का एक सप्ताह के भीतर निराकरण सुनिश्चित करने के साथ ही आवेदनों की प्रक्रिया ऑनलाइन करने की कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा। मुख्यमंत्री ने लंबित आवेदनों की जिलेवार स्थिति के बारे में भी जानकारी ली।
मनरेगा के माध्यम से औसतन 26 लाख लोगों को रोजाना गांव में ही रोजगार और नियमित रूप से मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। काॅन्फ्रेंस में कोरोना महामारी नियंत्रण, राहत व्यवस्था और रणनीति, नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना, हाट बाजार क्लीनिक योजना, इंग्लिश मीडियम स्कूलों की स्थापना, मुख्यमंत्री शहर स्लम स्वास्थ्य योजना पर चर्चा की।
साथ ही सुपोषण अभियान, ग्रामीण भूमिहीन मजदूर परिवारों का चिन्हांकन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, लघु वनोपजों का संग्रहण और प्रसंस्करण, वन अधिकार अधिनियम, खाद्य प्रसंस्करण, लघु वनोपज प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना, अन्य फसलों को बढ़ावा देने हेतु कार्य योजना, स्कूलों के शुरू करने से पहलेे उनकी मरम्मत, राशन कार्ड, जाॅब कार्ड व लेबर कार्ड की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए।
सभी स्कूल अपने शिक्षकों और छात्रों को जोड़ रहे ग्रुप से , स्कूल शिक्षा विभाग ने ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ योजना में सभी स्कूलों में वर्चुअल क्लासरूम एक सप्ताह में शुरू करने की बात कही है। इस संबंध में सभी जिलों के डीईओ को निर्देश दिए गए हैं। स्कूल खुलने में देरी होने की स्थिति में वेबसाइट से वर्चुअल क्लास संचालित किए जाएंगे। इसमें शिक्षक और विद्यार्थी अपने-अपने घर से क्लास में शामिल होंगे। ये उसी तरह होगा जैसे स्कूल की क्लास में होता है। इसके लिए सभी स्कूल अपने सभी शिक्षकों और छात्रों को वर्चुअल ग्रुप में जोड़ा जा रहा है। विभाग की ओर से जारी किए गए आदेश में जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा गया है कि जिला, विकासखंड और संकुल स्तरीय नोडल अधिकारियों को नियमित रूप से सभी स्कूलों में वर्चुअल क्लास शुरू किए जाने की जिम्मेदारी देते हुए नियमित रूप से इन कक्षाओं का संचालन शीघ्र शुरू करवाएं।
जांजगीर-चांपा के नवागढ़ में ग्राम खोखसा के क्वारैंटाइन सेंटर में मना करने के बावजूद तालाब में नहाने जाने और अभद्रता करने वाले 34 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। ये 25 मई को दिल्ली, जयपुर, आगरा और नोएडा से लौटे 70 प्रवासी श्रमिकों में शामिल हैं। 27 मई को मना करने के बाद भी 27 श्रमिक नहाने के लिए बेलडबरी तालाब चले गए। लौटने पर तहसीलदार व पुलिस को देख पंचायत सचिव, सरपंच और पंचों को गाली दी।
खोखसा क्वारैंटाइन सेंटर में रह रहे 18 लोगों को कोरोना पीड़ित पाया गया है। वहां रह रहे 12 लोगों के 1 जून को सैंपल रिपोर्ट आने पर एक मजदूर संक्रमित मिला था। इसके बद 60 और श्रमिकों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए। 2 जून को 2, 4 जून को 7 और 5 जून को 8 श्रमिकों के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इन सभी को बिलासपुर और दुर्ग के विशेष कोविड-19 अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती किया गया है।
शहरी श्रमिकों को क्वारैंटाइन करने के लिए सेंटर नहीं मिल रहा है। ग्रामीण इलाकों में पंचायतें शहरी श्रमिकों के लिए सेंटर बनाने का विरोध कर रही हैं। शहरी इलाके के श्रमिकों के लिए जिन तीन भवनों में क्वारैंटाइन सेेंटर बनाया गया था, उनको दूसरे काम के लिए खाली करा लिया गया है। ऐसे में महाराष्ट्र से शहरी क्षेत्र के 80 श्रमिकों की वापसी बुधवार को हो रही है। क्वारैंटाइन सेंटर नहीं होने की वजह से इन्हें होम आइसोलेशन में रखा जाएगा।
जिले के लाइवलीहुड कॉलेज को जिला प्रशासन ने क्वारैंटाइन सेंटर बनाया है। इस सेंटर में 92 लोगों को रखा गया है। मंगलवार दोपहर का खाना देने के लिए दरवाजा खोला गया तो सेंटर से 16 लोग अपना सामान लेकर भाग निकले। मजदूरों के भागने की जानकारी पर जिला प्रशासन और पुलिस का दल मौके पर पहुंचा। भाग रहे लोगों को समझाकर क्वारैंटाइन सेंटर भेजा गया। इस मामले में दो पटवारी सस्पेंड कर दिए गए हैं।
शहर के कुम्हरावंड स्थित क्वारैंटाइन सेंटर में रहने वाला एक मजदूर कोरोना पॉजिटिव निकला है। यह मजदूर दो दिन पहले तमिलनाडु से लौटा था। पुलिस ने उसे कुम्हरावंड स्थित क्वारैंटाइन सेंटर भेज दिया था। यहां से उसकी कोरोना पीसीआर जांच करवाई गई थी। मजदूर के पॉजिटिव होने पर उसे मेकॉज में भर्ती करवाया गया है। क्वारैंटाइन सेंटर को सील करते हुए इस इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है।