पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह को पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. उन्होंने पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव पर बीजेपी को मदद पहुंचाने का आरोप लगाया था.
छत्तीसगढ़ के चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली है. 71 सीट से कांग्रेस सीधे आधे 35 में अटक गई है. बहुमत से 11 सीट पीछे रह गई.इस हार के बाद पार्टी में समीक्षा बैठकों का दौर चल रहा है. लेकिन करारी हार के बाद नेताओं का नाराजगी भी खुलकर सामने आ रही है. दो पूर्व विधायकों ने खुलकर पूर्व डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव और प्रभारी कुमारी सैलजा पर आरोप लगाया है तो दूसरी तरफ पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर हार का ठीकरा फोड़ दिया है. इस तरह की बयानबाजी से पार्टी की केंद्रीय नेतृत्व नाराज हो गया है.
कांग्रेस नेताओ के बयान से कांग्रेस पार्टी नाराज़
दरअसल कांग्रेस पार्टी में हार के बाद सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. नेता एक दूसरे पर हार के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे है. पार्टी चुनाव के रिजल्ट के बाद ठंडा पड़ गई है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष को लेकर भी अबतक कोई निर्णय नहीं हुआ है. लेकिन इस बीच छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के नेता आपस में एक दूसरे पर आरोप लगा रहे है.
इससे कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व नाराज हो गया है. इस लिए पार्टी ने नेताओं के लिए कड़ी चेतावनी दिया है. सभी को अनुशासन में रहने को कहा गया है. किसी भी प्रकार का बयान मीडिया में नहीं देने के लिए कहा गया है. इसके बाद भी को नेता या कार्यकर्ता अनुशासनहीनता के दायरे में आते है उनके खिलाफ कार्यवाही करने की चेतावनी दी गई है.
पार्टी की चेतावनी- किसी प्रकार के बयान मीडिया में न दें
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पार्टी में कुछ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं द्वारा वरिष्ठ नेताओं और एक दूसरे के खिलाफ की जा रही बयानबाजी अवांछित है. सभी कार्यकर्ता अनुशासन के दायरे में रहे. किसी भी प्रकार के बयान मीडिया में न देवें. पार्टी के किसी भी पदाधिकारी, कार्यकर्ता के द्वारा खिलाफ की जा रही सार्वजनिक बयानबाजी अनुशासनहीनता के दायरे में आती है.
नाराज नेता का दावा- 22 विधायकों का टिकट काटना हार की बड़ी वजह
गौरतलब है कि पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह को पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इन्होंने पूर्व डिप्टी सीएम पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि टी एस सिंहदेव ने बीजेपी को चुनाव जिताने में मदद किया है. 22 विधायकों की टिकट काटी गई. अगर टिकट नहीं कटी होती तो इनमे से 15 विधायक चुनाव जीत के आते और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार होती.
इसी तरह पूर्व विधायक विनय जायसवाल ने टिकट के लिए पैसे लेनदेन का आरोप लगाया है. इस लिए दोनो नेताओं को पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है.