वॉशिंगटन। पूरी दुनिया कोरोना वायरस के कारण कराह रही है, वहीं इस माहौल में भी चीन और अमेरिका के बीच सैन्य तनाव लगतार बढ़ता जा रहा है। चीन की नौसेना ने दावा किया है कि साउथ चाइना सी में अमेरिका के एक जंगी जहाज को अपने इलाके से खदेड़ दिया है। उधर, अमेरिका ने चीन के इस दावों का खंडन किया है।इस बीच अमेरिका ने भी अपने बमवर्षक विमानों को भी साउथ चाइन सी गश्त के लिए भेजा है।
चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी की सदर्न थिएटर कमान के प्रवक्ता सीनियर कर्नल ली हुआमिन ने कहा कि चीन ने अमेरिका के गाइडेड मिसाइल विध्वंसक यूएसएस बैरी की टोह लेने के लिए हवाई और समुद्री बलों को मोर्चे पर लगाकर उस अपनी सीमा से बाहर खदेड़ दिया। उन्होंने दावा किया कि अमेरिकी जंगी जहाज दक्षिणी चीन सागर में उसके समुद्री क्षेत्र में था लेकिन अमेरिकी नौसेना ने उनके इस दावे का खंडन किया है।
हुआमिन ने कहा कि अमेरिका की इस हरकत से अंतरराष्ट्रीय कानूनों धज्जियां उड़ाई हैं और चीन की संप्रभुता और सुरक्षा हितों का गंभीर उल्लंघन किया है। इससे हमारी सुरक्षा को खतरा बढ़ा है,इससे अप्रत्याशित परिणाम हो सकते हैं और इससे कोरोना के खिलाफ वैश्विक लड़ाई कमजोर होगी। अमेरिकी नौसेना ने चीन के दावों का खड़न कर कहा है कि टकराव की कोई बात नहीं है और ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है कि चीन के किसी भी जहाज ने कोई अवांछित हरकत की है।
दक्षिण चीन सागर और उसके आसपास के समुद्री इलाके में कई देश अपना दावा करते हैं। चीन इस इलाके में लगातार अपनी सैन्य स्थिति मजबूत कर रहा है। वह फिलीपींस में मूंगे के बने द्वीपों के ऊपर कांक्रीट डालकर उन्हें रिसर्च स्टेशनों में बदल रहा है। असल में ये हथियारों के लिए लांच प्लेटफॉर्म हैं जहां से विमान और मिसाइल तैनात किए जाएंगे।
दक्षिण चीन सागर एक व्यस्त समुद्री मार्ग है जहां से पूरे साल लाखों करोड़ डॉलर का सामान खासकर तेल गुजरता है। इस क्षेत्र पर अपना दावा मजबूत करने के लिए चीन वहां ज्यादा से ज्यादा जंगी और शोध जहाज भेज रहा है। चीन ने दक्षिण चीन सागर में खनिज संसाधनों की थाह लेने के लिए अपना एक जहाज हैयांग दिझी 8 को वहां भेजा है लेकिन अमेरिका को उसकी यह हरकत नागवार गुजरी है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मॉर्गन ऑटेजेस ने कहा, चीन उस समय में अपने अवैध सामुद्रिक दावों को आगे बढ़ा रहा है जब दुनिया कोरोना वायरस से जूझ रही है। यह ठीक नहीं है।