रायपुर और ओडिशा के कृषि विश्वविद्यालयों के बीच हुए समझौते पर शुरू होगी पहल, छात्रों को मिलेगा लाभ

समझौते के तहत दोनों विश्वविद्यालयों के शोधार्थी एक दूसरे के यहां जाकर शोध कार्य कर सकेंगे।



रायपुर। कोरोना के कारण विश्वविद्यालय के अन्तर्गत हुए समझौते पर दोबारा पहल शुरू की जाएगी, जिससे छात्र उसके लाभ ले सकेंगे। ज्ञात हो कि लगभग एक वर्ष पहले इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर और ओडिशा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर के मध्य यहां शिक्षा, अनुसंधान और शोध कार्य की गुणवत्ता में बढ़ोतरी के लिए आपसी समझौता किया गया था। समझौते के तहत दोनों विश्वविद्यालयों के शोधार्थी एक दूसरे के यहां जाकर शोध कार्य कर सकेंगे। साथ ही वहां उपलब्ध अधोसंरचनाओं और संसाधनों को उपयोग कर सकेंगे।
दोनों विश्वविद्यालय सूचनाओं का आदान-प्रदान भी करेंगे। समझौता ज्ञापन पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति डॉ. एसके पाटील और ओडिशा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति डॉ. पवन कुमार अग्रवाल ने हस्ताक्षर किए थे। इसे दोबारा नए तरीके से शुरू किया जाएगा। ओडिशा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित प्रबंध सूचना प्रणाली (एमआइएस) को अपनाने के लिए भी अनुबंध किया गया है।
संसाधनों के उपयोग की मिलेगी सुविधा
कृषि महाविद्यालय, रायपुर के संगोष्ठी कक्ष में आयोजित अनुबंध समारोह में दोनों विश्वविद्यालयों में गुणवत्तापरक शोध को बढ़ावा देने के लिए एमएससी एवं पीएचडी के शोधार्थियों को अनुसंधान के लिए एक-दूसरे के यहां उपलब्ध संसाधनों के उपयोग की सुविधा मिलेगी। इसके तहत उद्यानिकी, कीट विज्ञान, पौध रोग विज्ञान, अनुवांशिकी एवं पौध प्रजनन, सस्य विज्ञान, मृदा विज्ञान, पादप कार्यिकी, जैव रसायन, सांखियकी, अर्थशास्त्र, विस्तार, कंप्यूटर विज्ञान, सूचना प्रौद्योगिकी एवं अन्य विभागों के शोधार्थियों को यह सुविधा प्राप्त होगी।
इसके साथ ही अनुबंध के तहत ओडिशा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भुवनेश्वर में ई-गवर्नेन्स को बढ़ावा दिया जाएगा। अनुबंध के दौरान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पाटिल, निदेशक शिक्षण डॉ. एमपी ठाकुर, निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. एससी मुखर्जी, सहित ओडिशा कृषि एवं प्रौद्योगिकी कृषि विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर के निदेशक योजना पर्यवेक्षण एवं मूल्यांकन डॉ. एच. पात्रा और वित्त नियंत्रक मनुनाथ सेठी सहित अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे