वर्तमान में कोरोना महामारी के चलते 50 हजार एवं विगत 3 वर्षों जारी भोजन सेवा में 1 लाख से अधिक भोजन पैकेट जरूरतमन्दों को वितरण कर चुकी है जन समर्पण सेवा संस्था, दुर्ग
कोरोना महामारी के चलते100 दिनों से प्रतिदिन बिना रुके मानव सेवा की मिशाल पेश की जन समर्पण सेवा संस्था, दुर्ग ने
कोरोना महामारी को लेकर 25 मार्च से देश में लगे लॉकडाउन में जन समर्पण सेवा संस्था, दुर्ग ने सबसे पहले लोगों की मदद करने के लिए हाथ उठाया था। लॉकडाउन के प्रथम दिवस से लेकर अब तक कुल 100 दिनों में संस्था ने 50000 के करीब प्रवासी मजदूर, जरूरतमन्दों, और गरीब परिवार को पका हुआ भोजन वितरण किया है। संस्था की ओर से प्रवासी मजदूरों को रास्ते में चप्पल, खाने-पीने के लिए बिस्कुट, कोल्ड्रिंक्स और पानी की बोतलें बांटी।
बता दें कि यह जन समर्पण सेवा संस्था 1जनवरी 2017 से प्रतिदिन जरूरतमंदों की सेवा के लिए काम कर रही है। संस्था ने दुर्ग रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, एवं शहर के अन्य स्थानों में अस्थाई रूप से रह रहे 50 से 60 ऐसे जरूरतमंदो की पहचान की है, जो कमा नही सकते विकलांग है या बुजुर्ग हो गए है, ऐसे लोगो को संस्था विगत 3 वर्षों से प्रतिदिन जन सहयोग से भोजन एवं जरूरत की हर सामाग्री मुहैया करवा रही है।
कोरोना महामारी के चलते 25 मार्च से 4 मई तक ओर देश भर में लॉकडाउन था, इस बीच संस्था के युवाओं ने बस स्टैंड, रेल्वे स्टेशन, शंकर नगर निचली बस्ती, मिलपारा, दुर्ग के रैनबसेरा, मालवीय नगर, पोलसाय पारा, बाँधा तालाब, के आस-पास निवास कर रहे गरीब, असहाय, विकलांग जनों एवं जिले में अन्य स्थानों से आये हुए प्रवासी मजदूरों को प्रतिदिन दो समय का भोजन वितरण किया..
जन समर्पण सेवा संस्था, दुर्ग के प्रमुख बंटी शर्मा से बताया की संस्था द्वारा लॉकडाउन के प्रथम दिवस दिनांक 25 मार्च से आज दिनांक तक प्रतिदिन संस्था द्वारा जरूरतमन्दों को भोजन वितरण किया जा रहा है जिसमें दिनांक 25 मार्च से 4 मई तक प्रतिदिन लगभग 500 से 600 गरीब, असहाय, प्रवासी मजदूर, विकलांग, एवं जरूरतमन्दों को भोजन कराया गया एवं 5 मई से प्रतिदिन 100 से 150 जरूरतमन्दों को भोजन कराया जा रहा है. इसके साथ साथ संस्था द्वारा प्रवासी मजदूरों को चप्पल, पानी की बोतलें, कोल्ड्रिंक्स, बिस्कुट व फल का वितरण भी संस्था द्वारा किया गया है, जिसमें लगभग 700 चप्पल एवं अन्य सामाग्री का वितरण संस्था ने जन सहयोग से किया है..
दुर्ग में गरीबों एवं जरूरतमन्दों को निशुल्क भोजन के लिए चर्चित रही यह सामाजिक संस्था ने जीवन के इन दिनों में जरूरतमंदाें के बीच भोजन वितरण करके मानवता की मिसाल कायम की है। संस्था के इस कार्य में प्रशासनिक व जनसहयोग भी मिला है। किंतु संस्था के समर्पित कार्यकर्ता का योगदान इसमें सर्वोपरि है। वे बिना थके, बिना रुके निरंतर नि:स्वार्थ भाव से भोजन वितरण के साथ जरूरतमंदों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरने का काम कर रहे है। इस संस्था ने लॉकडाउन के दिनों से लेकर आज तक शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के लगभग 50000 से अधिक भोजन पैकेट का वितरण किया है, इनके सेवा कार्य से प्रेरित होकर जिले के कई प्रशासनिक अधिकारी, राजनीति पार्टी कर नेता गानों ने भी संस्था के साथ कदमताल कर अपने हाथों से भोजन वितरण कर पुण्य के भागीदार बनर है।
बंटी शर्मा ने कहा कि कोई जरूरतमंद भूखा न रहे। इस मकसद से संस्था ने 1 जनवरी 2017 को निशुल्क भोजन वितरण करने का निर्णय लिया। इसके बाद समाज के सभी वर्गों का समर्थन मिला। जिसकी वजह से संस्था का यह कार्य निरंतर चल रहा है। हमारा प्रयास है कि अधिक से अधिक लोगों तक वे भोजन पहुंचा सके। मानवता की सेवा ही सच्ची सेवा है।
जन समर्पण सेवा संस्था, दुर्ग ने 1 जनवरी 2017 से आज दिनांक तक बिना रुके एवं बिना नागा किये आज तक प्रतिदिन जरूरतमन्दों तक भोजन पहुँचाया है, इस 3 वर्षों में संस्था ने लगभग 1 लाख से अधिक भोजन के पैकेट वितरण किये है, साथ ही साथ 39 विकलांग जनों को ट्रायसिकल, 52 विकलांग जनों को बैसाखी, 1800 जरूरतमंद लोगों को कम्बल एवं कपड़े का वितरण किया है..
इस कार्य मे संस्था के आशीष मेश्राम, प्रकाश कश्यप, संजय सेन, राजेन्द्र ताम्रकार, शुभम सेन, ईश्वर साहू, आकाश राजपूत का योगदान सराहनीय है, संस्था के ये सदस्य अपने अपने वाहनों से प्रतिदिन अलग अलग दिशाओं में जाकर जरूरतमन्दों तक भोजन पहुचाते है, और जीवन जीने के लिए भोजन की राह तक रहे लोगों को सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए भोजन उपलब्ध कराते है।
पूरे जिले में इस कोरोना महामारी के चलते आज भी बहुत से ऐसे मजदूर, रिक्सा, ठेले वाले, भिक्छु जन है जिनको दो समय के भोजन की तलाश है, ऐसे लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर जन समर्पण सेवा संस्था दुर्ग के सदस्य प्रतिदिन भोजन एवं उन्हें उपयोगी सामाग्री जिसको इन लोगों के पास खरीदने के लिए पैसे भी नही है ये सामाग्री साबुन, निरमा, तेल, गमछा उपलब्ध करा रहे है, ताकि कोई भूखा न सोये, और किसी को स्वच्छ न रहने से कोई बीमारी न हो, संस्था के इस प्रयास से पूरे जिले में इस कार्य की प्रशांसा होती है..
प्रतिदिन की भोजन सेवा में दीपेश बावनकर, अर्जित शुक्ला, ईशान शर्मा, शिबू मिर्जा, शिशु शुक्ला, अहमद चौहान, महेश गुप्ता, नितिन लुनावत, आनंद जैन, दीपक धर्मगुढी, अख्तर खान, राकेश मिश्रा, शंकर राउत, पूनम नागरे, शब्बीर खान, समीर खान, कमल नामदेव उपस्थित हो रहे है..