दुर्ग- भिलाई / हाई प्रोफाइल अभिषेक मिश्रा हत्याकांड का करीब 6 साल बाद 10 मई को ऑनलाइन फैसला सुनाया जाएगा। जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव के कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसले की तारीख तय कर दी।






लॉकडाउन के कारण इससे पहले कई बार फैसला टलते रहा है। वरिष्ठ अधिवक्ता बीपी सिंह के मुताबिक कोर्ट ने फैसला ऑनलाइन सुनाया जाएगा।
आरोपियों की ओर से अधिवक्ता बीपी सिंह के द्वारा पैरवी करने के दौरान कई नए तथ्य को सामने लाया गया था जो उक्त प्रकरण की सुनवाई में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
प्रकरण के मुताबिक वर्ष 2015 के नवंबर महीने में 10 तारीख को शंकराचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज के चेयरमैन आईपी मिश्रा के बेटे अभिषेक का अपहरण करके हत्या कर दी गई थी।
पुलिस को हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में 44 दिन का वक्त लिया। मामले में विकास जैन, उसकी पत्नी किम्सी और चाचा अजीत सिंह को आरोपी बनाया गया।
वर्तमान में ये सभी जेल में निरुद्ध हैं। पुलिस ने अजीत के स्मृति नगर वाले मकान के बगीचे से अभिषेक की डि कम्पोज बॉडी बरामद की थी। शव अभिषेक का ही है, इसके लिए डीएनए टेस्ट भी कराया गया था।
मामला अपने समय का सबसे चर्चित मामला रहा। इसमें पुलिस की जांच को लेकर लगातार सवाल भी उठते रहे, लेकिन बाद में आरोपी पकड़े गए। इसके बाद से मामला विचाराधीन है।
मामले में पुलिस ने जांच के बाद चार्जशीट पेश की
वर्ष 2016 में हत्याकांड की कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई थी। इसके बाद से मार्च 2021 तक गवाहों के बयान और दो नो पक्षों के वकील ने अपना अपना पक्ष कोर्ट के सामने रखा। 17 मार्च को मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। हाई कोर्ट के आदेश के बाद दुर्ग कोर्ट ने 10 मई को फैसला सुनाने की तारीख सुनिश्चित की है।
जिसकी जानकारी आरोपियों एडवोकेट बीपी सिंह, उमा भारती साहू,एवं डीपीओ बालमुकुंद चंद्राकर और राजकुमार तिवारी (आई पी मिश्रा की ओर से सरकारी वकील के सहयोग न्युक्त) को भेजी गई है।