रायपुर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल बुधवार को दूसरे दिन भी जारी है। रेजिडेंट डॉक्टरों ने OPD सेवाओं का बहिष्कार किया है। वे पार्किंग एरिया में धरने पर बैठे हैं। इस बीच प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री TS सिंहदेव ने जूनियर डॉक्टरों के उन आरोपों को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने PPE किट, मास्क और सर्जिकल ग्लव्स की खराब गुणवत्ता की बात कही थी।






मीडिया से बातचीत में स्वास्थ्य मंत्री TS सिंहदेव ने कहा, “गुणवत्ता खराब हाेने जैसी कोई बात ही नहीं है। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल में उनकी परीक्षा ही मुख्य मुद्दा है। हम परीक्षा कराने को तैयार हैं। मैंने चिकित्सा शिक्षा संचालक से बात की है। जल्दी ही उनकी परीक्षा तिथियां घोषित कर दी जाएंगी।”
सिंहदेव ने कहा, “विद्यार्थियों के एक समूह के कहने पर ही परीक्षाओं को टाला भी गया था। उस समूह का कहना था कि कोरोना की भयावहता के बीच परीक्षा कराना ठीक नहीं है। अब एसोसिएशन कह रहा है कि विद्यार्थियों का प्रतिनिधित्व वे करते हैं। वे परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं।” इधर, जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन का कहना है कि उनकी सभी मांगें पूरी होने तक वे हड़ताल जारी रखेंगे। एसोसिएशन ने 15 अप्रैल से आपातकालीन सेवाओं और 18 अप्रैल से कोविड ड्यूटी का भी बहिष्कार करने की चेतावनी दी है।
इन मांगों पर जूनियर डॉक्टरों की यह हड़ताल
- डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, तृतीय और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों के लिए अलग-अलग डानिंग एवं डाफिंग रूम बनाये जाएं।
- उचित गुणवत्ता के PPE किट, मास्क, ग्लव्स और स्क्रब प्रदान किये जाएं। इन्हीं के अभाव में डॉक्टर कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं।
- संक्रमित रेजिडेंट डॉक्टरों को अवैतनिक अवकाश के लिए विवश किया जा रहा है।
- दूरस्थ स्थलों पर तैनात सभी डॉक्टरों को कोरोना ड्यूटी में शामिल किया जाए।
- अस्पतालों में नर्सिंग स्टाफ, लैब टेक्निशियन, वार्ड ब्वॉय, स्ट्रेचर ब्वॉय और सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए।
- अस्पतालों में सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की जाए।
- उचित संख्या में डेडिकेटेड कोविड सेंटर बनाकर अलग से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जाए।
अपनी सुविधाएं बढ़ाने की भी मांग रखी हैं
- जूनियर डॉक्टरों ने ग्रामीण क्षेत्र में सेवा का अनुबंध दो वर्ष से घटाकर एक वर्ष करने की मांग की है।
- ग्रामीण क्षेत्र में सेवा के लिए प्रदेश भर में एक समान 95 हजार रुपये का स्टाइपेंड प्रदान किया जाए।
- छात्रवृत्ति बढ़ाकर इंटर्न डॉक्टर को 20 हजार, पीजी डॉक्टर प्रथम वर्ष को 80 हजार और पीजी डॉक्टर द्वितीय और तृतीय वर्ष को 85 हजार रुपए दिये जाएं।
- कोरोना ड्यूटी वालों को प्रोत्साहन राशि दी जाए। रेजिडेंट डॉक्टर को 10 हजार, पैरामेडिकल स्टाफ को 500 और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को 200 रुपए।
परीक्षा की बात भी शामिल
जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने मेडिकल कौंसिल के मापदंडों के मुताबिक MD, MS और मेडिकल डिप्लोमा की परीक्षाएं आयोजित करने की मांग की है। कहा गया कि पांच दिनों के भीतर परीक्षा तिथि घोषित करे