कोरबा में पिता-पुत्री समेत एक ही परिवार के तीन कोरवा आदिवासियों की हत्या, जांच में जुटी पुलिस पांच लोगों को हिरासत में पूछताछ कर रही है।
कोरबा। उपरोड़ा के कोसगाई जंगल में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दिए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मृतक जिस परिवार के घर का मवेशी चराया करता था, उस परिवार के सदस्यों ने ही पत्थर से सिर कुचल कर हत्या कर दी। पुलिस पैसों के विवाद को लेकर हत्या की बात कह रही है। वहीं गांव में इसे लेकर अन्य चर्चाएं व्याप्त है। पुलिस पांच लोगों को हिरासत में पूछताछ कर रही है।
जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर लेमरू थाना के अंतर्गत आने वाले देवपहरी पर्यटन स्थल से लगे बरपानी गांव में रहने वाला पहाड़ी कोरवा झकरी राम पिता धरमू 55 साल अपनी पुत्री ननकीबाई 16 वर्ष व रिश्तेदार रामकुमार पहाड़ी की चार वर्षीया बेटी सत्यवती बाई के साथ सतरेंगा में रहने वाले संतराम यादव के घर जाने निकला था।
बताया जा रहा है कि काफी समय से झकरी संतराम के यहां काम करता था। पुलिस ने जो जानकारी दी है कि उसके अनुसार पैसे के लेन—देन के विवाद को लेकर पत्थर से कुचल कर संतराम यादव, अब्दुल जब्बार, अनिल सारथी, परदेशी राम, अनंतदास व उमा शंकर यादव ने हत्या की घटना को अंजाम दिया है।
पुलिस ने चार को हिरासत में ले लिया है, वहीं परदेशी व अनंतदास की तलाश की जा रही है। गांव में यह भी चर्चा है कि एक फरवरी की सुबह संतराम यादव समेत कुछ अन्य संदेही खुद से थाना पहुंचे और झकरीराम व दो अन्य की हत्या के मामले में फंसाए जाने की सफाई दी। यह सुन पुलिस के अधिकारी भौचक रह गए।
तब तक उन्हें इस घटना की कोई जानकारी नही थी। उनके साथ पुलिस तत्काल मौके पर पहुंचे, उस वक्त ननकीबाई जख्मी अवस्था में पड़ी मिली।
उसकी सांस उखड़ रही थी, आनन फानन में उसे जिला अस्पताल उपचार के लिए भेजा गया। अस्पताल पहुंचने से पहले ही वह रास्ते में ही दम तोड़ दी। इसलिए उसका भी मरणासन्न बयान नहीं हो सका। बताया जा रहा है कि झकरीराम की पत्नी इस पूरे घटनाक्रम की चश्मदीद गवाह है और वह इस वक्त लापता है।
ग्रामीणों की माने तो यह घटना 30 जनवरी की है और किसी तरह भागकर झकरीराम की पत्नी ने अपनी जान बचाई। मृतक की पुत्री के साथ अनिष्ट की भी आशंका ग्रामीणों ने जताई है। इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कीर्तन राठौर का कहना है कि प्राथमिक तौर पर पैसों के लेन देन को लेकर विवाद की बात सामने आई है। अभी सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। इसके बाद ही वास्तविकता सामने आएगी।
आखिर घटना कब हुई
पुलिस की ओर से जारी की गई जानकारी में घटना मंगलवार की बताई जा रही है, लेकिन ग्रामीणों की मानें तो यह घटना 30 जनवरी की है। यदि घटना पुरानी है तो पुलिस के सूचना तंत्र पर सवाल उठना लाजिमी है। घटना के तीसरे तीन दिन पुलिस को तब जानकारी मिलती है, जब खुद से संदेही थाना पहुंचकर सफाई देने की कोशिश करते हैं। यानी आसपास के क्षेत्र में पिछले दो दिन इस जघन्य हत्याकांड की चर्चा रही, पर पुलिस तक बात नहीं पहुंच सकी