बेमेतरा /जिले के विकासखण्ड बेमेतरा के ग्राम-जेवरा निवासी करमजित सिंह द्वारा गत वर्षो से परम्परागत खेती की जा रही थी।
उन्होने बताया कि कृषि विभाग के अधिकारियों के संपर्क में आए और उनके मार्गदर्शन के अनुसार मेरी खेती मे सुधार हुआ है। जिसमें अधिकारियों द्वारा बताया गया कि किस प्रकार कम लागत में अधिक उत्पादन लिया जा सकता है, मेरे द्वारा उनके बताए गए तरीकों को अपनाया गया जिससे मेरा फसल उत्पादन में वृद्धि हुई और साथ ही साथ लागत में भी कमी आई।
अधिकारियों के कहे अनुसार खेतों की मिट्टी जांच करवाई एवं स्वायल हेल्थ कार्ड के अनुसार खेतों में खाद एवं उर्वरकों का उपयोग किया। कृषि विभाग के अनुसार रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम करके जैविक खाद का उपयोग किया जिससे उत्पादन में वृद्धि हुआ। गौमूत्र, दही एवं का उपयोग किया गया।
खेतों में उपयोग किया जिससे कीटों का नियंत्रण एवं पौध वृद्धि में सहायता प्राप्त हुआ। बरसीम का उपयोग पहले जानवरों के चारे के रूप में किया एवं धान के रोपाई के पूर्व उसे खेत में हरी खाद के रूप में उपयोग किया।





