पंचतत्व में विलीन सियासत का “मोती”:CM शिवराज बोले विरोधियों की भी मदद करते थे

- मध्यप्रदेश के रायपुर पहुंचे सीएम शिवराज के साथ, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और प्रेम प्रकाश पांडे पहुंचे वोरा निवास
- रायपुर के राजीव भवन में गार्ड ऑफ ऑनर के बाद, मोतीलाल वोरा को अंतिम विदाई
- रायपुर में दर्शन के बाद अब दुर्ग में हुआ अंतिम संस्कार
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोती लाल वोरा मंगलवार शाम पंचतत्व में विलीन हो गए। दुर्ग में शिवनाथ एनिकट के पास बने मुक्तिधाम में उनका का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उनके बेटे और दुर्ग से विधायक अरुण वोरा समेत परिवार के सभी सदस्य और प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री हरीश रावत, कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक मौजूद रहे। सोमवार को दिल्ली स्थित एक अस्पताल में मोतीलाल वोरा का 93 साल की उम्र में निधन हो गया था।



मैनें उनके खिलाफ किए आंदोलन, मगर स्नेह बना रहा
मध्यप्रदेश के CM शिवराज सिंह भी इस दौरान दुर्ग पहुंचे। उन्होंने कहा कि जब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा हुआ करते थे, मैं तब युवा मोर्चा का नेता था। हमने कई आंदोलन और विरोध प्रदर्शन किए मगर वो हमेशा स्नेह के साथ हमें पास बुलाते और समस्याओं का समाधान करते थे। वो अजातशत्रु थे। अविभाजित मध्यप्रदेश की राजनीति की पूरी पीढ़ी चली गई। मुझे याद है सुंदर लाल पटवा के क्षेत्र में ओले गिरे थे। तो उनके साथ वोरा जी निरिक्षण करने गए थे। वो विरोधियों की भी मदद करने की वजह से जाने जाते रहे हैं।

इससे पहले मंगलवार की दोपहर विशेष विमान से मोतीलाल वोरा का पार्थिव शरीर रायपुर लाया गया। एयरपोर्ट से पार्थिव शरीर शंकर नगर स्थित कांग्रेस दफ्तर लाया गया। यहां बड़ी तादाद में पार्टी नेता और सरकार के मंत्रियों ने मोतीलाल वोरा को अंतिम नमन किया। कुछ देर तक यहां चले दर्शन कार्यक्रम के बाद पार्थिव शरीर दुर्ग के लिए ले जाया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने इस दौरान कंधा दिया। छत्तीसगढ़ पुलिस के जवानों की टुकड़ी ने सीनियर नेता को रायपुर में गार्ड ऑफ ऑनर दिया।

केंद्रीय नेतृत्व में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के रायपुर आने की चर्चा थी। मगर बाद में यह साफ हुआ कि उनके रायपुर आने का कोई कार्यक्रम नहीं है। हालांकि इन सभी नेताओं ने सोमवार को दिल्ली में मोतीलाल वोरा के अंतिम दर्शन किए थे। सोनिया गांधी ने अपने प्रतिनिधी के रूप में मुकुल वासनिक और हरीश रावत को भेजा ।

