68 वर्षों के अंतराल के बाद आखिरकार एयर इंडिया की Tata Sons के पास वापसी हो गई है। इस संबंध में केंद्र सरकार ने भी शुक्रवार को आधिकारिक घोषणा कर दी है। आला अधिकारियों ने जानकारी दी है कि एयर इंडिया को Tata Sons को बेच दिया गया है। Tata Sons ने एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिए सबसे ज्यादा बोली लगाई थी। कर्ज में डूबी विमानन कंपनी एयर इंडिया का अधिग्रहण करने के लिए Tata Sons केंद्र सरकार को 18,000 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी। कुल पैसे में से कम से कम 15 फीसदी राशि ही सरकार के पास जाएगा और बाकी पैसा कर्ज चुकाने में मदद करेगा।
पांच बोलियां अयोग्य घोषित
DIPAM Secretary ने मीडिया को जानकारी दी है कि नीलामी के दौरान बोली लगाने वाले प्रतिभागियों की गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से किया गया था। उन्होंने कहा कि बोली लगाने वाले सभी नियमों और शर्तों से सहमत हो गए हैं। साथ ही केंद्र सरकार ने यह भी जानकारी दी है कि 5 बोलीदाताओं को अयोग्य घोषित कर दिया गया क्योंकि वे मानदंड को पूरा नहीं करते थे।
एयर इंडिया में है कुल 12085 कर्मचारी
गौरतलब है कि वर्तमान में एयर इंडिया में कुल 12,085 कर्मचारी हैं, जिनमें से 8,084 स्थायी हैं और 4,001 संविदा पर हैं। वहीं, एयर इंडिया एक्सप्रेस में 1,434 कर्मचारी हैं। नीलामी से पहले केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित शर्त के अनुसार, टाटा समूह एयर इंडिया के मौजूदा कर्मचारियों को पहले वर्ष के लिए बनाए रखेगा और दूसरे वर्ष में यह देखा जाएगा कि उन्हें किस तरह से बनाए रखना है अन्यथा कर्मचारियों को सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) भी दे सकते हैं।
कर्मचारियों को मिलेगा भविष्य निधि लाभ
केंद्र सरकार एयर इंडिया के स्वामित्व वाले ट्रस्टों से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) को स्थानांतरण के कारण परिसमापन नुकसान की लागत को वहन करने के लिए सहमत हुई थी। इसके अलावा केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) में कर्मचारियों को शामिल किया गया है। एयर इंडिया के ब्रांड और लोगो पर केंद्र सरकार ने कहा कि विजेता बोली लगाने वाले को इसे पांच साल तक अपने पास रखना होगा।
टाटा संस के पास एयर इंडिया की वापसी पर क्या बोले रतन टाटा
एयर इंडिया की ‘घर वापसी’ का स्वागत करते हुए टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा ने कहा “एयर इंडिया की बोली जीतना टाटा समूह की अच्छी खबर है। हमें एयर इंडिया के पुनर्निर्माण के लिए काफी प्रयास करने होंगे। उम्मीद है कि इससे मजबूत निर्माण होगा। रतन टाटा ने भावनात्मक होकर कहा कि जेआरडी टाटा के नेतृत्व में एयर इंडिया ने एक बार दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित एयरलाइनों में से एक का दर्जा हासिल किया था। एयर इंडिया को अपने शुरुआती वर्षों में जो प्रतिष्ठा और सम्मान मिला था, वह टाटा समूह द्वारा हासिल किया गया था। अगर जेआरडी टाटा हमारे बीच होते, तो उन्हें बहुत खुशी होती।” “हम चुनिंदा उद्योगों को निजी क्षेत्र के लिए खोलने की हालिया नीति के लिए सरकार को धन्यवाद देते हैं। वेलकम बैक, एयर इंडिया। इस मैसेज के साथ रतन टाटा ने एक तस्वीर भी शेयर की है, जिसमें जेआरडी टाटा एयर इंडिया के विमान से उतरते नजर आ रहे हैं और उनके पीछे फ्लाइट क्रू है।
घाटे के बावजूद एयर इंडिया के पास काफी संपत्ति
घाटे में चलने के बावजूद एयर इंडिया के पास काफी संपत्ति है। लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर इसका अपना स्लॉट है। हजारों प्रशिक्षित पायलटों और चालक दल के साथ 130 विमानों का एक बेड़ा एयर इंडिया के पास है। इस सौदे से टाटा समूह को देश के हवाई अड्डों पर 4,400 घरेलू और 1800 अंतरराष्ट्रीय लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट और विदेशों में 900 स्लॉट मिलेंगे। इसके अलावा एयर इंडिया के पास लाखों डॉलर की अचल संपत्ति है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मुताबिक पिछले साल मार्च महीने में इसकी कीमत 6 अरब डॉलर आंकी गई थी। एयर इंडिया के पास आर्ट गैलरी में 40,000 कार्यों का संग्रह है, जिसमें स्पेनिश कलाकार सल्वाडोर डाली द्वारा उपहार में दी गई एक ऐशट्रे भी शामिल है। भारत का विमानन क्षेत्र 20 फीसदी की वार्षिक दर से बढ़ रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि भारतीय बाजार की पूरी क्षमता का दोहन किया जाना अभी बाकी है। जानकारों का कहना है कि एयर इंडिया में टाटा समूह के लिए काफी संभावनाएं हैं।