*रायपुर* (DNH):- छत्तीसगढ़ में २२ मई दिन शुक्रवार को कोराना संक्रमण विस्फोट हुआ है। दिन में संक्रमण के 20 नए मामले सामने आने के बाद रात को फिर 20 नए मामलों की पुष्टि हुई है। इसके बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या में एक दिन में ही 40 का इजाफा हो गया है।बिलासपुर कोविड-19 अस्पताल में भर्ती 3 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद छुट्टी दे दी गई है। तीनों जांजगीर के रहने वाले हैं। इसके बाद प्रदेश में एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 110 पहुंच गई है। वहीं कुल केस 172 हो गए हैं। प्रदेश में रात करीब 9 बजे एम्स ने 20 नए मामलों की पुष्टि की है। इसमें बलौदाबाजार से 6 नए मामले सामने आए हैं। इसके अलावा बालोद से 4, कवर्धा 5, बलौदाबाजार 4, गरियाबंद 3, दुर्ग और राजनांदगांव से 2-2 कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई है। इससे पहले सुबह कोरबा से 12, कांकेर से 3 और बेमेतरा से 1 मरीज मिले थे। अभी तक इनमें से 62 लोग ठीक होकर घर लौटे हैं।
खास बात यह है कि संक्रमण के 50 से ज्यादा मामले महज 3 दिन में ही मिले हैं। इनमें से ज्यादातर बाहर से आने वाले श्रमिक हैं। राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए मई माह के हर शनिवार और रविवार को पूरी तरह से लाॅकडाउन रखने का निर्णय लिया है। इसको लेकर आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसी के तहत चतुर्थ शनिवार 23 मई को राज्य में सामान्य अवकाश घोषित कर दिया गया है। दुर्ग-12, राजनांदगांव-12, बालोद-18, कवर्धा-13, रायपुर-8, बलौदाबाजार-14, गरियाबंद (राजिम)-4, बिलासपुर-14, रायगढ़-5, कोरबा- 41, जांजगीर-12, मुंगेली-3, सरगुजा-3, कोरिया-1, सूरजपुर-7, कांकेर-5, बेमेतरा-1, बलरामपुर-1
दुर्ग-2, कांकेर-5, बिलासपुर-10, रायगढ़-5, राजनांदगांव-11, बालोद-18, कोरिया-1, कवर्धा-7, जांजगीर-12, बलौदाबाजार-14, गरियाबंद (राजिम)-4, सरगुजा-3, सूरजपुर-1, कोरबा-13, मुंगेली-3, रायपुर-1, बेमेतरा-1, बलरामपुर-1
*62 मरीज स्वस्थ हुए : * दुर्ग-10, राजनांदगांव-1, कवर्धा-6, रायपुर-7, बिलासपुर-4, कोरबा- 28, सूरजपुर- 6
*पहला मामला : * राज्य में कोरोना पॉजिटिव का पहला मामला रायपुर में मार्च के महीने में सामने आया था, वह विदेश से लौटी युवती थी।जिन लोगों में कोरोना संक्रमण दिख रहा है, उनमें से कोई भी विदेश से लौटा व्यक्ति नहीं है। सभी सामान्य नागरिक या श्रमिक हैं।
*प्लाज्मा थेरेपी का प्रयोग*
अब कोरोना मरीजों के उपचार के लिए प्लाज्मा थैरेपी का क्लीनिकल ट्रायल करने जा रहा है। इसको लेकर एम्स की ओर से जानकारी साझा की गई है। डायरेक्टर सुनील एम. नागरकर ने बताया कि यह ट्रायल आईसीएमआर की ओर से किए जा रहे हैं। इसके लिए मरीजों के रक्त से संबंधित ब्लड डोनर का प्लाज्मा भी उपलब्ध हो गया है।रिसर्च प्रोटोकॉल के अनुसार, प्लाज्मा थैरेपी के इस ट्रायल में 18 वर्ष से अधिक आयु के कोरोना रोगियों को शामिल किया जाएगा।गर्भवती महिलाओं, स्तनपान करवा रही महिलाओं और किसी अन्य ट्रायल से संबंधित रोगी इसमें शामिल नहीं किए जाएंगे। इंटरवेंशन और कंट्रोल आर्म ग्रुप बनाए जाएंगे। इंटरवेंशन आर्म में शामिल रोगियों को 200 मिली का कोवल्सेंट प्लाज्मा दिया जाएगा। कंट्रोल ग्रुप में सामान्य उपचार देंगे। इन रोगियों का 1, 3, 7, 14 और 28 दिनों में प्रथम ट्रांसफ्यूजन के बाद परीक्षण किया जाएगा।
स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारीक ने सभी कलेक्टरों, डीन और सीएमचओ को लिखे पत्र में डॉक्टरों, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी के दिन तय कर दिए हैं। उनकी ड्यूटी 10 से 14 दिनों के लिए लगाई जाएगी। इसके बाद उन्हें 14 दिनों तक क्वारैंटाइन करना है। कोरोना के लिए स्वाब कलेक्शन टीम, 108 के ईएमटी और पायलेट, कांटेक्ट ट्रेसिंग टीम, एक्टिव सर्विलेंस टीम समेत अधिकारियों-कर्मचारियों का काम का दिन तय करना जरूरी होगा। जिन अस्पतालों और अस्पतालों में संक्रमित मरीज नहीं मिले हैं, उन्हें क्वारैंटाइन में रखने की जरूरत नहीं है।
*वर्तमान में कोरोना की स्थिति*
