बेमेतरा /स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू बीमारी की रोकथाम एवं इससे बचने के लिए परामर्श जारी किए हैं। प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रदीप घोष ने बताया कि डेंगू की रोकथाम के लिए इसका स्रोत पर नियंत्रण प्रभावी होता है। डेंगू के जन्म स्थान जैसे कूलर, गमले, पुराने टायरों आदि में जमा पानी को खाली कर देना चाहिए। उन दोनों अधिकारियों ने आम जनता से कहा है कि डेंगू से बचने के लिए जीवन में थोड़ी सावधानी बरतना जरूरी है।
डेंगू के मच्छर स्वच्छ जमा पानी में पनपते हैं। इसलिए अपने आस-पास पानी का जमाव नहीं होने देने चाहिए। इकट्ठे पानी मे मिट्टीतेल, फिनाईल, ऑईल का छिड़काव करें। डेंगू एडिस नामक मादा मच्छर के काटने से फैलता है। इसके लिए हमें दिन में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दिन के दौरान सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल किया जाए। पूरे बांह में कपड़े पहनें और मच्छर भगाने वाले साधनों का उपयोग किया जाना चाहिए।
उन्होंने डेंगू का लक्षण बताते हुए कहा कि अचानक तेज दर्द, जी मिचलना एवं उल्टी होना, गभीर मामलों में नाक, मुंह एवं मसूड़ों से खून आना एवं त्वचा पर चकते उभरता है। ऐसी कोई लक्षण दिखाई दे तो नजदीकी अस्पताल में खून का जांच कराया जाना चाहिए। किसी भी रूप में जमे हुए पानी को बाहर निकालें, अपने घर की खिड़कियों एवं दरवाजों में जाली लगाएं, जिससे मच्छरों से बचाया जा सके।