15 दिनों से लगा लॉकडाउन आज तो खुल गया बाजार , लेकिन बसों के पहिए अब भी थमे रहें
रायपुर. रायपुर में विगत 15 दिनों से लगा लॉकडाउन आज तो खुल गया बाजार , लेकिन बसों के पहिए अब भी थमे रहें। बस ऑपरेटर आठ सूत्रीय मांगे माने जाने के बाद ही बस संचालन करने की बात कह रहे। इस संबंध में छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ ने गुरुवार को गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू से मुलाकात कर आठ सूत्रीय मांगों के संबंध में ज्ञापन सौंपा था । बस संचालकों का कहना है कि प्रदेश में अब बसें तभी चलेंगी, जब परिवहन मंत्री बस ऑपरेटरों की बैठक लेकर उनकी समस्या सुनेंगे।






वहीं परिवहन विभाग के अफसरों का कहना है कि राज्य के अंदर बस चलाने के लिए आदेश जारी कर दिया गया है। यदि बसें नहीं चलेंगी तो बस ऑपरेटरों से बात की जाएगी। गौरतलब है, देशव्यापी लॉकडाउन के बाद 21 मार्च से बसों का संचालन बंद कर दिया गया था।
राज्य शासन के आदेश के बाद बसों का संचालन करने अनुमति दी गई। बावजूद इसके बस संचालक अपनी मांगें पूरी होने के बाद ही संचालन करने पर अड़े थे। इस वजह से शासन के आदेश के बाद भी बसों का संचालन नहीं हो सका। बसों का संचालन बंद रहने से यात्री परेशान हो रहे थे। उसके बाद अधिकारियों तथा बस संचालकों को बीच बैठक हुई। बातचीत के आधार पर बस संचालक संचालन करने राजी हुए। अधिकारियों और बस ऑपरेटरों ने बातचीत के बाद अलग-अलग मार्गों में सीमित संख्या में बसों का संचालन किया। इसका बाद भी बसों में सवारियों का टोटा रहा।
बस संचालकों की ये मांगें सितंबर 2020 से मार्च 2021 तक टैक्स में छूट डीजल के वैट टैक्स में 50 प्रतिशत तक की कटौती की जाए फार्म के एवं फार्म एम की साल में दो माह की बाध्यता समाप्त की जाए एवं अन्य राज्यों में इसकी फीस 10 रुपए से 20 रुपए है, जबकि छत्तीसगढ़ में यह 500 एवं एक हजार रुपए प्रतिमाह है। डीजल की बढ़ती कीमत के साथ-साथ यात्री किराए में भी वृद्धि करने एवं यात्री किराया वृद्धि की स्थाई नीति बनाई जाए। टोल टैक्स में छूट प्रदान की जाए एक प्राधिकार के बनने से पहले जो काम आरटीओ द्वारा किया जाता था, उसे दोबारा लागू करने बाबत स्लीपर कोच में लगने वाले डबल टैक्स को समाप्त किया जाए व्हीलबेस एक आधार पर बैठक क्षमता को निर्धारित करना समाप्त किया जाए, भौतिक परीक्षण के सत्यापन के आधार पर वाहन को रजिस्टर किया जाए, क्योंकि व्हीलबेस के आधार पर निर्धारित सीटें वाहन में लगाना नामुमकिन है।
बेहद मुश्किल स्थिति लॉकडाउन की वजह से बस ऑपरेटरों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। डीजल की बढ़ती कीमत तथा परिवहन नीति की वजह से बसों का संचालन करना बेहद मुश्किल है। इस स्थिति से उबरने के लिए हमने आठ सूत्रीय मांगें शासन के सामने रखी हैं। मांगे माने जाने के बाद ही बसों का संचालन संभव है। – अमरजीत सिंह चहल, बस संचालक