कबीरधाम / छत्तीसगढ़ के कवर्धा में रविवार देर शाम आकाशीय बिजली गिरने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। मृतकों में 16 साल की एक किशोरी और 2 महिलाएं शामिल हैं। सभी एक शादी समारोह से लौट रहे थे। इसी दौरान तेज बारिश होने के कारण सभी पेड़ के नीचे खड़े हुए थे। सूचना पर पहुंची पुलिस उन्हें डायल 112 से अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया। घटना पांडातराई थाना क्षेत्र की है।
जानकारी के मुताबिक, ग्राम चारभाठा खुर्द निवासी सेवरी चंद्रवंशी, नंदिनी चंद्रवंशी और 16 वर्षीय किशोरी तीनों पास के गांव में एक रिश्तेदार के घर शादी समारोह में शामिल होने के लिए गए थे। वहां से सभी पैदल ही शाम करीब 6.30 बजे गांव लौट रहे थे। तभी अचानक तेज बारिश शुरू हो गई। बारिश से बचने के लिए तीनों गांव से कुछ दूर एक पेड़ के नीचे खड़े हो गए। उसी समय तेज गर्जना के साथ आकाशीय बिजली उन पर गिर पड़ी।
ग्रामीणों ने बेहोश पड़े देखा तो पुलिस को सूचना दी
बिजली गिरने से तीनों बेहोश होकर वहीं गिर पड़ीं। थोड़ी देर बाद जब बारिश कम होने पर आसपास के ग्रामीण उधर से निकले। उन्होंने तीनों को पेड़ के नीचे बेहोश पड़े देखा तो परिजनों को सूचना दी। जानकारी मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। तीनों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए, लेकिन बचाया नहीं जा सका। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
प्रदेश के सभी हिस्सों में अच्छी बारिश, बिजली से रहे सावधान
रायपुर में लालपुर मौसम केंद्र के मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा के अनुसार इस साल राज्य के सभी हिस्सों में अच्छी बारिश हो रही है। 10 जिलों में अतिभारी और 12 में भारी बारिश हो चुकी है। चार में सामान्य और सिर्फ एक जिले में ही थोड़ी कम बारिश हुई है। इस तरह पूरे प्रदेश में बारिश का वितरण अच्छा है।
बस्तर में भारी बारिश का अनुमान
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार यूपी से तटीय दक्षिण ओडिशा तक, दक्षिण झारखण्ड और उत्तरी ओडिशा होते हुए मध्य समुद्र तल पर एक द्रोणिका है। उत्तरी छग के उपर 3.1 किमी ऊंचाई तक ऊपरी हवा का एक चक्रवात है। एक ऊपरी हवा का चक्रवात उत्तर तटीय आंध्र के ऊपर भी है। इन सिस्टम के प्रभाव से सोमवार को बस्तर में कहीं-कहीं बारिश होने का अनुमान है।
भास्कर नॉलेज: 3 लाख किमी प्रति घंटा की रफ्तार से धरती पर गिरती है बिजली; इससे बचने के 6 तरीके
- सिर के बाल खड़े हो जाएं या झुनझुनी होने लगे तो फौरन नीचे बैठकर कान बंद कर लें। यह इस बात का संकेत है कि आपके आसपास बिजली गिरने वाली है।
- जहां हैं, वहीं रहे। हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें।
- दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों को घुटनों पर रख कर अपने सिर को जमीन की तरफ जितना संभव हो झुका लें। सिर को जमीन से सटने न दें। जमीन पर कभी न लेटें।
- बिजली से चलने वाले उपकरणों से दूर रहें, तार वाले टेलीफोन का इस्तेमाल न करें। खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहें।
- पेड़ बिजली को आकर्षित करते हैं, इसलिए पेड़ के नीचे खड़े न हों। समूह में न खड़े रहें, अलग-अलग हो जाएं।
- घर से बाहर हैं तो धातु से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल न करें। बाइक, बिजली के पोल या मशीन से दूर रहें।
क्यों गिरती है बिजली?
आकाशीय बिजली इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज है। ऐसा तब होता है, जब बादल में मौजूद हल्के कण ऊपर चले जाते हैं और पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं। भारी कण नीचे जमा होते हैं और निगेटिव चार्ज हो जाते हैं। जब पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज अधिक हो जाता है तब उस क्षेत्र में इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज होता है। अधिकतर बिजली बादल में बनती है और वहीं खत्म हो जाती है, लेकिन कई बार यह धरती पर भी गिरती है। आकाशीय बिजली में लाखों-अरबों वोल्ट की ऊर्जा होती है। बिजली में अत्यधिक गर्मी के चलते तेज गरज होती है। बिजली आसमान से धरती पर 3 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गिरती है।