दुर्ग नगर निगम में अनुकंपा नियुक्तियों में हुआ गड़बड़ झाला।
अनुकंपा नियुक्ति में कोई मापदण्ड नही देखा गया है बाप बड़ा न भैया सबसे बड़ा रुपया।




दुर्ग/ दुर्ग नगर निगम में पिछले कुछ सालों में किए गए अनुकंपा नियुक्तियों पर संदेह के दायरे में रहा है।
धांधली ही नही खुलकर भ्र्ष्टाचार हुआ और अफसर शाही हावी रहा।
दुर्ग निगम एक वोहदेदार अधिकारी को उनके 2 साल की परीक्षा अवधि के दौरान ही 3 माह के अंदर प्रमोशन कर दिया जाना ही अपने आप मे संदेह को जन्म देता है। ऐसे अधिकारी करतूतों के कारण व्यवस्था यह बनी है कि जायज अनुकम्पा नियुक्ति के हकदार भटक रहे है।
और अपात्र लोगों की नियुक्ति हो गई । और अब वे मलाईदार पदों पर आसीन है।
चमचों का बोल बाला रहा योग्यता के आधार पर पद का निर्धारण नही किया गया।
अनुकंपा नियुक्ति के दौरान निर्धारित मापदंड की योग्यता रखने के बावजूद पात्र लोगों की जगह उनका लाभ नहीं मिला । जो एक संदेह को जन्म देता है।
मामले की जांच कराई गई तो कई लोगों पर गाज गिरना तय है।
भटक रही है आज भी एक विधवा महिला
ऐसा ही एक मामला सामने आया था कि प्रतिमा थिमोटे जिसके माता पिता निगम के कर्मचारी थे। उनके असमय मृत्यु के उपरांत पुत्री जिनको माता पिता के द्वारा उत्तराधिकारी नयुक्त किया था वह भटके रही उस पर कोई विचार नही किया गया। वह आज भी भटक रही है