सिम्पलेक्स कासिटग लिमिटेड की प्रबंध निदेशक संगीता केतन शाह ने दर्ज कराया अपराध
भिलाई/ सिम्पलेक्स कासिटग लिमिटेड की प्रबंध निदेशक संगीता केतन शाह उम्र 43 साल ने रेल एंड इंजिनियिरिंग लिमिटेड सरोज कुमार पोद्वार, अक्षय पोद्वार, अमल चंद्र चक्रवर्ती, उत्सव पारेख, सुनील मित्रा, कार्तिकेयन देवरायपुरम रामासामी, दामोदर हजारीमल केला, अशोक कुमार विजय, इंद्रजीत मुखर्जी, वीरेंद्र सिंहा, मृदृला झुनझुनवाला, आशीष कुमार गुप्ता, रूषा मित्रा सभी डायरेक्टर्स टेक्समैको रेल एंड इंजिनियिरिग लिमिटेड पजीकृत कार्यालय बेलघरिया कोलकत्ता- पशिचम बंगाल के द्वारा मेरे कंपनी को घाटा से उबारने के लिये प्रलोभन देकर अपने विश्वास मे लेकर कंपनी पर कब्जा कर धोखा देने के संबध मे एक लिखित शिकायत आवेदन थाना सुपेला में दिया था।
जिस पर सुपेला पुलिस ने 34-IPC, 406-IPC, 420-IPC अपराध दर्ज कर जांच में लिया है।
संगीता केतन शाह प्रबध निदेशक सिम्पलेक्स कास्टिंग लिमिटेड की ओर से शिकायत कहा गया कि। सिम्प्लेक्स कास्टिंग लिमिटेड एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी है और इसे कंपनी अधिनियम, 1956 के प्रावधानो के तहत दिनांक 30.01.1980 को विधिपूर्वक निगमित किया गया था, जिसकाCINNo.L27320MH1980PLC067459 है। कंपनी एक प्रीमियर विनिर्माण कंपनी है और कास्ट आयरन फाउंड्री स्टील एंड अलय फाउंड्री, हैवी इंजीनियरिंग एंड फैब्रीकेशन प्लांट के लिए उपकरण निर्माण, विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रो में स्थित विनिर्माण सुविधाओं के साथ संरचनात्मक निर्माण जैसी गतिविधियों में संलग्न है और बम्बे स्टक एक्सचेंज के साथ सूचीबद्ध है। इसके शेयर जनता और विभिन्न वित्तीय संस्थानों द्वारा ग्रहण किए गए हैं।
जिसका मुख्य आफिस (कार्पोरेट कार्यालय) शिवनाथ काम्पलेक्स जी.ई. रोड सुपेला भिलाई दुर्ग में स्थित है।
यह कि विगत कुछ वर्षो से कंपनी वृत्तीय संसाधनो के आभाव के कारण घाटे में थी इस दौरान मैं बेहद परेशान थी इसी बीच अनावेदकगण मेरे संपर्क में आए जो कि हमारे पूर्व से कस्टमर भी थे जो कि हमारी इस स्थिति से अवगत थे जिन्होने इस मौके का फायदा उठाते हुए हमें घाटे से उबारने हेतू हर संभव मदद आदि तरह-तरह के प्रलोभन देकर कंपनी बचाने में मददगार साबित होने वाले कई सारे झूठे अवशासन दिए एवं मुझे इस सौदे के लिए सहमत करवाए और उरला स्थित हमारी कंपनी ईकाई-2 को बी.टी.ए. बनाकर बिना आर्थिक शर्तो की पूर्ति किये कब्जा कर लिया।
मुझे कंपनी की मदद का प्रलोभन एवं झूठा अवशासन देते रहे और दिनांक 27 अप्रेल 2019 से मेरे यूनिट में न केवल नाजायज कब्जा किए बल्कि मेरी कंपनी का संचालन कर लाभ अर्जित कर उसका भोग किये जा रहे हैं और हमे इस प्रकार उच्चस्तरी कार्पोरेट जालसाजी में फसाकर गंभीर धोखाधड़ी का शिकार किये हैं।
उनके द्वारा मेरे साथ छल कर समय पर पैसे न दिये जाने के कारण मेरी कंपनी पुनः एन.पी.ए. हो गई और मुझे करोड़ो का न केवल आर्थिक नुकसान हुआ वरन मेरी कंपनी कि प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंची है।
आरोपियों द्वारा अपने अत्यधिक लाभप्द वाणिजियक प्रतिष्ठानो के माध्यम से कंपनी को धोखा देने और उसे ठगने के लिए षडयंत्र रचा गया।