कहां गए कांग्रेस के वे ‘ सच्चे सिपाही ’जिला अध्यक्ष विहीन होने के बाद भी अंगद की तरह जमे ब्लॉक पदाधिकारी
दुर्ग। पांच ब्लॉक कांग्रेस कमेटी में विस्तृत दुर्ग जिला कांग्रेस कमेटी कई सालो से नए कलेवर का बाट जोह रहा है। पर संगठन है कि खुद को बदलने के लिए जरा भी तैयार नहीं। बीते सालों में दुर्ग कांग्रेस कमेटी न स्थानीय नेताओं का निर्माण कर सकी है और न ही नए कार्यकर्ताओं को अपने संग जोड़ सकी है।
अभी कम से कम नगर निगम, दुर्ग में कांग्रेस की सत्ता है, आगामी नगरीय निकाय चुनाव में उसे महफूज रखने की भी चुनौती है।
कांग्रेस कमेटी में एक दशक से वही चेहरे जमे हुए है, जिनके चलते पार्टी रसातल में पहुंच गई है। शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गया पटेल जाने कब से अपना इस्तीफा सौंप चुके है, मगर नए अध्यक्ष बनने तक उन्हें यथावत रहने के निर्देश पार्टी से मिला है। इन सालों में पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को भी मुखर होने का अवसर नहीं दिया जो पार्टी की आवाज बन सकते थे। आज वे लूप लाइन में है।
पार्टी का कोई कार्यक्रम या आंदोलन होता है तो सौ लोगों की भीड़ भी नहीं जुटती है। किसी भी संगठन की कमजोरी समर्पण और अच्छे चरित्र के बिना दूर नहीं हो सकती। जबकि यहां दुर्ग में पार्टी के विभिन्न गुट आपस में ही लड़ रहे हैं। कोई ऐसा चेहरा निर्मित ही नहीं किया गया , जिसकी छत्रछाया में कार्यकर्ता एकजुट हो सके।
मूल्यजनित राजनीति के अभाव ने दुर्ग कांग्रेस को नेतृत्व ही नहीं बल्कि सिपाही विहीन भी कर दिया है। वे दिन अब चले गए, जब कांग्रेस के कार्यकर्ता फक्र से कहते थे कि हम कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं।
दुर्ग शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गया पटेल ने दिया अपना इस्तीफा