दुर्ग में दो हजार[2000] रुपए किलो तक बिका घी तो दूध 120 रुपए से 300 रुपए तक, दुर्ग में नही हुआ कार्यवाही , राजधानी में डेयरी सील
सफेद दूध का काला धंधा, कमरछठ पर दूध 320 रुपए किलो बेचा, सामान्य कीमत से पांच गुना ज्यादा कीमत वसूला, डेयरी सील


दुर्ग/रायपुर. लॉकडाउन के चलते रविवार को घर पहुंच दूध सेवा और डेयरियों को छोड़कर सभी तरह के दूध-दही की बिक्री पर रोक लगा दी गई थी। इस मौके का डेयरी संचालकों के साथ ग्वालों ने भरपूर फायदा उठाया। रविवार को खमरछठ पर्व होने तथा इसी दिन लॉकडाउन होने की वजह से दुर्ग में दो हजार रुपए किलो तक बिका घी तो दूध 120 रुपए से 300 रुपए तक दुर्ग में विभाग ने नही किया कार्यवाही !
रविवार को खमरछठ पर्व होने तथा इसी दिन लॉकडाउन होने की वजह से सामान्य दिनों में जो भैंस दूध प्रति लीटर 60 रुपए की दर से बिकता है, उसकी कीमत 80 से लेकर 300 रुपए प्रति लीटर वसूल की गई। एक उपभोक्ता की शिकायत पर नगर निगम की टीम ने शंकरनगर स्थित डेयरी को सील कर दिया।






गौरतलब है, बच्चों की लंबी उम्र की कामना करते हुए भादों माह के कृष्णपक्ष के छठवें दिन माताएं उपवास करती हैं, इस दिन माताएं गाय के दूध की जगह भैंस के दूध का सेवन करती हैं, साथ ही पूजा में इसका उपयोग होता है। इस बात का फायदा उठाते हुए मुनाफाखोरों ने भैंस के दूध की मनमानी कीमत वसूल की।