दुर्ग। दुर्ग के सराफा कारोबारियों ने 16 साल पुराने इतिहास को फिर से दोहराया। वर्ष 2005 में एक ज्वेलरी दुकान में जांच को पहुंच आइटी की टीम को घेरकर पीटा गया था और इस बार डीआरआइ की टीम शिकार हुई। ये घटना किसी सुनियोजित योजना का हिस्सा थी या फिर अचानक की घटना। ये तो जांच का विषय हो सकता है।






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लेकिन, ये तो तय हो गया है कि यदि किसी भी जांच एजेंसी को यहां पर आर्थिक अनियमितता की जांच करनी है तो उन्हें अपने साथ पर्याप्त बल लेकर आना होगा। नहीं तो भविष्य में भी इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति से इन्कार नहीं किया जा सकता है।




यहां उल्लेखनीय है कि वर्ष 2005 में इनकम टैक्स विभाग की टीम दुर्ग के सहेली ज्वेलर्स में जांच के लिए पहुंची थी। उस समय भी दुर्ग के सराफा कारोबारियों ने आइटी की टीम को घेरकर पीटा था। रास्ते पर गाड़ियां खड़ी कर रोड को बंद कर दिया गया था। ताकी कोई कहीं जा न सके। इसके बाद व्यापारियों ने मारपीट की थी। उस समय दुर्ग कोतवाली थाना में घटना की प्राथमिकी भी दर्ज हुई थी।
इस बार मंगलवार को डीआरआइ (डायरेक्टोरेट आफ रेवेन्यु इंटेलिजेंस) की टीम बहुमूल्य धातुओं के स्मगलिंग के संदेह में चेंबर के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश सांखला के महावीर कालोनी स्थित निवास पर छापा मारने के लिए पहुंची थी। करीब सात घंटे से ज्यादा देरी तक जांच करने के बाद डीआरआइ की टीम को कुछ दस्तावेज मिले। जिसे जब्त कर प्रकाश सांखला के भतीजे विनीत सांखला को पूछताछ के लिए रायपुर ले जाया जा रहा था।
इसी दौरान अन्य कारोबारियों ने टीम को घेर लिया। वे लोग मिलपारा की तरफ से निकले तो व्यापारियों ने पटेल चौक पर उन्हें रोक लिया। डीआरआइ के अधिकारी उनसे बचने के लिए दुर्ग कोतवाली थाना में गई तो व्यापारियों ने वहां घुसकर एक अफसर को पीटा और उसके कपड़े फाड़ दिए।
इस बात को लेकर शुरू हुआ हंगामा और बढ़ी बात
दोपहर में जब डीआरआइ की टीम प्रकाश सांखला के भतीजे विनीत सांखला को लेकर निकलने लगी तो नितिन की पत्नी ने बाहर निकलकर डीआरआइ के अफसरों पर मारपीट का आरोप लगाया। इस बात को मुद्दा बनाकर परिवार के अन्य सदस्यों और व्यापारियों ने हंगामा शुरू कर दिया।
सभी लोग इस बात पर अड़ गए कि विनीत को ले जाने के पहले परिवार वालों को जानकारी दी जाए। अफसरों ने बताया कि विनीत की पत्नी और सदस्यों को बता दिया गया है। इसके बाद भी वे लोग नहीं माने और गाड़ी के सामने खड़े हो गए। काफी समझाने के बाद भी जब वे लोग नहीं माने तो अफसरों ने गाड़ी को पीछे की तरफ से घुमाकर मीलपारा वाले रास्ते से निकले। लेकिन, व्यापारियों ने उन्हें पटेल चौक पर घेर लिया।
इसके बाद दुर्ग कोतवाली थाना में हंगामा चला। चेंबर के प्रदेश महामंत्री अजय भसीन व गार्गीशंकर मिश्रा थाना पहुंचे। उन्होंने डीआरआइ के ज्वाइंट कमिश्नर नितिन अग्रवाल से बात की। इसके बाद अधिकारियों ने विनीत का थाने में ही बयान लिया।
कपड़े फाड़े जाने के सवाल पर बोले अफसर, फटे कपड़े पहनकर ही आया था
हंगामे के शुरुआती समय में मारपीट का शिकार हुए डीआरआइ के अफसर ने थाने में शिकायत की बात कही थी। लेकिन, व्यापारियों के साथ हुई बैठक के बाद वे पलट गए। व्यापारियों से पिटे डीआरआइ के अधिकारी ने दुर्ग कोतवाली में कोई शिकायत नहीं की।
कपड़ों के फाड़े जाने के सवाल पर अधिकारी ने कहा कि वे घर से ही फटे हुए कपड़े पहनकर आए थे और बाद में दूसरे कपड़े मंगवाकर उन्होंने थाने में कपड़े बदले। पूछने पर उक्त अफसर ने अपना नाम तक नहीं बताया। बताया जा रहा है कि मंगलवार को प्रकाश सांखला के यहां हुई जांच में डीआरआइ को काफी दस्तावेज मिले हैं।
लेकिन, अधिकारियों ने उन दस्तावेजों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। इसलिए किसी प्रकार की अनियमितता की पुष्टि नहीं हो सकी है। चर्चा है कि डीआरआइ इस मामले में प्रेस विज्ञप्ति जारी कार्रवाई के बारे में जानकारी देगा।
हम सिर्फ इसलिए गए थे कि जांच में जो कुछ भी हो। वो पूरी पारदर्शिता के साथ हो। कोई गलत कार्रवाई न हो और न ही किसी प्रकार का दुर्व्यवहार हो। थाना पहुंचे व्यापारियों से भी अपील की गई कि वे शांत रहें और कार्रवाई में सहयोग दें।
– अजय भसीन, प्रदेश महामंत्री छत्तीसगढ़ चेंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रजि