दुर्ग जिला मुख्यालय में डायवर्सन के नाम पर दलालों में लूटमची, बड़ी संख्या में आ रहे है आवेदन, काम कराने वाले दलाल भी बढ़े, मुख्यमंत्री आदेश की धज्जियां उड़ रही है।
नए मास्टर प्लान के बाद डायवर्सन के लिए बड़ी मात्रा में आवेदन आ रहे है।
दुर्ग जिला मुख्यालय के डायवर्सन शाखा में दलालों की संख्या बढ़ गई है।
मुख्यमंत्री के जिले में उनके आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
By-: Jwala prasad agrawal
दुर्ग/नए मास्टर प्लान के बाद डायवर्सन के लिए बड़ी मात्रा में आवेदन आ रहे है ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोगों डायवर्सन के लिए आवेदन प्रस्तुत कर रहे हैं। उनमें से अधिकांश लोगों ऐसे है जो जमीन पर लोन लेकर मकान बनाना चाहते है।
तो कई जो अवैध प्लाटिंग(बिना डायवर्सन) वाली जमीन को खरीद लिया है अब उसका डायवर्सन कराना चाहते हैं जिससे बाद में कोई परेशानी न हो। लेकिन sdm ऑफिस से भूअभिलेख शाखा शाखा तक के नियमों के चलते दलालों का सहारा ले रहे है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में डायवर्सन प्रकरणों के निराकरण के लिए प्रक्रिया का सरलीकरण करने तथा नामांतरण व डायवर्सन के प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण करने के निर्देश अफसरों को दिए था।
लेकिन उनके ही गृह जिले दुर्ग में उनके आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
दुर्ग कलेक्टर भू-अभिलेख एवं परिवर्तन शाखा में डायवर्सन के लिए लोगों भटक रहे है समय सीमा पर निर्धारण व परिवर्तन नहीं होने के कारण लोगों के प्रकरणों के विलंब हो रहा है और कई लोगों के प्रकरण न्यायालय में निरस्त हो जाता है।
जिले में किसी भी तरह की जमीन का डायवर्सन कराने लोग अब दलाल का सहारा ले रहे हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि कई तरह के नियम एवं कागजी खानापूर्ति से लोग बचना चाहते हैं। एक तय राशि देकर उनका काम जल्दी से समय सीमा के भीतर हो जाता है। इसके चक्कर में सामान्य लोग डायवर्सन कराने इधर-उधर भटक रहे हैं।
छत्तीसगढ़ की नई सरकार द्वारा डायवर्सन के नियम को सरल करने के बावजूद लोगों का काम दुर्ग जिले में नहीं हो रहा है। कार्यालय कर्मचारी व दलालों के बीच साठगांठ के चलते ऐसा नहीं हो पा रहा है।
जिले में बढ़ गए दलाल जिसके कारण शिकायत सामने आ रही है।
जिले के भूअभिलेख शाखा के अधीक्षक सुरेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि बड़ी संख्या में दलालों की सक्रियता बढ़ गई जिसके कारण शिकायतें मिल रही है।
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