JwalaExpressJwalaExpress

    Subscribe to Updates

    Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.

    What's Hot

    जोगी कांग्रेस से निष्कासित विधायक धर्मजीत सिंह थामेंगे कांग्रेस का हाथ?

    March 29, 2023

    दहशत मचाने वाला बाघ कैसे हुआ पिंजरे में कैद, हमला कर दो लोगों की ले ली थी जान

    March 29, 2023

    किसानों के लिए वरदान बनी यह सिंचाई योजना, नई पद्धति अपनाने पर अनुदान भी दे रही बघेल सरकार

    March 29, 2023
    Facebook Twitter Instagram
    Facebook Twitter Instagram Vimeo
    JwalaExpress JwalaExpress
    Subscribe Login
    • होम
    • छत्तीसगढ़
    • देश-विदेश
    • राजनीति
    • क्राइम
    • खेल
    • मनोरंजन
    • व्यापार
    • जरा हटके
    • विविध
      • गृह लक्ष्मी
      • धर्म
      • शिक्षा
      • स्वास्थ्य
      • पर्यटन
    • E-Paper
    JwalaExpressJwalaExpress
    Home»Uncategorized»मैली होती यमुना पर चमक रही सियासत, अब सिर्फ अदालत की आस, रोचक स्‍टोरी पढ़े
    Uncategorized

    मैली होती यमुना पर चमक रही सियासत, अब सिर्फ अदालत की आस, रोचक स्‍टोरी पढ़े

    Jwala Express NewsBy Jwala Express NewsJanuary 16, 2021No Comments4 Mins Read

    नई दिल्‍ली, कड़ाके की इस सर्दी में भी दिल्लीवासियों के कंठ सूख रहे हैं। अमूमन इस मौसम में पानी की किल्लत नहीं होती है, लेकिन प्राणदायिनी यमुना इतनी मैली हो गई है कि इसका जल आधुनिक संयंत्रों में भी अब साफ नहीं हो रहा। पानी में अमोनिया का स्तर तय सीमा से कई गुना ज्यादा बढ़ गया है, जिससे जल शोधन संयंत्र बार-बार बंद करने पड़ रहे हैं। इस वजह से दिल्ली के कई इलाकों में जल आपूर्ति बाधित होती है। यमुना और दिल्लीवासियों का यह दर्द कोई नया नहीं है। सियासत व शासन, प्रशासन की उपेक्षा ने पवित्र नदी के जल को विष में बदल दिया है। दिल्ली जल बोर्ड ने इसके लिए हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। नजरें सुनवाई पर टिकी हैं। शायद शीर्ष अदालत की दखल से इस नदी का वैभव लौट आए। इससे दिल्लीवासियों को शुद्ध जल भी नसीब हो सकेगा।

    सियासत से बड़ा है देश  किसान आंदोलन पर देशविरोधी ताकतों की नजर है। शुरू से ही वह इस आंदोलन की आड़ में अपने मकसद को अंजाम देने की कोशिश में लगे हुए हैं। विदेश में बैठे खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरवंत सिंह पन्नू इसमें सबसे आगे हैं। आंदोलन को समर्थन देने के नाम पर वह अन्नदाताओं को अपना मोहरा बनाना चाहता है। गणतंत्र दिवस पर खालिस्तान का झंड़ा लहराने के लिए उन्हें उकसा रहा है। यह गंभीर मामला है और उसके मनसूबों को नाकाम करने की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी आंदोलन के मुखिया बने किसान संगठनों और अकाली नेताओं की है। उन्हें न सिर्फ उसका पुरजोर विरोध करना चाहिए, बल्कि उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए भी आगे आना होगा, लेकिन इसे लेकर वह चुप्पी साधे हैं। इससे सवाल भी खड़े हो रहे हैं। उन्हें याद रखना चाहिए कि आंदोलन देश को मजबूत करने के लिए होता है न कि आतंकी संगठनों को मजबूती देने के लिए।

