ललितपुर,। अपराध नियंत्रण में अभी तक पुलिस की भूमिका सामने आती है, लेकिन ललितपुर में रेलवे बड़ी भूमिका में रही। ललितपुर में एक बच्ची को अपहर्ता से बचाने के लिए राप्ती सागर एक्सप्रेस को नॉन स्टॉप 260 किलोमीटर दौड़ाया गया। इसी बीच अगले रेलवे स्टेशन यानी भोपाल में पुलिस फोर्स मुस्तैद हो चुकी थी और बच्ची को अपहर्ता से छुड़ा लिया गया।






भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार किसी को अपहर्ता से छुड़ाने के लिए एक्सप्रेस ट्रेन को नॉनस्टॉप दौड़ाया गया। राप्ती सागर एक्सप्रेस ट्रेन को उसके निर्धारित स्टॉप पर रोका नहीं गया। ट्रेन को 260 किमी बाद के स्टेशन पर तब रोका गया, जब बच्ची को बचाने के लिए सुरक्षाबल पूरी तैयारी कर चुके थे।
ललितपुर स्टेशन के सीसीटीवी कैमरे में किडनैपर रविवार को बच्ची के साथ राप्ती सागर ट्रेन में सवार होता दिखा। इसको देखने के बाद आरपीएफ ने फौरन झांसी के इंस्पेक्टर को दी सूचना, जिन्होंने ट्रेन को भोपाल तक नॉनस्टॉप दौड़ाने का सुझाव दिया। इसी दौरान ट्रेन में ड्यूटी पर चल रहे जवानों को उस पर नजर रखने का निर्देश भी दिया गया। ललितपुर के आजादपुरा निवासी आशा रैकवार ने रविवार शाम 6:30 रेलवे स्टेशन ललितपुर जीआरपी थाने में जाकर सूचना दी कि उनकी तीन वर्षीय बच्ची काव्या सुबह 11 बजे घर के बाहर खेल रही थी। तभी अचानक खेलते-खेलते लापता हो गई। आशा रैकवार ने बताया कि वह मायके ललितपुर के आजादपुरा में रह रही हैं। उनके पति ग्वालियर में काम करते हैं।
इसके बाद वहां तैनात आरपीएफ ने स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी तो उसमें एक युवक काव्या को गोद में लिए हुए भोपाल की ओर जा रही राप्ती सागर एक्सप्रेस ट्रेन में चढ़ते हुए दिखा। इस पर मामले की जानकारी झांसी से भोपाल स्टेशन के कंट्रोल रूम को दी गई। इस बीच ट्रेन को भोपाल से पहले कहीं न रोकने का अनुरोध किया। माना जा रहा था कि ट्रेन रुकती तो किडनैपर बच्ची को लेकर फरार हो जाता। इस पर रेलवे ने ललितपुर से भोपाल के बीच ट्रेन को नॉनस्टॉप दौड़ाया। जैसे ही ट्रेन भोपाल स्टेशन पर रुकी तो सुरक्षा बलों ने किडनैपर को पकड़ लिया। इस पूरे घटनाक्रम की रेल मंत्री पीयूष गोयल ने तारीफ की। उन्होंने कहा कि रेलवे में बढ़ाई जा रही निगरानी के सुखद परिणाम आ रहे हैं।