दुर्ग नगर निगम एक क्षेत्र के एक व्यवसाई के द्वारा एसेसमेंट को लेकर एक आवेदन निगम आयुक्त को दिया गया था जिसमें कहां गए थे उनके समक्ष में एसेसमेंट नहीं किया गया है अब गलत कर लगाया गया ।
मामला जब तूल पकड़ा जब एसेसमेंट करने वाले सहायक राजस्व निरीक्षक राजू चंद्राकर ने लिखित में निगमायुक्त को बताया कि उसके द्वारा वार्ड क्रमांक 11 में हस्ते रंजीत सिंह गोकियानी स्टेशन रोड दुर्ग प्रापटी आई डी न.11000223 जिसका 28.07.21को स्थल निरीक्षण किया गया था।जिसमे 2018-19 से 2022 तक 140600.00रुपए टैक्स निर्धारण किया गया।
पीछे दरवाजे से स्पैरो कम्पनी के अंकुर अग्रवाल और नोडल अधिकारी योगेश सूरे ने ली आधे से भी कम की राशि का टैक्स
पीछे दरवाजे से स्पैरो कम्पनी के अंकुर अग्रवाल और नोडल अधिकारी योगेश सूरे के द्वारा राजनीतिक दबाव में 2018-से 2021 तक का 15258.00 व 2022 का 38128 रुपये जमा कराया। टोटल 53656.00रुपए मात्र जिससे दुर्ग निगम को लगभग 86944.00 रुपये कम कर प्राप्त हुआ।
दोबारा भवन स्वामी के समक्ष किया गया नापजोख
करदाता के द्वारा निगमायुक्त को प्रस्तुत पत्र पर कार्यवाही करते हुए नोडल अधिकारी योगेश सूरे, राजू चंद्राकर सहायक राजस्व अधिकारी एवं दुर्ग नगर निगम की टीम स्पैरो सॉफ्टेक कंपनी के कर्मचारी व रंजीत सिंह गोकियानी के समक्ष पुनः नापजोख किया गया। जिसमे निगम दुर्ग के राजू चंद्राकर सहायक राजस्व अधिकारी के द्वारा किया गया एसेसमेंट सही पाया गया जैसा विभागीय सूत्रों ने बताया।
अभी और भी बहुत कुछ खुलासा हो जाएगा, मामले को लेकर विभागीय बैठक बुलाई गई है जिसमे सूत्रों की माने तो राजस्व निरीक्षकों के साथ तालमेल बिठाने का प्रयास किया जाएगा ।
मामले में विभागीय सूत्र बताते है कि भाजपा के पूर्व सभापति भी दबाव बना रहे है अपना कार्यकर्ता बताते हुए आधे से कम जो मिल गया उसी में संतुष्ट कर लिया जाए दुर्ग निगम को तो दूसरी तरफ राजनीति सूत्र बता रहे हैं उक्त प्रकरण में जुड़ा व्यवसाई कांग्रेस के बड़े पद पर आसीन है। जिसे दोनों ही दल से जुड़े लोगों अपना बता रहे हैं।
इस मामले के सामने आने से कई और खुलासा हो गया की इस तरह के कई मामलों पर किस तरह से और भी निगम के अधिकारियों की संलिप्तता है जो धीरे धीरे दीमक की तरह दुर्ग निगम की साख को कमजोर कर रहे हैं।