    समाधान वार्ता से ही निकलता है

    विवाद चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, समाधान वार्ता से ही निकलता है। इस सच्चाई को स्वीकार करने में जितनी देर होती है, नुकसान उतना ज्यादा निश्चित है। नए कृषि कानूनों को लेकर भी यही स्थिति है। इन कानूनों के विरोध में किसान पिछले लगभग दो माह से दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं। कानून वापसी से कम कुछ भी इन्हें स्वीकार नहीं है, न तो सरकार की अपील का असर हो रहा है और न अदालत की पहल पर विश्वास। सुप्रीम कोर्ट ने विवाद सुलझाने के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, लेकिन किसान नेताओं को यह भी पसंद नहीं है। इसलिए कमेटी के सदस्यों को भी सरकार का पक्षधर बताकर इनके साथ वार्ता करने से इन्कार कर रहे हैं। इनका अड़ियल रवैया हानिकारक साबित हो रहा है। किसानों के जीवन को दांव पर लगाने के बजाय नेताओं को जनहित में फैसला लेना चाहिए।

    दिल्ली भाजपा में तेरे मेरे का खेल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। नेताओं के इस खेल का खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ रहा है। संगठन के पुनर्गठन की प्रक्रिया बाधित हो रही है। गुटबाजी को हवा मिल रही है। प्रदेश के नेताओं की आपसी लड़ाई का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि आदेश गुप्ता की ताजपोशी के सात माह बाद भी दिल्ली भाजपा में संगठनात्मक पुनर्गठन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। अब तक मोचरें का गठन नहीं हो सका है। पार्टी की गतिविधियों और अभियान को जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी इन मोचरें की होती है, लेकिन टीम घोषित नहीं हुई है। मोर्चा अध्यक्ष पिछले कई माह से सियासी रण में बिना सिपाहियों के अकेले तलवार भांज रहे हैं। इस स्थिति से पार्टी के बड़े नेता चिंतित हैं। बताते हैं कि प्रभारी बैजयंत पांडा भी मोर्चा पदाधिकारियों की घोषणा शीघ्र करने को कह चुके हैं।

    Previous Articleनए कृषि कानूनों से किसानों की सुधरेगी आर्थिक स्थिति – केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद
    Next Article वैक्सीन लगने से बुखार, सिर व बदन दर्द हो तो घबराएं नहीं, गंभीर प्रभाव पर मिलेगा मुआवजा
    Jwala Express News

    Related Posts

    जोगी कांग्रेस से निष्कासित विधायक धर्मजीत सिंह थामेंगे कांग्रेस का हाथ?

    March 29, 2023

    दहशत मचाने वाला बाघ कैसे हुआ पिंजरे में कैद, हमला कर दो लोगों की ले ली थी जान

    March 29, 2023

    किसानों के लिए वरदान बनी यह सिंचाई योजना, नई पद्धति अपनाने पर अनुदान भी दे रही बघेल सरकार

    March 29, 2023

    छत्तीसगढ़ के बस्तर में 250 साल पुराना प्रदेश का सबसे विशाल पेड़, लोगों के लिए आस्था का केंद्र

    March 29, 2023

    Leave A Reply Cancel Reply

    CG Live Budget
    https://www.youtube.com/watch?v=zxyCMmZYMOc
    RO-12338/99
    RO-12338/99
    Ro No. 12294/99
    Ro No. 12276/48
    Ro No. 12276/48
    संपादक

    ज्वाला प्रसाद अग्रवाल

    www.jwalaexpress.com
    एड्रेस :
    वार्ड क्रमांक 27, झूलेलाल मंदिर के पीछे ,
    सिंधी कॉलोनी , दुर्ग (छत्तीसगढ़ ) पिन कोड - 491001

    मोबाइल : 9993590905, 7000489995
    ई-मेल  : jwalaexpress@gmail.com

    हमारे बारे में
    ज्वाला एक्सप्रेस छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है व साप्ताहिक न्यूज पेपर जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है। इसके साथ ही हम महत्वपूर्ण खबरों को अपने पाठकों तक सबसे पहले पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
    सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।
    Facebook Twitter Instagram Pinterest
    • Home
    • Politics
    • Business
    • Technology
    • Buy Now
    © 2023 ThemeSphere. Designed by ThemeSphere.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

    Sign In or Register

    Welcome Back!

    Login to your account below.

    Lost password?