भूपेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना की धज्जियां उड़ाई जा रही है दुर्ग में। ऑनलाइन घर बैठे
भूमि उपयोग के प्रमाणपत्र के लिए लोगों को कार्यालयों के चक्कर लगाना पड़ रहा है। 899 के लगभग आवेदन पेंडिंग।






जमीन खरिदने से पहले आदमी पता लगाता हैं कि ऊसकी भूमि/जमीन का भू उपयोग क्या है। यह पता लगाने और प्रमाण पत्र मिलने मे देरी से रजिस्ट्री कार्य, डायवर्सन, नजूल एन ओ सी ,भवन निर्माण के लिये,और भवन अनुज्ञा प्रभावित हो रहे है। बिना इसके कोई काम नही होता है।
By-: ज्वाला प्रसाद अग्रवाल
दुर्ग/ ऑनलाइन घर बैठे डायवर्सन व नए प्रोजेक्ट के लिए जरूरी भूमि उपयोग के प्रमाणपत्र के लिए लोगों को अब कार्यालयों के महीनों चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा भूपेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना की धज्जियां उड़ाई जा रही है दुर्ग में जैसा कि हमारे सूत्र बताते हैं कि दुर्ग नगर एवं ग्राम निवेश विभाग के कार्यालय के 899 के लगभग ऑनलाइन आवेदन पेंडिंग पड़े हुए हैं। औऱ लगातार आवेदन पत्र कार्यालय में आ रहे है जिसके कारण पेंडिंग आवेदनों की संख्या बढ़ती जा रही है।
विभाग के अधिकारियों की बात माने तो वह समय सीमा का हवाला देते हैं और अंतिम दिन आवेदन का निराकरण करना बताते हैं । जो भूपेश सरकार की मंशा के विपरीत है सरकार ने इस महत्वकांक्षी योजना के जरिए लोगों को जल्द से जल्द भू उपयोग की जानकारी प्राप्त हो इस मंशा पर योजना की शुरुवात की थी।
महत्वाकांक्षी योजना घर बैठे / भूमि उपयोग प्रमाणपत्र भी ऑनलाइन,मिलेगा इस योजना के जरीए आवेदक किसी भी च्वाइस सेंटर से अपना आवेदन कर सकता है।
शुल्क देना होगा आवेदक को
इस योजना के तहत आवेदक को 50 रुपये का चालान बैंक में जमा करना है और च्वाईस सेंटर में 30 रुपए का शुल्क लगेगा।
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कैसे काम करेगा यह ऑनलाइन आवेदन जाने।
क्लिक करने पर एक फार्म खुलेगा जो भूमि उपयोगिता प्रमाणपत्र का आवेदन होगा। इसमें आवेदक को जरूरी जानकारी भरनी होगी। साथ उसे संबंधित जमीन का खसरा, नक्शा, बी-वन व रजिस्ट्री की कापी अपलोड करनी होगी। यह प्रकिया पूरी होते ही उसका आवेदन जमा हो जाएगा। आवेदक को इसके प्रमाण के रूप में एसएमएस आएगा। जिसे विभाग का स्टाफ शाम या दूसरे दिन को सभी आवेदनों की पड़ताल कर सबकुछ ठीक होने पर उसे संबंधित अधिकारी को फारवर्ड कर देगा। आवेदक को इसकी जानकारी फिर एसएमए, पहुंचेगा। अधिकारी द्वारा प्रमाणपत्र जारी करने पर आवेदक को प्रमाणपत्र बन जाने का एसएमएस पहुंचेगा। वह डाउनलोड कर प्रमाणपत्र प्रिंट निकाल सकेगा।
हमारे सूत्रों ने विभाग में पदस्थ दो अधिकारियों से बात की जो पहले तो कुछ बताने से इंकार कर दिया फिर नाम न छापने व बताने की शर्त पर दबे स्वर में कहा कि सिस्टम की कमी है। बिना लेपटॉप के काम करना बड़ा मुश्किल है आवेदनों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
ऑनलाइन आवेदन पत्र तो बड़ी संख्या में आ रहे हैं जिसका समय सीमा में निराकरण किया जा रहा है।
विनित नायर
सयुक्त संचालक
नगर एवं ग्राम निवेश विभाग दुर्ग