नई दिल्ली। तहलका ( Tehalka ) मैगजीन के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल ( Tarun Tejpal ) को यौन शोषण मामले ( Rape Case ) में बड़ी राहत मिली है। तरुण तेजपाल को गोवा की सेशल कोर्ट ने बरी कर दिया है।
तरुण तेजपाल पिछले 8 वर्षों से केस चल रहा था। उन पर वर्ष 2013 गोवा के एक लग्जरी होटल की लिफ्ट में महिला साथी का यौन शोषण करने का आरोप लगा था।



पत्रकार तरुण तेजपाल पर सहकर्मी ने ही यौन शोषण का आरोप लगाया था। इसके बाद उनके खिलाफ गोवा पुलिस ने नवंबर 2013 में एफआईआर दर्ज की थी।
इसके बाद 30 नवंबर 2013 को तरुण तेजपाल को गिरफ्तार कर लिया गया था। तरुण तेजपाल मई 2014 से जमानत पर बाहर हैं। गोवा पुलिस ने फरवरी 2014 में उनके खिलाफ 2,846 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी।
27 अप्रैल को आना था फैसला
आपको बता दें कि तरुण तेजपाल पर चल रहे यौन शोषण मामले में 27 अप्रैल को ही फैसला आना था, लेकिन लगातार ये टल रहा था।
ऐसे टलता गया फैसला
इससे पहले अतिरिक्त जिला अदालत 27 अप्रैल को फैसला सुनाने वाली थी लेकिन न्यायाधीश क्षमा जोशी ने फैसला 12 मई तक स्थगित कर दिया था।
12 मई को फैसला एक बार फिर 19 मई के लिए टाल दिया गया था। अदालत ने पूर्व में कहा था कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते स्टाफ की कमी के कारण यह मामला स्थगित किया गया था।
तरुण तेजपाल ने इससे पहले बंबई हाई कोर्ट का रुख कर अपने ऊपर आरोप तय किए जाने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था, हालांकि उनकी यह याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी।
तरुण तेजपाल पर इन धाराओं के तहत चला मुकदमा
– भारतीय दंड संहिता की धारा 342 (गलत तरीके से रोकना)
– धारा 342 (गलत मंशा से कैद करना)
– 354 (गरिमा भंग करने की मंशा से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना)
– 354-ए (यौन उत्पीड़न), 376 (2) (महिला पर अधिकार की स्थिति रखने वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार)
– 376 (2) (K) (नियंत्रण कर सकने की स्थिति वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) के तहत मुकदमा चल रहा था