दुर्ग शहर में लगातार बढ़ रहे लगातार संक्रमण को देखते हुए वरिष्ठ विधायक अरुण वोरा के आग्रह पर शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव दुर्ग शहर पहुंचे एवं जिला प्रशासन एवं कोरोना नियंत्रण से जुड़े समस्त विभागों की मैराथन बैठक ली। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री के अलावा जिले से अन्य दो मंत्री गुरु रुद्र कुमार एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े ताम्रध्वज साहू भी शामिल हुए।




बैठक के दौरान व्यवस्थाओं को लेकर विधायक वोरा मुखर नजर आए और उन्होंने कई महत्वपूर्ण सवाल उठाते हुए सुझाव भी दिए उन्होंने कहा कि जिले में प्रतिदिन के पॉजिटिव आंकड़े 1000 से अधिक आ रहे हैं ट्रू नॉट और रैपिड एंटीजन किट की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए क्योंकि आरटीपीसीआर के रिपोर्ट आने में 3 दिन का समय लगता है जिस दौरान मरीजों की हालत गंभीर हो जाती है। टेस्टिंग सेंटर में स्टॉफ प्रतिदिन समय से पहले पहुंच जाएं, किसी सेंटर में अव्यवस्था और भीड़ भाड़ ना होने दिया जाए।
कितने सेंटर संचालित किए जा रहे हैं और एक सेंटर में प्रतिदिन कितने टेस्ट की क्षमता है? जिस तरह के हालात हैं अस्पतालों में बिस्तर नहीं हैं लॉक डाउन के दौरान टेस्टिंग और ट्रेसिंग की सटीक कार्ययोजना बनाई जाए जिससे संक्रमण काबू में आए और लॉक डाउन का फायदा मिल सके।
वैक्सीनेशन और टेस्टिंग दोनों ही वार्ड स्तर पर कराए जाने की आवश्यकता है। डीएमएफ फंड का उपयोग करके पैरामेडिकल स्टाफ बढ़ाया जाए। जन हानि को न्यूनतम करने के प्रयास युध्दस्तर पर होना चाहिए। लॉकडाउन की आवश्यकता पिछले एक सप्ताह से महसूस की जा रही थी किन्तु लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद, गरीबों, मजदूरों और मध्यम वर्ग के लिए रोजमर्रा की जरूरत के क्या इंतेज़ाम किए गए हैं !!
क्या कोई हेल्पलाइन नम्बर जारी किया गया है । हेल्पलाइन की सूचना किस माध्यम से दी गई है? क्या सभी लोगों को जानकारी मिल गई है। निशक्तजन और निराश्रित वृद्धों के रोजमर्रा की जरूरतों के लिए प्रशासनिक प्लान तैयार किया जाए इस हेतु निगम से सूची मंगवा कर विशेष प्रभारी नियुक्त करने की आवश्यकता है। मृत्यु के आंकड़ों में विरोधाभास की खबरें क्यों आ रही हैं ?
जब अंतिम संस्कार प्रशासनिक देखरेख में करवाया जा रहा है फिर आंकड़ों में 5 गुना अंतर आने से शहर वासियों में दहशत फैल रही है। सही जानकारी जनप्रतिनिधियों एवं पत्रकारों को प्रतिदिन उपलब्ध कराई जाए। आपात स्थिति में आक्सीजन बेड, आईसीयू बेड और मरीजों को हायर सेंटर रेफर करने के लिए व्यवस्था की जाए । कितने बेड बढ़ाए जा रहे हैं ?
अस्पताल में जगह दिलाने प्रतिदिन कई लोग जनप्रतिनिधियों के घर चक्कर लगा रहे हैं। जनता के प्रति जवाबदेही हमारी है जिसे शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को मिलकर बेहतर ढंग से निभाना है। केंद्र एवं राज्य सरकार के निर्देशों का आम जनों ने हर तरह से परिपालन करने का प्रयास किया है उसके बाद भी मामले बढ़ रहे हैं, हर मरीज को आवश्यकता अनुसार इलाज और अस्पताल की सुविधा तो उपलब्ध करवाने तैयारी रखनी जरूरी है।
आइसोलेशन सेंटर बनाने के लिए होटल, मांगलिक भवन अथवा शासकीय भवन अधिग्रहण की कार्ययोजना बनाई जाए। मुख्यमंत्री के गृह जिले विशेष कर ट्विन सिटी शहरी क्षेत्र के नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग को विशेष कार्ययोजना बना कर पहल करने की आवश्यकता है। आवागमन पास भी एक महत्वपूर्ण विषय है पर इसका दुरुपयोग ना हो अपितु सदुपयोग हो।
वार्ड पार्षदों एवं प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार बंधुओं को फ्रंट लाइन वर्कर की श्रेणी में रखने की पहल करते हुए उम्र की सीमा को शिथिल कर टीकाकरण में शामिल किया जाए। इस दौरान दुर्ग निगम के महापौर धीरज बाकलीवाल एवं पूर्व विधायक भजन सिंह निरंकारी ने भी अपने सुझाव रखे।