*दुर्ग* (DNH):- लॉकडाउन के पहले भी, लॉक डाउन के समय भी, और लॉकडाउन के बाद भी जन समर्पण सेवा संस्था, दुर्ग द्वारा मानव सेवा निरन्तर जारी.. ” 2 जून को जरूरतमन्दों एवं गरीबों को की गयी 2 जून की रोटी (दो समय का भोजन) का वितरण..” दिनांक 2 जून को जन समर्पण सेवा संस्था, दुर्ग द्वारा सैकड़ों गरीब, असहाय, जरूरतमन्दों को 2 जून की रोटी (2 समय का भोजन) एवं प्रवासी मजदूरों और शहर के विभिन्न स्थानों में नंगे पैर चल रहे जरूरतमन्दों को नयी चप्पल का वितरण किया गया
आज भी देश एवं प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरस के चलते सब कुछ बंद है। दुकान, प्रतिष्ठान, फैक्ट्री, व्यापार पर ताला जड़ा हुआ है। ऐसे में रोजमर्रा का काम करने वालों के लिए निश्चित ही समस्या खड़ी हुई है। इस स्थिति में जो लोग रोज कमाकर खाते हैं उनको जीवन-निर्वाह में कोई परेशानी न होने पाए इसके लिए जन समर्पण सेवा संस्था, दुर्ग जोकि विगत 3 वर्षों से जरूरतमन्दों की सहायता एवं मानव सेवा करती आ रही है, यह संस्था वर्तमान में कोरोना से आयी विकट परिस्थिति में भी जरूरतमन्दों के लिए विशेष रूप से जागरूक है।
जब सारा देश अपने घरों में कैद होने को मजबूर है। वायरस जानलेवा है, ऐसे में जहां शहर के शहर लॉकडाउन हो गए हैं। चारों तरफ आवागमन बंद हुआ पड़ा है। ऐसी स्थिति में भी जन समर्पण सेवा संस्था के सदस्य विगत 70 दिनों से बिना अपनी जान की परवाह किए दुर्ग भिलाई के अलग-अलग हिस्सों में जरूरतमंद लोगों तक राहत पहुंचाने में जुटे हुए हैं।
जन समर्पण सेवा संस्था, दुर्ग ने लॉकडाउन के प्रथम दिवस से आज तक (70 दिनों) गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए मुफ्त में भोजन की व्यवस्था की, जो वर्तमान में भी जारी है..
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में स्थानीय प्रशासन एवं शासन के साथ जुटकर प्रवासी मजदूरों को क्वांरटाइन स्थल तक पहुचाने एवं संस्था के सदस्यों ने विगत 19 दिनों से लगातार छोटी-छोटी टीमें बनाकर अलग अलग स्थानों में जाकर प्रवासी मजदूरों को चप्पल का वितरण किया
संस्था के प्रमुख योगेन्द्र शर्मा (बंटी) ने कहाँ की कोरोना वायरस के कारण भारतीय जनजीवन में अनेक छेद हो रहे हैं, जिसके कारण अनेक विसंगतियों को जीवन में घुसपैठ करने का मौका मिल रहा है। हमें मात्र उन छेदों को रोकना है, या बंद करना ही नही है बल्कि जिम्मेदार नागरिक की भांति जागरूक रहना होगा। यदि ऐसा होता है तो एक ऐसी जीवन-संभावना, नाउम्मीदी में उम्मीदी बढ़ सकती है, जो न केवल सुरक्षित जीवन का आश्वासन दे सकेगी, बल्कि कोरोना महासंकट से मुक्ति का रास्ता भी दे सकेगी। प्रयत्न अवश्य परिणाम देता है, जरूरत कदम उठाकर चलने की होती है, विश्वास की शक्ति को जागृत करने की होती है। विश्वास उन शक्तियों में से एक है जो मनुष्य को जीवित रखती है, संकट से पार पाने का आश्वासन बनती है..
