हलषष्ठी / कमरछठ छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्योहारों में से एक रविवार को बाजार बंद। बाजार में उमड़ी भीड़।




4 घण्टे बाजार लगाने की अनुमति दिया जाना चाहिए – राजेन्द्र साहू
दुर्ग- भिलाई / छत्तीसगढ़ के पारंपरिक पर्वों में से एक पर्व कमरछठ इस बार 9 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन माता-पिता अपनी संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए हलषष्ठी माता की पूजा-अर्चना करेंगी। अन्य प्रदेशों में हलषष्ठी पर्व को भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलदाऊ के जन्मोत्सव के रूप में मनाने की परंपरा है। हलषष्ठी, छठ माता की पूजा-अर्चना में पशर चावल और छह प्रकार की उपियों का भोग लगाया जाता है।
चूंकि कोरोना महामारी के कारण प्रदेश लॉकडाउन लगा है और रविवार को बाजार बंद है। केवल दो दिनों के लिए सुबह चार घंटे बाजार खुलने की इजाजत दी गई थी, इसलिए शनिवार को पशर चावल खरीदने के लिए गोलबाजार, शास्त्री बाजार में महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
4 घण्टे बाजार लगाने की अनुमति दिया जाना चाहिए ।
कांग्रेस महामंत्री राजेन्द्र साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्यौहार पर सुबह पूजा के सामग्रियों को विक्रय करने हेतु 4 घण्टे बाजार लगाने की अनुमति दिया जाना चाहिए ।