भिलाई। निगम प्रशासन ने भिलाई को स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर वन बनाने का संकल्प लिया है। इसके लिए जिला प्रशासन की देखरेख में भिलाई निगम जमकर मेहनत भी कर रहा है, पर कहीं न कहीं आम जनता से चूक हो जा रही है।



भिलाई के संघन इलाको सफाई व्यवस्था चरमरा सी गई है ! सुपेला रामनगर , पावरहाउस के कई इलाको पर सुवरो का आतंक बना हुआ है ! मास मटन जिन बजारों में विक्रय किया जाता है उनके आसपास के दुर्गन्ध से आम व्यक्ति का गुजरना दुबर हो गया है ! गंदा पानी, मूत्र त्याग, दुकान से निकलने वाली गंदगी, कचरा, मांस का व्यवसाय करने वाले लोग मरी हुई मुर्गिया, मुर्गियों के पंख यहां फेंककर चले जाते हैं। गंदगी की वजह से यहां सुअर विचरण करते हैं। वेंकटेश्वर टाकीज के सामने सार्वजनिक शौचालय है, पर ज्यादातर दुकानदार मूत्र त्याग के लिए इसी स्थान का इस्तेमाल करते हैं और खुद ही गंदगी और बदबू का सामना कर रहे हैं।
खुले में शोच बड़ी चुनौती बन सकती है
भिलाई निगम के लिए खुले में शोच बड़ी चुनौती बन सकती है आज भी स्लैम बस्तियों में लोग खुले में शोच करते है भिलाई पावर हॉउस स्टेशन के आसपास खाना बदोश लोग सबसे ज्यादा खुले शोच का इस्तमाल कर रहे है !
बता दें कि फरवरी-मार्च में दिल्ली की टीम स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए कभी भी जिले में दस्तक दे सकती है। स्वच्छता सर्वेक्षण में इस बार सार्वजनिक सफाई, गीले व सूखे कचरे का अलग अलग संग्रहण, उनका इस्तेमाल के साथ साथ सबसे ज्यादा अंक जन जागरुकता पर रखा गया है। जिसे पब्लिक फीडबैक कहा जा रहा है। शहर की जनता सफाई को लेकर कितनी जागरुक है।