एक तरफ कोरोना के डर से लोग घरों में कैद हैं, तो कुछ लोग इस वायरस को गंभीरता से न लेकर लॉकडाउन के बावजूद भी सड़कों पर दिखाई रहे हैं। वहीं दूसरी ओर डॉक्टरों, पुलिस प्रशासन के साथ देश के लाखों जिम्मेदार लोग कोरोना को मात देने के लिए घरों से बाहर निकले हुए हैं। देश एवं प्रदेश का दायित्ववान कार्यकर्ता अपने घरों से बाहर निकल कर गली-मोहल्लों में घूमकर लोगों को कोरोना के खिलाफ कैसे लड़े, इसके लिए जागरूक कर रहे हैं.
कोरोना वायरस महासंकट की अभूतपूर्व त्रासदी से निपटने के लिए जन समर्पण सेवा संस्था ने दुर्ग जिला स्तर पर हेल्पलाइन नंबर जारी किया था, जिसके माध्यम से लॉकडाउन के प्रथम दिवस से जरूरतमन्दों की सहायता प्रारंभ की गयीं थी। इस पूरे महाअभियान की मॉनिटरिंग संस्था के सभी सदस्यों ने मिलकर की, लॉकडाउन के प्रथम दिवस से आज 70 दिनों तक संस्था के सदस्य प्रतिदिन सुबह से रात जरूरतमन्दों की सेवा में लगे रहे.
संस्था के प्रमुख बंटी शर्मा ने बताया कि जन समर्पण सेवा संस्था, दुर्ग द्वारा देश में दिनाक 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दिन से लेकर 24 मार्च लॉकडाउन के प्रथम दिवस से आज 70 दिनों से दुर्ग भिलाई के विभिन्न क्षेत्रों में फंसे हुए प्रवासी मजदूर, भिक्क्षु, गरीब, असहाय एवं अन्य जरूरतमन्दों को प्रतिदिन सुबह शाम दो समय का भोजन वितरण किया गया, साथ ही साथ वर्तमान में जब सभी मजदूर अपने अपने घरों को वापस जा रहे है, इस विकट परिस्थिति में मजदूरों को नयी चप्पल, पानी, बिस्किट, ब्रेड का वितरण संस्था द्वारा विगत 19 दिनों से किया जा रहा है, संस्था द्वारा विगत 70 दिनों से की जा रही भोजन सेवा में हजारों जरूरतमंदों को भोजन एवं जरूरत की सामाग्री तेल, साबुन, निरमा, एवं प्रवासी मजदूरों को हजारों चप्पल का वितरण किया गया है..
2 जून की रोटी में संस्था द्वारा सुबह 11 बजे से 2 बजे तक अंजोरा चौक, पुलगांव चौक, मिनी माता चौक, नेहरू नगर चौक, टोल प्लाजा, स्टेशन के पास, बस स्टैंड एवं अन्य स्थानों में जाकर जरूरतमन्दों एवं प्रवासी मजदूरों को चप्पल, बिस्किट, ब्रेड, मिक्चर, मुर्रा, का वितरण किया गया, एवं संध्या 6 बजे से दुर्ग रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड एवं विभिन्न स्थानों में भोजन वितरण किया गया, जिसमें लगभग 200 लोगों को सामाग्री एवं भोजन वितरण किया गया..
विगत 70 दिनों से चल रही भोजन सेवा में संस्था के भोजन सेवा में प्रतिदिन आशीष मेश्राम, संजय सेन, प्रकाश कश्यप, राजेन्द्र ताम्रकार, ईश्वर साहू, राकेश मिश्रा, शिशु शुक्ला, दीपक धर्मगुढी, अख्तर खान, महेश गुप्ता, नितिन लुनावत, आकाश राजपूत, शंकर राउत, पूनम नागरे, कमल नामदेव, नितेश यादव, शब्बीर खान, समीर खान, दुर्गेश यादव, रवि राजपूत, एवं अन्य संस्था के सदस्य सेवा दे रहे है ।