दुर्ग /दुर्ग शहर की लगभग चार वर्षों से पहचान बने संस्कार केंद्र में बच्चों के जयश्री राम का अभिवादन सुनाई नही देगा,न ही नशा छोड़ो, शाकाहारी बनों, पढ़ो लिखों,सच्चे इंसान बनो, नशे से दूर रहो, जैसा पाठ भी नही पढ़ाए जाएगे।
आप सोच रहे है ऐसा क्यों यह सब दुर्ग नगर निगम के ईमानदार अधिकारी और सत्ता पक्ष के नेताओं के आदेश पर कल संस्कार केंद्र को सील बंद किया गया।





दुर्ग निगम के अधिकारियों का कहना है कि लगातार शिकायत मिलने पर दुर्ग शहर के प्रथम नागरिक के द्वारा कार्यवाही करने के मौखिक रूप से निर्देश दिया गया था।जिस आदेश के परिपालन में दुर्ग स्थित नगर निगम शॉपिंग कांप्लेक्स के दुकान क्रमांक 11 में बजरंग दल एवं संस्कार स्कूल का अतिक्रमण पाया गया जिसे बाजार विभाग द्वारा खाली कराकर ताला बंद की कार्यवाही किया गया।


धर्मार्थ नही चल पाया तो संस्कार केंद्र खुला
वर्षो से धर्मार्थ सेवा करने के लिए सूत्र बताते हैं दुर्ग सराफा व्यापारियों को दिया गया था। लेकिन उसमें धर्मार्थ का कार्य शुरू नही हो पाया, और सालों तक बंद पड़ा हुआ था जिस पर जैन समाज के एक समाजसेवी की नजर पड़ी और उनके मार्गदर्शन में संस्कार केंद्र खोलने के लिए कुछ लोगों से सहमति बना उक्त स्थल पर संस्कार केंद्र खोला गया था।सूत्र बताते हैं सत्ता परिवर्तन के बाद एक बड़े पूंजीपति वर्ग के समाजसेवी को तवज्जो नहीं मिलने के चलते यह केंद्र सुर्खियों में आ गया।
समय दान से चल रहा था संस्कार केंद्र आसपास के झुग्गियों के साथ घुमन्तु बच्चे आते हैं पढ़ने जिसे समय दान कर अलग अलग लोग सेवा देकर चला रहे थे। अभी अभी मिली थी शिक्षका तो संस्कार केंद्र ही बंद हो गया।
मेरी जानकारी में नही है जानकारी लेकर ही कुछ कह पाऊँगा
धीरज बाकलीवाल
महापौर, दुर्ग निगम
लगातार शिकायत मिल रही थी उच्चाधिकारियों व सत्तापक्ष(नाम न लिखने की शर्त पर) के निर्देश पर कार्यवाही किया गया है
थानसिंह यादव
बाजार प्रभारी, दुर्ग निगम