नए साल के पहले दिन सेवा के 4 वर्ष पूर्ण करने पर संस्था विभिन्न समाजसेवी कार्यो को देगी अंजाम



दुर्ग। भूखे को भोजन करवाना सबसे बड़ा मानव धर्म है। इस कथन को शहर की समाजसेवी संगठन जनसमर्पण सेवा संस्था ने सच कर दिखाया। संस्था द्वारा पिछले 4 वर्षो से लगातार असहाय व गरीब वर्ग के लोगों को भोजन के साथ-साथ उनकी जरुरतों का सामान उपलब्ध करवाकर मानव सेवा का बड़ा उदाहरण पेश किया गया है, वहीं कोरोना संकटकाल में भी प्रभावितों को मदद पहुंचाने में संस्था ने कोई कसर बाकी नहीं रखी।
जिसके परिणामस्वरुप प्रवासी मजदूरों व गरीब वर्ग के लोगों को भूख का दंश झेलना नही पड़ा, साथ ही अपने घरों तक पहुंचने में ऐसे वर्ग के लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा। यह जनसमर्पण सेवा संस्था अपने सेवाभावी कार्यो का 1 जनवरी 2021 को 4 साल पूरा करेगी।
इस दिन को यादगार बनाने संस्था अपने नाम के अनुरुप विभिन्न समाजसेवी कार्यो को अंजाम देगी। जिसकी शुरुवात गौ माता की सेवा के साथ की जाएगी। जिसके तहत संस्था के सदस्यों द्वारा सुबह 10 बजे से शहर में घूमकर गौमाता को रोटी-गुड़ खिलाया जाएगा। इसके अलावा दोपहर 12 बजे वृद्धाश्रम
पुलगांव में बुजुर्गो को भोजन करवाने के साथ उन्हे धोती-साड़ी व कंबल का
वितरण किया जाएगा। इसी प्रकार बाल आश्रम में भी फल व मिठाईयां बांटी
जाएगी। 1 जनवरी का दिन रेल्वे स्टेशन परिसर में विशेष खुशियों का दिन
होगा। संस्था द्वारा यहां पिछले 4 वर्षो से प्रतिदिन असहाय व गरीब वर्ग
को भोजन उपलब्ध करवाते आ रही है। संस्था अपने सेवा कार्य का 4 वर्ष पूर्ण
करने की खुशियां असहाय व गरीब वर्गो में आपस में बांटेगी। रेल्वे स्टेशन परिसर में भोजन वितरण के साथ-साथ इस दिन संस्था द्वारा बस स्टैंड एवं अन्य स्थानों में भी जरुरतमंदों को भोजन उपलब्ध करवाएंगी। यह बातें जनसमर्पण सेवा संस्था के प्रमुख योगेन्द्र शर्मा(बंटी) ने शनिवार को मीडिया से चर्चा में कही। इस दौरान संस्था के शिशुपाल शुक्ला, अर्जित शुक्ला एवं अन्य सदस्य भी मौजूद थे।
संस्था प्रमुख शर्मा ने बताया कि 1 जनवरी 2017 को जब पूरा शहर नये वर्ष की पार्टी मना रहा था तब इस संस्था के युवा शहर में घूम-घूमकर गरीबों को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध करवा रहे थे। उस दिन से आज तक प्रतिदिन दुर्ग रेल्वे स्टेशन एवं शहर के विभिन्न स्थानों में करीब 100-150 जरुरतमंद गरीब, असहाय, विकलांगजनों को संस्था द्वारा भोजन कराया जा रहा है। इस कार्य में संस्था के युवा साथियों के साथ अन्य स्वयंसेवक, धार्मिक एवं सामाजिक संस्था का बराबर सहयोग मिल रहा है।
शर्मा ने बताया कि दुर्ग शहर में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए, इसी उददेश्य के साथ इस सेवा की शुरुवात की गई है।
इन 4 वर्षो में संस्था द्वारा जनसहयोग से प्रतिदिन लगभग 70 से 80 गरीब, असहाय एवं जरुरतमंदों को
भोजन के साथ-साथ विकलांगों को ट्रायसिकल, बैशाखी, व्हीलचेयर, कम्मोट
चेयर, ठंड से बचने के लिए कंबल, कपड़े, बर्तन एवं अन्य सामाग्री नि:शुल्क
उपलब्ध करवा चुकी है।
संस्था द्वारा अब तक 63 बैसाखी, 41 ट्रायसिकल, लगभग 1200 से अधिक कंबल वितरण किया गया है। संस्था प्रमुख योगेन्द्र शर्मा ने बताया कि कोरोना महामारी को लेकर 22 मार्च से देश में लगे लॉकडाउन में जनसमर्पण सेवा संस्था दुर्ग ने सबसे पहले लोगों की मदद में सामने आई थी।
लॉकडाउन के प्रथम दिवस से लेकर अब तक संस्था ने 50 हजार प्रवासी मजदूर,
जरुरतमंदों और गरीब परिवार को पका हुआ भोजन वितरण किया, वहीं प्रवासी मजदूरों को रास्ते में चप्पल, खाने-पीने के लिए बिस्कुट,कोल्ड्रिंक्स और पानी की बोतलें भी उपलब्ध करवाई गई।
भोजन सेवा में अर्जित शुक्ला, शिशुपाल शुक्ला, आशीष मेश्राम, प्रकाश कश्यप, संजय सेन, ईशान शर्मा, मृदुल गुप्ता, राजेन्द्र ताम्रकार,सुजल शर्मा, हरीश ढीमर, शुभम सेन, शिबू मिर्जा, दद्दू ढीमर, शिबू खान, भागवत पटेल, वाशु शर्मा, मुकेश पटेल, शब्बीर खान, नीलेश पुरोहित, शिव कुमार, कृतज्ञ शर्मा, आयुष पांडे, हर्ष जैन, सुधांश गुप्ता एवं संस्था के अन्य सदस्यों की सेवा मिशाल बनी हुई है।
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