विश्व का दूसरा भारत के एक मात्र लंगूरवीर मंदिर में भव्य आयोजन के साथ गुंबदों में चढ़ेगा शिखर कलश । 23 जून को
जीर्णोंद्वार के बाद लंगूरवीर मंदिर का बदला स्वरूप, 23को भव्य गुंबदों में चढ़ेगा शिखर कलश कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करवाने मंदिर परिसर व प्रांगण में बनाए जाएंगे गोले।
दुर्ग/ शहर के शनिचरी बाजार स्थित प्रसिद्ध श्री लंगूरवीर मंदिर अब जीर्णोंद्वार के बाद अपने नए स्वरूप में आ गया है। मंदिर के भव्य गुंंबद में शिखर कलश चढ़ावा का कार्य ही शेष रह गया है।
इस शुभ अवसर को यादगार बनाने श्री लंगूरवीर मंदिर समिति द्वारा दो दिवसीय शिखर कलश चढ़ावा कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
जिसकी शुरूआत 22 जून को पूजा अर्चना के साथ होगी। 23 जून को पूर्णाहूति के बाद शुभ मुहूर्त में दोपहर डेढ़ बजे शिखर कलश गुंबदों में चढ़ाया जाएगा।
मंदिर समिति द्वारा पीतल धातु के 9 शिखर कलश तैयार करवाए गए हैं। 3 फीट का आर्कषक शिखर कलश मंदिर के मुख्य गुंबद में और अन्य गुंबदों में छोटे कलश चढ़ाए जाएंगे। यह शिखर कलश चढ़ावा धार्मिक कार्यक्रम 21 विद्वान पंडितों के सानिध्य में पूरे विधि विधान के साथ संपन्न होगा।कार्यक्रम में गृहमंत्री,विधायकों,महापौर,
राजनीतिक दलों के नेताओं,सामाजिक व धार्मिक
संगठनों के प्रतिनिधियों के अलावा श्रद्धालुगणों को आमंत्रित किया गया।
यह दो दिवसीय शिखर कलश चढ़ावा कार्यक्रम कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग व शासन के अन्य निर्देशों का पालन करते हुए आयोजित किया गया है। जिसके चलते मंदिर द्वारा सेनिटाइजर की व्यवस्था व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करवाने मंदिर परिवार व प्रांगण में गोले तैयार करवाए जा रहे हैं।
यह बातें श्री लंगूरवीर मंदिर समिति के सदस्य मानव सोनकर व मुख्य पुजारी अशोक त्रिपाठी ने शनिवार को मीडिया से चर्चा में कहीं।
उन्होंने आगे चर्चा में बताया कि श्री लंगूरवीर मंदिर शहर का प्राचीन मंदिर है, जिससे लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। पिछले 30 वर्षों से मंदिर में जन सहयोग से जीर्णोद्वार का कार्य चल रहा है। वर्तमान में मंदिर का आराधना कक्ष,गुंबद एवं बाहरी हिस्सा बनकर तैयार हो गया है।
जिससे मंदिर की भव्यता अब पहले से ज्यादा बढ़ गई है। 23 जून को मंदिर के गुंबदों में शिखर कलश का चढ़ावा कार्यक्रम संपादित किया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि जो श्रद्धालु इस शिखर कलश चढ़ावा के साक्षी बनेंगे, उनकी मनोकामना अवश्य रूप से पूर्ण होगी।
कार्यक्रम को भव्य रूप देने की तैयारियों में श्री लंगूरवीर मंदिर जीर्णोंद्वार समिति के संयोजक डॉ गोविंद प्रसाद दीक्षित,ट्रस्टी मुन्नालाल सार्वा,चिंताराम सोनकर,शिवम गुप्ता,युवराज सार्वा,राहुल सोनकर,पप्पू तिवारी एवं अन्य सदस्य जुटे हुए हैं।