युक्तियुक्तकरण से जशपुर के ग्रामीण अंचलों में शिक्षा की फिर से जली लौ
शिक्षकों की पदस्थापना से स्कूलों में लौटी रौनक*
*पालकों में उत्साह, बच्चों में नया जोश*
रायपुर /छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और स्कूलों में शिक्षक उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रदेश भर में चलाए जा रहे युक्तियुक्तकरण अभियान के सकारात्मक परिणाम अब स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगे हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में क्रियान्वित इस अभियान से खासकर आदिवासी बहुल और दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में शिक्षा के क्षेत्र में नई उम्मीद जगी है।
फरसाबहार विकासखंड के दो ऐसे प्राथमिक विद्यालय रैगारमुंडा और मुण्डाडीह, जो वर्षों से शिक्षक विहीन थे, अब यहां युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत 2-2 नियमित शिक्षकों पदस्थ हो चुके हैं। रैगारमुंडा शाला, जो कि स्वयं मुख्यमंत्री श्री साय के विधानसभा क्षेत्र कुनकुरी में स्थित है, में दो शिक्षकों की नियुक्ति से गांव में शिक्षा के प्रति वातावरण पूरी तरह से बदल गया है। पूर्व में विद्यालय केवल व्यवस्था अनुसार शिक्षकों के भरोसे चल रहा था, और बच्चों की उपस्थिति नगण्य थी। अब यहां के पालकों में नया विश्वास जगा है और वे पुनः अपने बच्चों का नामांकन स्थानीय शाला में कराने के लिए आगे आ रहे हैं।
इसी प्रकार मुण्डाडीह के प्राथमिक विद्यालय में लंबे समय से शिक्षक न होने के कारण शिक्षण कार्य लगभग ठप था। गांव के लोग आशंकित थे कि कहीं उनके बच्चों का भविष्य अंधकारमय न हो जाए। किंतु अब नियमित शिक्षकों की पदस्थापना से विद्यालय में फिर से पढ़ाई हो सकेगी। विद्यालय की शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष और ग्रामवासियों ने शिक्षकों के आगमन पर उनका आत्मीय स्वागत किया और शासन के प्रति आभार व्यक्त किया।
ग्रामवासी श्रीमती शांति चौहान, जिनकी बेटी कक्षा पाँचवीं में पढ़ती है, भावुक होकर बताती हैं किअब हम निश्चिंत हैं कि हमारे बच्चे भी पढ़-लिखकर कुछ बन पाएंगे। शिक्षक आ गए हैं, ये हमारे लिए बहुत बड़ा तोहफा है।
इस सकारात्मक बदलाव पर माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि शिक्षा को सबसे बड़ी प्राथमिकता देना हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है। मैं स्वयं देख रहा था कि कई विद्यालय शिक्षक विहीन स्थिति में थे, विशेष रूप से सुदूर अंचलों में। इसलिए हमने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता से लागू किया। यह सुनिश्चित किया गया कि जहां-जहां जरूरत है, वहां शिक्षकों की तैनाती हो। जशपुर के फरसाबहार क्षेत्र में जो सकारात्मक बदलाव आ रहा है, वह इस नीति की सफलता का प्रमाण है। यह केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि हमारे बच्चों के भविष्य को संवारने की दिशा में किया गया प्रयास है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी कहा कि सरकार की कोशिश है कि अगले शैक्षणिक सत्र तक प्रदेश के सभी प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में आवश्यक शिक्षक उपलब्ध हों।शिक्षकों की उपस्थिति से बच्चों को अब नियमित मार्गदर्शन मिलेगा, शैक्षणिक गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा और समूचे अंचल में शिक्षा के प्रति जागरूकता की नई लहर दौड़ पड़ी है।
इस प्रकार, जशपुर जिले के रैगारमुंडा और मुण्डाडीह जैसे गांवों में युक्तियुक्तकरण की यह पहल न केवल शिक्षा को बल दे रही है, बल्कि ग्रामीण समाज में सरकार के प्रति विश्वास और सहभागिता का आधार भी मज़बूत कर रही है। यह छत्तीसगढ़ सरकार के संकल्प—“सब पढ़ें, सब बढ़ें” की दिशा में एक सार्थक कदम है।
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