शराब पिलाकर कर दी ममेरे भाई की हत्या, मर्डर को हमले का रूप देकर पहुंच गया अस्पताल, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार।






शराब पिलाकर कर दी ममेरे भाई की हत्या, मर्डर को हमले का रूप देकर पहुंच गया अस्पताल, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
चरित्र शंका पर उपजे विवाद के बाद भाई ने अपने ही ममेरे भाई की हत्या कर दी। हत्या को छुपाने के लिए वारदात को सड़क दुर्घटना और मारपीट का रूप दे दिया। मामला दुर्ग जिले के अंडा थाने का है।
दुर्ग/ चरित्र शंका पर उपजे विवाद के बाद भाई ने अपने ही ममेरे भाई की हत्या कर दी। हत्या को छुपाने के लिए वारदात को सड़क दुर्घटना और मारपीट का रूप दे दिया।
मामला दुर्ग जिले के अंडा थाने का है। पुलिस ने हत्या के आरोपी विनायकपुर निवासी लक्ष्मण चंद्राकर को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं हत्या में साथ देने वाला शुभम फिलहाल फरार है। पुलिस ने बताया कि शनिवार को सुबह उतई शासकीय अस्पताल में दो व्यक्तियों की सड़क दुर्घटना में घायल होने की सूचना के बाद टीम अस्पताल पहुंची थी। जिसमें एक व्यक्ति महिपाल चंद्राकर के दुर्घटना में मृत्यु होने और उसके साथी लक्ष्मण चंद्राकर के घायल होने की सूचना पुलिस को दी गई। इस पर तत्काल मृत्यु की सूचना प्राप्त होने पर थाना उतई में मर्ग कायम कर घटनास्थल चिरपोटी थाना अंडा होने के कारण थाना अंडा को सूचित किया गया।
थाना प्रभारी अंडा निरीक्षक राजेश झा ने उतई पहुंचकर घटना में घायल लक्ष्मण चंद्राकर से घटना के विषय पर पूछताछ की। आरोपी सड़क दुर्घटना के विषय में गोलमोल जवाब देने लगा।
शव का पंचनामा कर मृतक की मृत्यु संदिग्ध प्रतीत होने पर तत्काल फॉरेंसिक वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. पंकज ताम्रकार की उपस्थिति में शव का निरीक्षण कराया गया।
शव को पीएम के लिए जिला अस्पताल दुर्ग भेज दिया गया। पीएम रिपोर्ट में मृतक की मृत्यु सिर पर चोट आने से होना बताया गया। जिसके बाद लक्ष्मण चंद्राकर को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई।
आरोपी ने अपने द्वारा अपने भाई महिपाल चंद्राकर की हत्या करना स्वीकार किया।
आरोपी ने बताया कि मृतक और वह दोनों ही विगत 1 वर्ष से रायपुर में निवास कर रहे हैं। वहीं रोजी मजदूरी करते हैं। तीन 3 दिन पहले वे दोनों आरोपी के ग्राम ओटेबंद धान कुटाने आए थे। जहां 21 अगस्त दोनों ने ओटेबंद में शराब पी।
इसी बीच मृतक महिपाल चंद्राकर और आरोपी के मध्य आपसी विवाद हो गया । इस दौरान ग्राम ओटेबंद का ही शुभम चंद्राकर भी वहां मौजूद था। मृतक, आरोपी लक्ष्मण चंद्राकर के चरित्र पर शंका करता था। जिस बात को लेकर दोनों के मध्य विवाद हुआ और लक्ष्मण चंद्राकर ने आवेश में आकर वहीं पर रखे सिलपाटा के पत्थर को उठाकर महिपाल चंद्राकर को मारा। जिससे उसकी मृत्यु हो गई। आरोपी के मित्र शुभम ने भी लक्ष्मण का साथ दिया।
रात्रि होने पर आरोपी अपने मित्र शुभम चंद्राकर की सहायता से मृतक के शव को बाइक से ओटेबंद से दूर चिरपोटी तिराहा के पास ले जाकर सड़क किनारे रख दिया।
यहां से शुभम वापस घर चला गया और लक्ष्मण वही महिपाल की लाश के समीप घायल होने का नाटक करते हुए लेट गया। अपनी बाइक को भी वही गिरा दिया। सुबह गांव वालों के समक्ष झूठी कहानी बताने लगा कि हम रात को वहां से गुजर रहे थे और कुछ लोगों ने हमें मारा जिससे हम यहां पर गिरकर बेहोश हो गए हैं। स्थानीय ग्राम वासियों ने आरोपी और मृतक को तत्काल अस्पताल पहुंचाया था।