बिलासपुर (DNH):- पिता और भाई द्वारा बंधक बनाई गई एक युवती ने ट्विटर पर वीडियो वायरल कर मदद की गुहार लगाई। पुलिस ने बताये गये स्थान पर दबिश देकर युवती को उसके घर से छुड़ा लिया और उसकी मर्जी के अनुसार उसके एक मित्र के साथ भेज दिया। युवती अपनी मां के लौटने का इंतजार कर रही है। उसने बिलासपुर पुलिस को तुरंत छुड़ान के लिये धन्यवाद भी दिया है।



तोरवा थाने के अंतर्गत शंकरनगर की रहने वाली युवती श्रीमयी भट्टाचार्य (25 वर्ष) ने मंगलवार की दोपहर एक ट्विटर पर एक वीडियो वायरल किया, जिसे उसने पुलिस महानिरीक्षक दीपांशु काबरा को भी टैग किया। उसने बताया कि पिछले पांच दिनों से उसे घर में उसके पिता और भाई ने बंधक बनाकर रख लिया है। उसका मोबाइल फोन भी तोड़ दिया गया। वह एक दूसरे मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रही है जिसने उसने खरीदकर छिपा रखा था। तबियत खराब होने के बाद भी उसका इलाज नहीं कराया जा रहा है। उसे ठीक से खाना भी नहीं दिया जा रहा है और गंदी गालियां दी जा रही है।
युवती का वीडियो वायरल होते ही आई जी ने तोरवा पुलिस को कार्रवाई का निर्देश दिया। थानेदार जे पी गुप्ता ने तुरंत प्रशिक्षु डीएसपी सृष्टि चंद्राकर और प्रधान आरक्षक संगीता नेताम के साथ एक टीम को बताये गये पते पर भेजा। पुलिस ने युवती को उसके पिता और भाई से छुड़ा लिया और थाने लेकर आ गये। युवती के पिता रेलवे इंग्लिश मीडियम स्कूल में वाइस प्रिंसिपल और भाई लॉ का छात्र है। थाने में उसने बताया कि उसके माता-पिता के बीच दस साल पहले तलाक हो चुका है। वह असम में रहती हैं। पिता और भाई के द्वारा प्रताडि़त किये जाने की जानकारी उसने मां को दी है। मां ने बताया है कि वह 20 जून को उसे साथ ले जाने के लिये बिलासपुर पहुंच रही है। तब तक वह अपने मित्रों के साथ रहेगी। पुलिस ने उसके मित्र एसके राव प्रसाद को थाने में बुलाकर उससे लिखित में आश्वासन लिया और उसे अपने साथ ले गया।
पिता और भाई के चंगुल से छूटने के बाद युवती ने अपनी एक सहेली के साथ एक और ट्वीट किया है जिसमें उसने तत्परता और संवेदनशीलता के लिए बिलासपुर पुलिस का आभार व्यक्त किया है।