राज्य सरकार अपनी नई पॉलिसी के तहत प्रदेश में सरकारी खर्च कम कर रही है। इसे लेकर बुधवार को दो आदेश जारी किए गए हैं। पहल आदेश है वित्त विभाग का। इसमें सभी सरकारी डिपार्टमेंट खर्च कम करने का निर्देश है।
वित्त विभाग ने बड़े प्रोजेक्ट्स के फंड पर फिर अप्रूवल लेने कहा गया है। दूसरा है DMF से जुड़ा। डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड्स पर भी रोक लगा दी गई है। आदेश मंे कहा गया है DMF के पैसों से होने वाले काम जो अब तक शुरू नहीं हुए हैं उनकी फिर से मंजूरी लेनी होगी, मंजूरी लेने के लिए DMF परिषद नए सिरे से बनाई जाएगी।
वित्त विभाग की ओर से आदेश
आदेश संयुक्त सचिव अतीश पांडे की ओर से जारी किया गया है। यह कहा गया है कि राज्य शासन ने सरकारी खर्चे में मित्तव्ययता (खर्च में कमी) बरतने के संबंध में निर्देश दिए हैं। ये आदेश तमाम विभागों के प्रमुख, संभाग आयुक्त और कलेक्टर को जारी भेजा गया है।
निर्देश में लिखा गया है कि राज्य बजट में वित्त पोषित सभी अप्रारंभ निर्माण कार्यों को वित्त विभाग की पुनः सहमति के बाद ही शुरू किया जाएगा। विभागीय गतिविधियों के संचालन के लिए जरूरी चीजों को छोड़कर बाकी की चीजों की खरीदी नहीं होगी। यह आदेश केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए प्रोजेक्ट या केंद्र सरकार के फंड वाले कामों पर लागू नहीं होगा। यह आदेश प्रदेश के सभी सार्वजनिक उपक्रम निगम मंडल आयोग प्राधिकरण जैसी संस्थाओं पर भी लागू होगा।
DMF की परिषद फिर से बनेंगे
खनिज साधन विभाग ने छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम के क्रियान्वयन के संबंध में निर्देश जारी किए हैं। कहा गया है कि जिला खनिज संस्थान न्यास से स्वीकृत कार्य जो प्रारंभ नहीं हुए हैं, उन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के लिए कहा गया है। जो काम शुरू नहीं हुए उनकी पुनः समीक्षा होगी। DMF परिषद के अनुमोदन के अनुसार ही आगे की कार्रवाई होगी।
DMF शासी परिषद की बिना प्रशासकीय स्वीकृति के कोई नया कार्य प्रारंभ नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। जिले के सभी नवनिर्वाचित विधानसभा सदस्य, डीएमएफ शासी परिषद के पदेन सदस्य होंगे। ये भी कहा गया है कि तीन साल तक की अवधि पूर्ण करने वाले जनप्रतिनिधियों-सदस्यों के स्थान पर नये सदस्यों के नामांकन के दिए जाएंगे।