कोरोना संकट, छत्तीसगढ़ में गरीब परिवारों को मुफ्त मिलेगा दो महीने का राशन, सरकारी दुकानों में खाद्यन्न का भंडारण नही हुआ। ट्रांसपोर्ट पर जिला प्रशासन और छत्तीसगढ़ सिविल सफ्लाईज कारपोरेशन (नान) का कंट्रोल नही है ।
पहले दो पैसा तब लगेगा भंडारण के लिए गाड़ी
नान कार्यालय दुर्ग के कर्मचारियों की भी संलिप्तता होने की बात विभागीय सूत्रों ने बताया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आदेश का गृह जिले अधिकारी अवहेलना करने लगे ।
पाटन में भी नही हुआ भंडारण जहाँ से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल निर्वाचित हुए हैं।






दुर्ग. कोरोना संकट से बचाव के लिए लगाए गए लॉकडाउन के बीच राज्य सरकार ने गरीबों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की थी। इसके मुताबिक सार्वजनिक वितरण प्रणाली के गरीब हितग्राहियों को मई व जून का चावल मुफ्त में दिया जाएगा।
इससे जिले के 2 लाख 98 हजार गरीब हितग्राहियों को फायदा होगा ऐसा अनुमान लगाया गया था। इन हितग्राहियों को हर माह 10 हजार 176 मीट्रिक टन चावल मुफ्त बांटा जाएगा। जिला प्रशासन ने राज्य शासन के निर्देश पर वितरण के लिए राशन दुकानों में खाद्यान्न का भंडारण शुरू कर दिया है इस तरह की बात जिला प्रशासन दुर्ग के द्वारा प्रचारित किया जा रहा था।
जमीनी हकीकत यह की मई माह का भंडारण ही पूरा नहीं हो पाया।
जवाला एक्सप्रेस न्यूज की टीम ने पड़ताल किया जिसमें करीब दुर्ग, भिलाई, पाटन,दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र के करीब 80 से अधिक उचित मूल्य दुकानों के संचालको से बात किया । जिसमें से अधिकांश लोगों ने बताया कि पूरा भंडारण नही किया गया है। पब्लिक रोज सुबह शाम उचित मूल्य दुकान पर आकर आक्रोश जता रही है।
अधिकारी शिकायत सुनते नही । ट्रंसपोर्ट से मिलकर चलने की बात कहते हैं।
शासकीय उचित मूल्य दुकानों का संचालन करने वाले दुकानदारो ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अधिकारियों से शिकायत लिखित और मौखिक रूप से कई बार किया जा चुका है उनके द्वारा ट्रंसपोर्टर से मिलकर काम करने की बात कर पूरे मामले को टाल दिया जाता है।