5 मई को दुर्ग में 101 दिव्यांग जोड़े के विवाह का उठाया बीड़ा
दुर्ग। विवाह योग्य निर्धन दिव्यांग युवक-युवतियों को उनका जीवनसाथी मिलेगा। इसके लिए आस्था बहुउद्देशीय कल्याण संस्थान छत्तीसगढ़ द्वारा 5 मई को दुर्ग~ राजनांदगांव मार्ग स्थित आनंद मंगलम में राष्ट्रीय स्तर पर निर्धन दिव्यांग युवक-युवतियों के सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया है। समारोह में 101 दिव्यांग जोड़े के विवाह करवाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें किसी भी जाति व समुदाय के दिव्यांगजन परिणय सूत्र में बन सकते हैं। उनका यह विवाह उनके जाति व समुदाय के रीति रिवाज अनुसार करवाया जाएगा। विवाह के लिए दिव्यांग युवक की उम्र 25 वर्ष व युवती की उम्र 21 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। उन्हें अविवाहित होने का शपथ पत्र देना भी अनिवार्य होगा। इस सामूहिक विवाह समारोह को लेकर दिव्यांगजनों में उत्साह का माहौल है। फलस्वरुप छत्तीसगढ़ के अलावा मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा,
उत्तरप्रदेश, हरियाणा, बिहार व अन्य राज्यों से दिव्यांग युवक-युवती विवाह के लिए संस्था को अपनी स्वीकृति दे चुके हैं। इन दिव्यांगजनों में मूकबधिर, नेत्र बधिर, अस्थि बधिर युवक-युवती शामिल है। विवाह उपरांत दिव्यांग जोड़े को संस्था द्वारा प्रमाण पत्र के अलावा जीवन उपयोगी आवश्यक सामग्री उपहार के तौर पर दिए जाएंगे। विवाह की रस्में सुबह 9 बजे से शुरू होगी। दिव्यांग जोड़े को आशीर्वाद देने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री अनिला भेड़िया, सांसद विजय बघेल, विधायक अरुण वोरा, महापौर धीरज बाकलीवाल, पूर्व विधायक प्रतिमा चंद्राकर, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक अध्यक्ष राजेंद्र साहू, सभापति राजेश यादव, ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष क्षितिज चंद्राकर व अन्य अतिथि विवाह समारोह में शामिल होंगे। यह बातें आस्था बहुउद्देशीय कल्याण संस्थान के संरक्षक सुरेंद्र शर्मा व रामफल शर्मा ने मंगलवार को मीडिया से संयुक्त रूप से चर्चा में कही। इस दौरान संस्थान के अध्यक्ष प्रकाश गेडाम, संयोजक रत्ना नारमदेव, प्रचार सचिव डॉ. अरुण शर्मा, सदस्य लखनलाल शर्मा, अजय शर्मा, मनोहर सोनी, मनोज ठाकरे भी मौजूद थे। मीडिया से चर्चा में संस्थान के संरक्षक सुरेंद्र शर्मा और रामफल शर्मा ने बताया कि यह संस्थान सन 2000 से समाजसेवी कार्य कर रही है। अब तक संस्थान द्वारा 975 निर्धन दिव्यांगजनों का विवाह करवाया गया है।
दिव्यांगजनों को सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिलवाया गया है। इसके अलावा संस्थान द्वारा पिछले 20 वर्षों से लावारिस लाशों का नि:शुल्क अंतिम संस्कार करने का बीड़ा उठाया गया है।अब तक 1675 लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है। समाज के निर्धन व पिछड़े वर्ग का विकास और उत्थान संस्थान का मुख्य उद्देश्य है। जिसके तहत संस्थान द्वारा विभिन्न समाजसेवी कार्य को अंजाम दिया जा रहा है।