मस्तूरी क्षेत्र के मल्हार स्थित स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ चिकित्सा सहायक चंचला बंजारा को ड्यूटी के दौरान कांग्रेस नेता गणेश तिवारी उर्फ राजू कुछ लोगों को लेकर कोरोना की जांच के लिए वहां पहुंचा। इस पर महिला स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि संदिग्ध व्यक्ति की जांच व सैंपल मस्तूरी स्वास्थ्य केंद्र में की जा रही है। इस पर कांग्रेस नेता ने महिला स्वास्थ्य कर्मी से गाली-गलौज शुरू कर दिया। इस बीच महिला कर्मी घर चली गई। इसके बाद गणेश ने उसके घर में जाकर उठवा लेने की धमकी दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।
अलग-अलग प्रदेशों से जिले में आए 174 लोग अभी ट्रेस नहीं हुए हैं। रायपुर से मिले डाटा के अनुसार अलग-अलग माध्यमों से आने वाले इन लोगों का पता लगाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के साथ ही स्थानीय निकायों की टीम उन्हें सर्च कर रही है। आंकड़ों के अनुसार अबतक बाहर से 3873 लोग आए हैं। इनमें 3699 को ही ट्रेस किया जा सका है। बाहर से आने वाले 1681 लोग अभी भी जिले में होम आइसोलेशन में रह रहे हैं। इनमें से सबकी स्क्रीनिंग की जा चुकी है। कुछ के ट्रू-नॉट विधि से जांच के लिए सैंपल भी लिए गए हैं।
लैलूंगा के तोलमा और सोनाजोरी में दो पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आए 65 लोगों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आ गई है। मुंबई की टायर फैक्ट्री में काम करने वाले दो मजदूर सोमवार को संक्रमित मिले थे। उनका एमसीएच कोविड अस्पताल में इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मंगलवार को इनके संपर्क में आए 65 लोगों के सैंपल लिए।२१ मई दिन गुरुवार शाम को सभी की रिपोर्ट निगेटिव आ गई है। अब धरमजयगढ़ में 3 श्रमिकों के संपर्क में आए 20 लोगों की रिपोर्ट का इंतजार है। वहीं, रायगढ़ शहर से करीब 20 सैंपल भेजे गए हैं।
*जैसे की आशंका थी , ठीक वैसा ही हुआ ?*
मजदूरों की घर वापसी के समय ही , कई राजनेताओं ने दावे किए थे कि , सघन महामारी क्षेत्र के मजदूरों के द्वारा , घर वापसी के दौरान , उनके गृह राज्यो में महामारी का प्रकोप बढ़ेगा ? क्योंकि , ये एक संक्रमण बीमारी है , जो छूने , खांसने , छिकने , और बोलने के साथ साथ , संपर्क करने से बढ़ेगा ? जो डर था , आज वहीं हो रहा है ? बिहार , बंगाल , झारखंड , मध्यप्रदेश के बाद , छत्तीसगढ़ के भीतर भी अचानक , एक साथ ४० नए मरीज सामने आए है , ये वहीं मरीज है , जो दिल्ली , महाराष्ट्र , राजस्थान , पंजाब , हैदराबाद , हरियाणा , से घर वापसी की है , इन मजदूरों की घर वापसी पर नीतीश कुमार और ममता बनर्जी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि , मजदूरों की घर वापसी से महामारी का प्रकोप बढ़ेगा ? तब सत्ताधारी पार्टी ने , जहां इसका विरोध किया था , वहीं सभी राज्यो सहित देश के प्रधानमंत्री ने , मजदूरों से निवेदन किया था कि , जो जहां है , वहीं रहे , उनके खाने – रहने की व्यवस्था सरकार करेगी ? परंतु मजदूर नहीं माने और जिसको जैसा साधन बना वैसी घर वापसी की , मजदूर जैसे तैसे घर तो पहुंच गए , लेकिन अपने साथ साथ , गांव वालो की जान को जोखिम में डालकर रख दिया है , ये मजदूर जहा भी गए , वहीं से कोरोना के मरीज सामने अा रहे है , ४० मरीजों का एक साथ आना चिंता का विषय जरूर है , लेकिन उससे भी बड़ी बात , यह है कि , घर वापसी करने वाले मजदूर गांव – घर में घुंस चुके है , जो महामारी के रूप में , एक एक करके विस्फोट ना होने लगे ? जैसा कि , मामला अब सामने अा रहा है ,
*छत्तीसगढ़ सरकार भी है तैयार ?*
जैसा कि , अब तक छत्तीसगढ़ सरकार महामारी का मुकाबला कर , उसे पछाड़ती अा रही है , सरकारी अमला को विश्वास है कि , आईं हुई महामारी को फिर हम पछाड़ेंगे ? कोरोना के खिलाफ लड़ाई में संसाधनों के साथ साथ , आत्मविश्वास की अत्यंत आवश्यकता है , प्रधानमंत्री का यह मूल मंत्र , आज छत्तीसगढ़ के सरकारी अमला में दिखाई दे रहा है , भूपेश सरकार की जीवटता और उनका जुनून , अपने सरकारी तंत्र को भरपूर दिया है , इसीलिए सरकारी अमला कोरोना के वार का जवाब , देना जानती है और बखूबी पूर्वक दे भी रही है , इसलिए एक ही दिन में ४० नए मरीज के अा जाने से घबराई नहीं है , बल्कि डटकर मुकाबला करने के लिए तैयार है ।