रायपुर (DNH) – देश के भीतर जितने भी गुरुद्वारा है , वहां आम दिनों में लंगर , भूखे लोगो के लिए तो चलता ही है , लेकिन महामारी के इस दौर में सिख समाज द्वारा , विशेष तौर पर गुरुद्वारा में मजदूरों की सेवा की जा रही है , वैसे तो गुरु भक्तो का उद्देश्य ही होता है कि , भुखो को मुफ्त में खाना खिलाया जाए , कोई भी व्यक्ति भुखा ना रहे , यह परम्परा सिख समाज के भीतर वर्षो से चली आ रही है , धर्म गुरुओं ने मानव सेवा को ही , अपना धर्म माना था , और आज उसी संस्कार और परंपरा को सिख समाज , पूरी ईमानदारी के साथ , निस्वार्थ भाव से भूखे लोगो को खाना खिलाकर , अपने धर्म गुरु के आदेशों का जहां पालन कर रहे है तो वहीं हर प्रकार की सहायता के लिए , सिख समाज हमेशा आगे रहता है , आज टाटीबंध के गुरुद्वारे में इसी धर्म का पालन किया जा रहा है , २४ घंटे यहां मजदूरों के लिए खाना बनाकर खिलाया जा रहा है , लगभग १५ हजार मजदूरों के लिए , खाना बनाने और खिलाने के लिए , रायपुर का सिख समाज उमड़ पड़ा है , रात दिन इसी सेवा में सामाजिक व्यक्ति लगे हुए है , सिर्फ यही नहीं समाज की , एक टीम टाटीबंध चौक में पंडाल लगाकर , रात दिन मजदूरों को खाना खिला रही है जबकि , दूसरी टीम खाना को गुरुद्वारे से लाने और उसकी देखभाल में लगा हुआ है ।
*सुबह से ही खाना तैयार हो जाता और १० बजे से बांटना भी शुरू कर देते है ।*
गुरुद्वारा कमेटी के सदस्य रंजोध सिंह गिल और बलजिंदर सिंह ने बताया कि , सुबह से ही नाश्ता तैयार लिया जाता है और सुबह की चाय के साथ बांट दिया जाता है , १० बजे से खाना खिलाना शुरू कर दिया जाता है , जो देर रात तक चलते रहता है , सेवा के इस कार्य में समाज का प्रत्येक व्यक्ति , अपना योगदान दे रहा है , खासकर महिलाएं , रात को खाना बनाने के लिए मदद कर रही है , इस महामारी के दौर में समाज के साथ – साथ , अन्य समाज के लोग भी , इस नेक कार्य में दिल खोलकर मदद कर रहे हैं , सदस्यों ने बताया कि , महामारी के इस कठिन , आने वाले दौर को भांप चुके थे , तभी से निर्णय ले लिया गया था कि , लोगो की सेवा खाना खिलाकर करेंगे ।
*२४ घंटे सेवा में लगे रहते है लोग*
सिख समाज की लोगो के प्रति सेवा भाव देखते ही बनती है , कोरोना काल में यह समाज , इतना व्यस्त हो गया है या फिर कर लिया गया है कि , २४ घंटे गुरुद्वारे और चौक के पंडाल में , समाज के लोग सेवा देते , देखे जा सकते है , १५ – १५ लोगो की टीम , इस कार्य में लगी हुई है , समाज का प्रत्येक व्यक्ति , अपने खर्च पर , इस नेकी के कार्य को कर रहा है , प्रशासन भी अब सहयोग कर रही है , खाना खिलाने के लिए आस पास के लोग भी निस्वार्थ भाव सेवा कर रहे है , साथ ही समाज के द्वारा , मजदूरों के लिए दवाई , मरहम पट्टी भी दी जा रही है , खाना और नाश्ता में सभी प्रकार के शाकाहारी भोजन दिए ना रहे है , इन सेवादारों को देखकर कही से भी नहीं लगता कि , कोरोना महामारी का खौफ , इनके दिलो में है , सेवादार खुले मन से , खुले दिल से लोगो की सेवाकर रहे है कि , मानव धर्म से बढ़कर कोई सेवा नहीं है और इसके आगे खौफ का , कोई खौफ नहीं है ।