*रायपुर* (DNH) – कोरोना काल में प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल शुरुवाती दौर से ही , प्रत्येक सरकारी व्यवस्था पर , स्वयं निगरानी रखे हुए है , परिवार के मुखिया की तरह , लोगो की हर समस्याओं का समाधान भरपूर रूप से कर रहे है , उनके मदद की खुशी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि , अन्य राज्य के मजदूर भी भूपेश बघेल और उनकी सरकार को खुशी – खुशी दुआ देकर गए है , अपने राज्य के लोगो के साथ साथ , छत्तीसगढ़ से गुजर रहे मजदूरों का भी भूपेश सरकार ने , अपनों की तरह ख्याल रखा और उन्हें सही सलामत , उनके अपने गांव – घर सकुशल पहुंचवाया , जबकि अन्य राज्यो में यह देखने और सुनने को मिला कि , मजदूरों को ना तो खाना दिया जा रहा है और ना ही रहने के लिए जगह , जबकि कुछ राज्यो ने तो , मजदूरों को राज्य की सीमा पर ही रोक दिया गया था , लेकिन भूपेश सरकार ने , मानवता को जिंदा रखा , मजदूरों को , जो जो समस्या थी , उसे खुले दिल से , अपनों की तरह पूरा किया , छत्तीसगढ़ में कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे है , अब राज्य हर कोनो से मरीज पाए जा रहे है , लेकिन सरकार , अपनी जिम्मेदारी का बखूबी पूर्वक निर्वहन करते हुए , जनहित की हर जरूरत को तत्काल उपलब्ध कर और करवा रही है , स्वयं मुख्यमंत्री , अपने अमला और तंत्र के उपर बारीकी से नजर रखे हुए , पूरा मंत्री मंडल एकजुट होकर , कोरोना के खिलाफ लड़ रहा है ।
*निगरानी सुरक्षा केंद्र में भोजन और रहने की उचित व्यवस्था दे रही है सरकार ?*
देश के विभिन्न हिस्सों से छत्तीसगढ़ लौटे प्रवासी श्रमिकों के लिए प्रदेश भर में 20 हजार से अधिक क्वारेंटाइन सेंटर्स बनाए गए हैं। इन सेंटर्स में तीन लाख 48 हजार लोगों को रखा गया है। 14 दिनों की क्वारेंटाइन अवधि पूरी कर 25 हजार मजदूर अपने घरों में लौट चुके हैं। घर में इन्हें सात से दस दिनों तक होम-क्वारेंटाइन में रहने के निर्देश दिए गए हैं। गांवों में स्थापित क्वारेंटाइन सेंटर्स का संचालन एवं नियंत्रण संबंधित जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। इनके संचालन में ग्राम पंचायतें, जनपद पंचायतें और जिला पंचायतें सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं।
राज्य शासन द्वारा प्रवासी मजदूरों के प्रदेश लौटने की व्यवस्था करने के बाद युद्धस्तर पर बहुत कम समय में करीब-करीब प्रत्येक ग्राम पंचायत में क्वारेंटाइन सेंटर स्थापित किए गए हैं। इन सेंटर्स में रह रहे प्रवासी मजदूरों को आवास और भोजन सहित सभी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। अस्थायी शौचालयों, पुरूषों एवं महिलाओं के लिए अलग-अलग स्नानगृहों, स्वच्छ पेयजल, लाइट एवं पंखों की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर इन सेंटर्स में टेलीविजन एवं रेडियो जैसे मनोरंजन के साधनों की व्यवस्था की जा रही है। क्वारेंटाइन सेंटर्स में रह रहे लोगों के स्वास्थ्य पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। अस्वस्थ लोगों को इलाज और दवाईयां मुहैया कराई जा रही है। संक्रमण की संभावना और लक्षण वाले व्यक्तियों के तत्काल सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जा रहा है।
क्वारेंटाइन सेंटर्स में खाने-पीने के लिए पर्याप्त संख्या में दोना-पत्तल एवं डिस्पोजेबल गिलास के इंतजाम किए गए हैं। बार-बार हाथ धोने के लिए साबुन और पानी के साथ ही हैंड-सेनिटाइजर भी उपलब्ध कराया जा रहा है। मुंह ढंकने के लिए मास्क एवं गमछा भी दिया जा रहा है। क्वारेंटाइन सेंटर्स में भोजन बनाने के सभी इंतजामों के साथ सोने के लिए गद्दा, दरी और चादर उपलब्ध कराया जा रहा है। इन सेंटर्स में साफ-सफाई की भी अच्छी व्यवस्था की गई है। इसके लिए सभी सेंटरों को पर्याप्त मात्रा में डस्ट-बिन, झाड़ू, फिनाइल एवं बाल्टियां दी गई हैं। लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने क्वारेंटाइन सेंटर्स में योग और प्राणायाम कराए जा रहे हैं। महिलाओं को माहवारी स्वच्छता के लिए सेनेटरी पैड भी वितरित किए जा रहे हैं।
अवशिष्ट सामग्रियों के सुरक्षित निपटान के लिए बायो-मेडिकल वेस्ट प्रबंधन नियम-2016 का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। स्थानीय प्रशासन द्वारा प्रत्येक सेंटर में एक कमरा पृथक से आइसोलेशन के लिए सुरक्षित रखे जाने के भी निर्देश दिए गए हैं। क्वारेंटाइन सेंटर्स की व्यवस्था राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जिलों को जारी आपदा राहत निधि तथा ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराए गए चौदहवें वित्त आयोग व मूलभूत की राशि से की जा रही है।
वर्तमान में क्वारेंटाइन सेंटर्स में रह रहे तीन लाख 48 हजार प्रवासी श्रमिकों के अलावा अभी करीब एक लाख 70 हजार मजदूरों की प्रदेश वापसी अनुमानित है। राज्य सरकार सभी लोगों को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उनकी सहूलियत और सेहत की रक्षा के लिए सभी तरह के संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। प्रदेश की लगभग सभी पंचायतों में बेहद कम समय में क्वारेंटाइन सेंटर के लिए संसाधन जुटाए गए हैं। प्रदेश में वैश्विक महामारी कोविड-19 पर नियंत्रण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है और इसके लिए ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों में प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं ।
*बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मिल रहा रेडी-टू-ईट ।*
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार राज्य के विभिन्न जिलों में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बनाए गए क्वॉरंटाईन सेंटर्स में रखे व्यक्तियों को समुचित सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है। बालोद जिले के विभिन्न ग्रामों में बनाए गए क्वॉरंटाइन सेंटर्स में ठहरे गर्भवती महिलाओं और छह माह से छह वर्ष के तक के बच्चों को रेडी-टू-ईट प्रदाय कर लाभान्वित किया जा रहा है। कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिले के क्वारंटाइन सेंटर्स में ठहरे गर्भवती महिलाओं और छह माह से छह वर्ष तक के बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए निश्चित दूरी से ही रेडी-टू-ईट प्रदाय किया जा रहा है। इससे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोषण युक्त आहार प्राप्त हो रहा है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री एच.आर.राणा ने बताया कि जिले के चिन्हांकित क्वारंटाइन सेंटर्स में ठहरे 39 गर्भवती महिलाओं और छह माह से छह वर्ष तक के 283 बच्चों को रेडी-टू-ईट का लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि होम क्वारंटाइन किए गए गर्भवती महिलाओं और बच्चों को भी रेडी-टू-ईट प्रदाय कर लाभान्वित किया जा रहा है।
*स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड अस्पतालों और क्वारेंटाइन सेंटर्स के बेहतर प्रबंधन के लिए सांसदों, विधायकों एवं जिला पंचायत अध्यक्षों से मांगे सुझाव ।*
स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने प्रदेश के सभी सांसदों, विधायकों एवं जिला पंचायत अध्यक्षों को पत्र लिखकर कोविड-19 के नियंत्रण के लिए स्थापित विशेषीकृत अस्पतालों और क्वारेंटाइन सेंटर्स के बेहतर प्रबंधन और व्यवस्था के लिए सुझाव मांगे हैं। उन्होंने इन अस्पतालों और सेंटर्स से संबंधित शिकायतों एवं त्रुटियों की जानकारी भी साझा करने का आग्रह किया है ताकि जनप्रतिनिधियों की अपेक्षानुसार वहां व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। सांसद, विधायक एवं जिला पंचायत अध्यक्षगण उन्हें पत्र लिखकर या ईमेल आईडी tssinghdeominister@gmail.com के माध्यम से अपने सुझावों एवं शिकायतों से अवगत करा सकते हैं।
श्री सिंहदेव ने पत्र में लिखा है वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण से प्रदेश जूझ रहा है। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में इसके सक्रिय एवं संदिग्ध मामलों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए आवश्यकतानुसार कोविड अस्पतालों और क्वारेंटाइन सेंटर्स की आपात व्यवस्था की गई है। राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा सभी क्वारेंटाइन सेंटर्स में बेहतर व्यवस्था के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने पत्र में कहा है कि वर्तमान विषम परिस्थितियों में सभी जनप्रतिनिधियों का लगातार सहयोग मिल रहा है। आगे आने वाले समय में भी जनप्रतिनिधियों का निरंतर सहयोग अपेक्षित है।